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माल्या-चोकसी की कंपनियों का बकाया बट्टे खाते में, वित्तमंत्री बोलीं- बेशर्मी से मुद्दे पर गुमराह कर रही कांग्रेस । willfull defaulters Mallya-Choksi s companies loans write off Finance Minister says- Congress is shamelessly misleading on the issue | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने ट्वीट में लिखा, “लोकसभा एमपी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस के प्रवक्ता (Congress Spokesperson) रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने बेशर्मी के साथ लोगों को गुमराह की कोशिश की है. बिल्कुल कांग्रेस वाले तरीके से उन्होंने संदर्भ से बाहर निकालकर तथ्यों को सनसनीखेज बनाया है.”

बता दें इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार कानून (RTI) के तहत पूछे गये एक सवाल के जवाब में बताया कि देश के बैंकों ने भगोड़े आर्थिक अपराधी मेहुल चोकसी और विजय माल्या से जुड़ी कंपनियों सहित जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाली शीर्ष 50 डिफाल्टर कंपनियों के 68,607 करोड़ रुपये के बकाये को तकनीकी रूप से बट्टे खाते में डाल दिया है. बैंक के अनुसार यह स्थिति 30 सितंबर 2019 तक की है.

आरटीआई कार्यकर्ता (RTI Activist) साकेत गोखले ने रिजर्व बैंक से सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी. जिसके बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के इस जवाब को सार्वजनिक करते हुए जान-बूझ कर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले शीर्ष 50 कर्जदारों की सूची जारी की, जिसमें विजय माल्या और मेहुल चोकसी के नाम भी थे. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर कहा कि उन्होंने सरकार से संसद में बैंक का कर्ज नहीं लौटाने वाले 50 बड़े डिफाल्टरों के बारे में जानकारी मांगी थी. इस प्रकरण के बाद ही वित्तमंत्री ने ये ट्वीट किए .

वित्तमंत्री ने एक के बाद एक 13 ट्वीट कर रखी अपनी बातवित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक के बाद एक 13 ट्वीट कर इस मामले में अपनी बातें रखीं. पहले ट्वीट में कांग्रेस पर गुमराह करने का आरोप लगाने के बाद उन्होंने लिखा- आगे के ट्वीट में उठाए गए मुद्दों पर प्रतिक्रिया देने के लिए हैं-

आज कांग्रेस के नेताओं ने जान-बूझ कर बैंकों का कर्ज नहीं लौटाने वाले, खराब ऋण और राइट-ऑफ (बट्टे खाते) पर गुमराह करने की कोशिश की. 2009-10 और 2013-14 के बीच अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों ने 145226 करोड़ रुपये की राशि को राइट-ऑफ (बट्टे खाते में) किया था. आशा है कि राहुल गांधी ने डॉ मनमोहन सिंह से सलाह ली होगी कि यह राइट-ऑफ (बट्टा खाता) किस बारे में था.

NPA के लिए आरबीआई के तय किए चार साल के प्रावधान चक्र के हिसाब से नियम तय किए गए हैं. यह पूरा हो जाने पर ही बैंक NPA को राइट-ऑफ (बट्टे खाते) में डालते हैं लेकिन वे उधारकर्ता से वसूली की कोशिश जारी रखते हैं. कोई ऋण माफ नहीं किया गया है.

वे डिफॉल्टर जो भुगतान करने की क्षमता, डायवर्ट या साइफन-ऑफ फंड होने के भुगतान नहीं करते या बैंक की अनुमति के बिना सुरक्षित परिसंपत्तियों का निपटान बैंक की अनुमति के बिना कर देते हैं, उन्होंने जानबूझ कर कर्ज न लौटाने वाले या विलफुल डिफॉल्टर की कैटेगरी में डाला जाता है. ये लोग अच्छी पहुंच वाले प्रमोटर हैं, जो UPA की ‘फोन बैंकिंग’ से फायदा उठा रहे हैं.

श्री रघुराम राजन के शब्दों को याद करने के लिए उपयोगी: “2006-2008 की अवधि में बड़ी संख्या में बुरे ऋणों की उत्पत्ति हुई … बहुत सारे ऋण अच्छी तरह से जुड़े प्रवर्तकों को दिए गए थे, जिनका लोन डीफॉल्टिंग का इतिहास रहा है… सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकरों ने भी प्रवर्तकों का वित्तपोषण जारी रखा… जबकि निजी क्षेत्र के बैंक इससे बाहर हो रहे थे. RBI तब ऋण देने की गुणवत्ता के बारे में और आवाज़ उठा सकता था… “आरआर राजन. (स्रोत: IndiaToday 11,2018 और कई अन्य प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया). 2015 से, भारत सरकार ने सरकारी बैंकों से सभी 50 करोड़ से अधिक के NPA जो कि जानबूझकर कर्ज नहीं चुका रहे हैं कि जांच करने के लिए कहा.

नीरव मोदी केस: 2387 करोड़ रुपये से अधिक की अचल और चल संपत्ति संलग्न / जब्त. (अटैचमेंट 1898 करोड़ रुपये और जब्ती रुपये 489.75 करोड़). इसमें 961.47 करोड़ रुपये के विदेशी अटैचमेंट शामिल हैं. 53.45 करोड़ की लक्जरी वस्तुओं की नीलामी. वह ब्रिटेन की जेल में है.

मेहुल चोकसी केस: 1936.95 करोड़ रुपये की अटैचमेंट्स जिसमें 67.9 करोड़ रुपये का विदेशी संपत्ति शामिल है. 597.75 करोड़ की जब्ती. रेड नोटिस जारी किया. प्रत्यर्पण अनुरोध एंटीगुआ को भेजा गया. भगोड़े अपराधी के रूप में मेहुल चोकसी की घोषणा के लिए सुनवाई जारी है.

विजय माल्या केस: कुर्की के समय कुल मूल्य 8040 करोड़ रुपये था और जब्ती का मूल्य 1693 करोड़ रुपये था. जब्ती के समय शेयरों का मूल्य 1693 करोड़ रुपये था. भगोड़ा अपराधी घोषित. भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध पर ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भी प्रत्यर्पण का फैसला सुनाया है.

यह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार है जो इन विलफुल डिफॉल्टर्स के 9967 रिकवरी सूट, 3515 एफआईआर को आगे बढ़ा रही है, उन मामलों में भगोड़ा संशोधन अधिनियम लागू कर रही है. नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के मामलों में कुर्की और बरामदगी का कुल मूल्य: 18332.7 करोड़ रुपये है.

समग्र रूप से पचास विलफुल डिफॉल्टरों से संबंधित कुल वित्त पोषित बकाया राशि और राशि का बैंक-वार विवरण, लोक सभा के प्रश्न * 305 के अभिनीत प्रश्न के उत्तर के रूप में श्री राहुल गांधी को 16.3.2020 को दिया गया.

इससे पहले 18-11-2019 को लोकसभा में एक अतारांकित सवाल नं 52 मे सरकारी बैंकों से कर्ज लेने वालों को विलफुल डिफाल्टर के तौर पर 30-09-2019 की रिपोर्टिंग के मुताबिक बताया गया था (जिन कर्ज लेने वालों ने 5 करोड़ या उससे ज्यादा का कर्ज लिया हो).

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और श्री राहुल गांधी को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि वे प्रणाली को साफ करने में रचनात्मक भूमिका निभाने में विफल क्यों हैं. न तो सत्ता में रहते हुए, न ही विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने भ्रष्टाचार और वंशवाद को रोकने के लिए कोई प्रतिबद्धता या झुकाव दिखाया.

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