छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

लॉकडाउन में गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों की मनमानी

भिलाई। एक ओर जहाँ पूरा देश कोरोना संक्रमण की रोकथाम में एकजुट होकर लॉकडाऊन हेतु जारी निर्देशों का पालन कर रहा है। वहीं दूसरी ओर थोड़ी से छूट मिलते ही नॉन बैंकिंग वित्तिय संस्थानों ने अपना रंग दिखाने से बाज नहीं आ रही हंै। कुछ ऐसे ही वित्तीय संस्थानों ने बकाया ऋणों की वसूली के लिए कर्जदारों पर तरह-तरह से दबाव बनाना प्रारंभ कर दिया है। श्रीराम फायनेन्स कम्पनी ने अपने मैदानी अमले को कर्जदारों से किसी भी तरह बकाया वसूली करने का मौखिक निर्देश दिया है। कम्पनी के कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, अगर फील्ड में जाते हैं तो चौक-चौराहों पर तैनात पुलिस रोकती है और सड़क पर आने का कारण पूछती है। कम्पनी ने न तो लिखित आदेश दिया है जिसके आधार पर प्रशासन से अनुमति पत्र/पास प्राप्त किया जा सके। ना ही स्वयं पास उपलब्ध करा रही है। यदि कर्मचारी इन बातों को प्रबंधन के समक्ष उठाता है तो उसे नौकरी से निकाल दिये जाने का भय बना रहता है। और यदि कम्पनी प्रबंधन के निर्देशों का पालन करते हुए ग्राहक के दरवाजे तक पहुँचे तो ग्राहक जलील करता है इस तरह कम्पनी के वसूली कर्मचारियों के समक्ष अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है। ऐसा करने वालों में श्रीराम फायनेन्स कम्पनी अकेली नहीं है ऐसी कई कम्पनियों के कार्यालय शहर में संचालित हैं। प्रशासन को गैर बंैकिंग वित्तीस संस्थानों द्वारा कोरोना संक्रमण काल में अपनायी जा रही है अनुचित कार्यप्रणाली पर  निगाह बनाये रखने की जरूरत है अन्यथा दबाव में अनुचित परिणाम की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

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