छत्तीसगढ़

एमएसएमई उद्योगों के श्रमिकों को ईएसआईसी से वेतन भुगतान की तैयारी

शमशेर खान,भिलाई। लॉकडाउन के बीच प्रदेश के लघु एवं मध्यम उद्योगों में तालाबंदी समाप्त हो गई है। इन उद्योगों में धीरे-धीरे काम तेजी पकडऩे लगा है। इस बीच इन उद्योगों में काम कर रहे श्रमिकों के लिए जो ईएसआईसी के दायरे में आते हैं उनके लिए राहत भरी खबर है। केंद्र सरकार का प्रयास है कि, ऐसे श्रमिकों को ईएसआईसी के द्वारा 70 प्रतिशत पेमेंट का भुगतान किया जा सके। छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के महासचिव के.के.झा लॉकडाउन के बाद से ही प्रयासरत थे कि श्रमिकों को वेतन देने की जिम्मेदारी ईएसआईसी पर डाली जाए ताकि तालाबंदी के स्थिति में उद्योगपतियों को कुछ राहत मिल सके।
जानकारी के अनुसार केंद्रीय उद्योग मंत्री नितिन गडकरी इस संबंध में प्रयासरत हैं कि, लॉकडाउन के कारण एमएसएमई उद्योगों में काम कर रहे श्रमिकों को ईएसआईसी द्वारा वेतन भुगतान कराया जा सके। यदि ऐसा होता है तो श्रमिकों को उनकी वेतन का 70 प्रतिशत का भुगतान ईएसआईसी करेगा। इससे पूरे देश के लगभग 4.2 करोड़ श्रमिकों को फायदा पहुचेगा वहीं प्रदेश के 6 लाख 20 हजार श्रमिकों को इसका लाभ मिलेगा। महासचिव झा ने बताया कि, लॉकडाउन लगने के साथ ही उद्योगों में तालाबंदी के बाद श्रमिकों को वेतन भूगतान एक बड़ी समस्या थी। इसलिए वे प्रदेश के औद्योगिक संगठनों एवं इसके पदाधिकारियों से लगातार चर्चा कर रहे थे।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा को भी उन्होंने पत्र लिखकर उद्योगों के सामने आ रही समस्याओं से अवगत कराया था। साथ ही श्रमिकों के भुगतान के लिए ईएसआईसी को निर्देश देने की मांग की थी। झा ने बताया कि, छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ ही देश के अन्य राज्यों के भी औद्योगिक संगठनों ने श्रमिकों के वेतन को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाया था। इसी का सुखद नतीजा है कि, केंद्र सरकार ने इस दिशा में पहल की है। केंद्रीय उद्योग मंत्री नितिन गडकरी प्रयासरत है कि, उद्योगों में काम कर रहे श्रमिकों को जल्द से जल्द ईएसआईसी द्वारा वेतन का भुगतान करा दिया जाए ताकि उद्योगपतियों पर वेतन का भार कुछ कम हो और वह अपने उद्योगों को सुचारू रूप से प्रारंभ कर सकें।
ईएसआईसी के सुत्रों के अनुसार केंद्र सरकार श्रमिकों के खाते में सीधे पैसा भेजेगी। इसमें दिक्कत यह आ रही है कि, बहुत से श्रमिकों का बैंक खाता नहीं है। ऐसी स्थिति में एक मैकेनिज्म तैयार किया जा रहा है ताकि कोई भी श्रमिक जो ईएसआईसी के दायरे में आता है छूटने ना पाए तथा उसे इसका पूरा लाभ मिले।
पुरानी पुलिस लाईन के लोगों ने गजभिये के माध्यम से 12 हजार नगद सहित सूखा राशन और सब्जी किये दान
भिलाई। लॉकडाउन किये जाने के वक्त प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि चिंता न करें, प्रदेश में कोई भूखा नहीं सोयेगा। जरूरतमंदों तक भोजन/राशन समय पर पहुंचे, यह उनकी और हमारी प्राथमिकता होगी इसी का पालन करते हुए हमने निर्णय लिया है ऐसे जरूरतमंद लोग, जिनके पास वर्तमान में किसी कारणवश राशन कार्ड नहीं हैं, या भोजन सामग्री नहीं है उन्हें भी राशन पहुंचाया जा रहा है। उक्त बाते आरटीआई एवं सामाजिक कार्यकर्ता सोनिया गजभिये ने कही। गजभिये ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना जैसे महामारी से लडऩे की तैयारी में दुर्ग जिले की ओल्ड पुलिस लाइन से पुलिस परिवार की महिलाओं ने 12000 हजार रुपये, 55 किलो चावल, 3 किलो दाल और साथ ही दुर्ग जिले के लिटिया सिमरिया चौकी में पदस्थ आरक्षक पुशपेंद् त्रिपाठी ने 50 किलो लौकी, 30 किलो कद्दू , हरि मिर्च और 25 किलो चावल सोनिया गजभिए को दान दिए। आमजन के सहयोग से हम हर स्तर पर इस संकट से जूझ रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं। दान दाताओं के नाम : रेणु पांडे, शैल पांडे, पुष्पा ठाकुर, पुष्पा जोशी, सरस्वती साहू, रमेशवरी लोनहारे, बाली वर्मा, पुष्पेंद् त्रिपाठी एव अन्य 45 महिलाएं हैं। आप सभी का सहयोग निरंतर बना रहे।

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