एचएमएस ने की अप्रेंटिस के छात्रों को मानदेय के भुगतान पर चर्चा

भिलाई। भिलाई श्रमिक सभा एचएमएस की बैठक ऑडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा संपन्न हुई। बैठक में यूनियन के महासचिव प्रमोद कुमार मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को यूनियन की बैठक सीजीएम इंचार्ज वित्त एवं लेखा सुरेश रंगानी एवं महाप्रबंधक आरके बिस्सा के साथ हुई जिसमें अप्रेंटिस के छात्रों को मानदेय के भुगतान पर चर्चा की गई एजिसमें महाप्रबंधक श्री आरके बिस्सा ने स्पष्ट किया कि लॉक डाउन होने पर रोस्टर प्रणाली में कर्मचारियों के कार्य करने के कारण विलंब हुआ हैए सभी अप्रेंटिस छात्रों को मंगलवार तक लगभग 80 लाख का पूर्ण भुगतान कर दिया जाएगा जिसमें 2 बैच में छात्र आए हुए हैं प्रथम बैच दिसंबर प्रथम सप्ताह में ज्वाइन किए हुए 245 छात्र हैं एवं दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ज्वाइन किए हुए 147 छात्र हैं । यूनियन पिछले 10 दिन से इन छात्रों को मानदेय दिलाने हेतु प्रयासरत थी।
उप महासचिव धनंजय चतुर्वेदी एवं प्रवक्ता साजिद खान ने वित्त विभाग में डायरी डिस्पैच की प्रक्रिया ना अपनाए जाने पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए आरोप लगाया कि कर्मचारियों के पत्र वित्त विभाग तक पहुंचने के पश्चात डायरी नहीं होने के कारण एक ही पत्र को दो या तीन बार देना पड़ता है एवं बार-बार वित्त विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है। इस पर सीजीएम प्रभारी रंगानी ने इसकी पूर्ण जानकारी लेकर इसमें सुधार करने का प्रयास करने की बात कही एवं उन्होंने सुझाव दिया कि इन पत्रों को विभाग द्वारा स्कैन कर ई.मेल द्वारा भेजने से इस प्रकार की समस्या से निजात मिल सकता है।
यूनियन के साथ चर्चा में प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष एच एस मिश्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में शासन एवं प्रशासन के सार्थक प्रयास द्वारा कोरोना संकट से लगभग मुक्ति पा ली है इसके लिए जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
श्री मिश्र ने केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों के डीए की वृद्धि को रोकने के फैसले की निंदा की एवं कहा कि राष्ट्रीय महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू द्वारा भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस फैसले को वापस लेने की अपील की गई है एवं कहा है कि केंद्रीय कर्मचारी भी करोना संकट में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए पूर्ण निष्ठा से कार्य कर रहे हैं उन्हें कैश अवार्ड एवं रिवॉर्ड दिया जाना चाहिए। श्री मिश्र ने आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि यदि सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों पर केंद्र सरकार द्वारा डी ए की वृद्धि को रोकने का प्रयास किया गया तो उग्र आंदोलन होगा जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबंधन एवं सरकार की होगी।
उपाध्यक्ष दीपक मुदलियार ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी करोना संकट में भी उत्पादन को बनाए रखने हेतु संघर्ष कर देश सेवा कर रहे हैं तथा एसईसीएल कोरबा रेड जोन में आने के बावजूद वहां के कर्मचारी पूर्ण रूप से कोयला उत्पादन में लगे हुए हैं ताकि विद्युत का उत्पादन देश में बाधित ना हो। इसलिए इन कर्मचारियों के डीए को रोकना न्याय संगत नहीं होगा। बैठक में उप महासचिव हरिराम यादव एवं व्ही के सिंह भी शामिल थे।