यहां द्रोपदी की तरह कई भाई होते हैं एक ही औरत के पति, देश में कई जगह ऐसी प्रथा ।here one woman marriages to all brothers like draupadi of mahabharat called polyandry in India | knowledge – News in Hindi


द्रोपदी और उसके पांडव पति
आजकल हम लोग दूरदर्शन पर लोकप्रिय महाभारत सीरियल देख रहे हैं, जिसमें द्रोपदी के पांच पति हैं यानि पांच पांडव भाइयों से उसकी एक साथ शादी हो गई. हमारे देश में ऐसी प्रथा कई स्थानों पर है. खासकर हिमाचल में ये प्रथा चर्चा में रहती है लेकिन दक्षिण भारत और नार्थ ईस्ट में भी ऐसी परंपरा लबे समय से है
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के इलाकों में बहुपति प्रथा अब कम बेशक हो चुकी है लेकिन कायम जरूर है. तिब्बत में भी इसका उल्लेख मिलता है. हिमाचल और उत्तराखंड दोनों राज्यों के कबायली इलाकों में आज भी कई महिलाओं के एक से लेकर पांच-सात पति तक हैं. दक्षिण भारत और नार्थ ईस्ट में कई जनजातियों में ये प्रथा है.
इस प्रथा को लेकर पिछले दिनों में विदेशी मीडिया में भी काफी चर्चा रही है. सीएनएन और ब्रिटेन की प्रमुख वेबसाइट मेल आनलाइन ने काफी विस्तार से रिपोर्ट्स दी हैं. इस प्रथा में एक स्त्री को पति के भाइयों से भी शादी करनी होती है. पहले वो परिवार के किसी एक पुरुष से शादी करती है और फिर उसकी शादी उसके भाइयों से भी होती जाती है.
पति बारी -बारी से समय गुजारते हैंइन सभी शादियों में सभी पति बारी बारी से पत्नी के साथ समय गुजारते हैं. आमतौर पर कोई शिकायत सामने नहीं आती. यहां की महिलाएं भी खुशी-खुशी इस परंपरा को स्वीकार करती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी भारत में हिमाचल के किन्नौर और उत्तराखंड में चीन से सटे इलाकों में ये प्रथा है.
हिमाचल की बहुपति परंपरा में एक ही छत के नीचे रहने वाले परिवार के सभी भाई एक ही युवती से परंपरा के अनुसार, शादी करते हैं. वैवाहिक जीवन जीते हैं. अगर किसी महिला के कई पतियों में से किसी एक की मौत भी हो जाए तो भी महिला को दुख नहीं मनाने दिया जाता.
टोपी बताती है कि कोई भाई है इस समय पत्नी के साथ
शादी के बाद भाइयों के बीच विवाहित जीवन को लेकर एक सहमति बन जाती है. एक टोपी उसमें खासा अहम रोल निभाती है. अगर किसी परिवार में चार भाई हैं. सभी का विवाह एक ही महिला से हुआ है. ऐसी स्थिति में अगर कोई भाई महिला के साथ कमरे में है तो वो बाहर दरवाजे पर अपनी टोपी रख देता है. इससे मालूम हो जाता है कि कोई भाई अंदर है. तब कोई भाई उस कमरे में नहीं घुसता.

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में अब भी एक औरत परिवार के सभी भाइयों की पत्नी होती है. उनसे उसकी शादी होती है. यानि सारे भाइयों के बीच एक ही पत्नी होती है
इस विवाह को बोला जाता है ञमफो पोसमा
फारवर्ड प्रेस ने इसे लेकर एक लंबा इंटरव्यू भी किया था. जिसके अनुसार इस तरह के विवाह को बेशक कानूनी मान्यता नहीं मिली है लेकिन ये समाज का ऐसा कस्टम है, जिसे स्वीकार्यता मिली हुई है. इस तरह के विवाह को ञमफो पोसमा बाेला जाता है. अलबत्ता इन जगहों पर अंतरजातीय विवाह को जरूर अच्छी निगाह से नहीं देखा जाता.
कैसे होता है तलाक
इस विवाह में तलाक का भी रिवाज होता है. इसके लिए सभी भाइयों को साथ जाकर तलाक की पारंपरिक परंपरा को पूरा करना होगा. इसमें दोनों पक्षों के बीच लोग बैठते हैं. एक सूखी लकड़ी जाती है. इस लकड़ी को लेकर तोड़ दिया जाता है. लक्कड़ तोड़ने का मतलब होता है तलाक लेकर अलग हो जाना. इसके बाद संबंध खत्म हो जाता है. हालांकि तलाक के बाद कई बार फिर सहमति बनने पर दोबारा शादी का भी प्रावधान होता है.
भारत में अन्य स्थानों पर बहु पति प्रथा
देश में कई जगहों पर बहु पति प्रथा का उल्लेख मिलता है. अंग्रेजों के जमाने में जब 1911 में जनगणना हुई तो उसमें कई जातियों और स्थानों पर बहु पति प्रथा का उल्लेख किया गया. वैसे दक्षिण भारत में नीलगिरी पहाड़ियों में रहने वाले तोड़ा ट्राइब्स में इसका रिवाज है. केरल की नायर महिलाएं भी ऐसा करती हैं. कई नायर जातियों में ये होता है. हिमाचल में ही जानसार-बावर में ये प्रथा जारी है. अरुणाचल में भी खास आदिवासी जनजाति के बीच ऐसा रिवाज है.
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First published: April 28, 2020, 5:35 PM IST