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फ्रेंकलिन के बाद दूसरी म्यूचुअल फंड्स स्कीम में पैसा लगाने वालों को क्यों नहीं घबराना चाहिए?-What should mutual fund investors do after Franklin Templeton winds up six debt funds | business – News in Hindi

फ्रेंकलिन के बाद दूसरी म्यूचुअल फंड्स स्कीम में पैसा लगाने वालों को क्यों नहीं घबराना चाहिए?

म्यूचुअल फंड्स स्कीम से जुड़े इस तरह की विज्ञापन अक्सर हम टीवी पर देखतें है. लेकिन इस समय निवेशकों की सबसे बड़ी परेशानी फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड की छह स्कीम्स के बंद होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यहीं उठ रहा है कि क्या दूसरी स्कीम्स भी इस संकट में बंद हो जाएंगी पैसो क्या होगा?

म्यूचुअल फंड्स स्कीम से जुड़े इस तरह की विज्ञापन अक्सर हम टीवी पर देखतें है. लेकिन इस समय निवेशकों की सबसे बड़ी परेशानी फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड की छह स्कीम्स के बंद होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यहीं उठ रहा है कि क्या दूसरी स्कीम्स भी इस संकट में बंद हो जाएंगी पैसो क्या होगा?

नई दिल्ली. म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) निवेश बाजार के जोखिम के अधीन हैं. इस डिस्क्लेमर की अनदेखी सही नहीं है. म्यूचुअल फंड किसी भी रिटर्न की गारंटी नहीं देते हैं. उनसे मिलने वाला आपका रिटर्न पूरी तरह से उनके निवेश के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. म्यूचुअल फंड्स स्कीम से जुड़े इस तरह की विज्ञापन अक्सर हम टीवी पर देखतें है. लेकिन इस समय निवेशकों की सबसे बड़ी परेशानी फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड की छह स्कीम्स के बंद होने के बाद सबसे बड़ा सवाल यहीं उठ रहा है कि क्या दूसरी स्कीम्स भी इस संकट में बंद हो जाएंगी पैसो क्या होगा?

सबसे पहले तो आपको बता दें कि फ्रेंकलिन टेम्पलटन इंडिया म्यूचुअल फंड ने 23 अप्रैल 2020 से 6 ओपन एंडेड डेट फंड बंद कर दिए हैं. टेम्पलटन ने कहा है कि इन फंड में लिक्विडिटी बहुत कम है और यील्ड में बढ़ोतरी हो रही है.

अब तक जिन निवेशकों ने फ्रैंकलिन के इन म्यूचुअल फंड में निवेश किया है, उनका कई चरणों में पैसा वापस कर दिया जायेगा. फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंडिया म्यूचुअल फंड ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई स्थितियों में डेट फंड में रकम फंसने का डर बढ़ा है.

क्यों अन्य स्कीम में पैसा लागने वालों को घबराना नहीं चाहिए?फ्रेंकलिन टेम्पलटन इंडिया की बंद होने वाली स्कीम्स में सभी डेट फंड्स है. इन स्कीम्स में लगा हुआ पैसा फंड हाउस फिक्स्ड इन्कम सिक्योरिटीज़ जैसे कि गर्वनमेंट सिक्योरीटीज़, कॉर्पोरेट बॉन्ड, सर्टिफ़िकेट ऑफ़ डिपोज़िट और में निवेश करता है.

किसी भी डेट फंड के पोर्टफोलियो में 8-10 अलग-अलग बॉन्ड्स होते हैं, जिनसे किसी एक पक्ष से जुड़े रिस्क का असर घटता है. डेट म्यूचुअल फंड्स बैंकों के कन्वर्टिबल डिबेंचर, कमर्शल पेपर, गवर्नमेंट सिक्यॉरिटीज या कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश करते हैं.

वहीं अब लॉकडाउन की वजह से बिजनेस गतिविधियां बंद हो गई है. ऐसे में इन फंड्स के पास नकदी की कमी हो गई है.

क्योंकि बीते एक साल में DHFL और ILFS की वजह से कंपनियों के पास फंड्स की कमी हो गई है और अब शॉर्ट टर्म लोन अटक गया है.

अगर आसान शब्दों में कहें तो आपने किसी डेट फंड्स में 15000 रुपये लगाए तो फंड हाउस उसे आगे शॉर्ट टर्म लोन के तौर पर कंपनी को देता है ऐसे में उस पर मिले ब्याज को फंड हाउस निवेशक के साथ बांटता है.

लेकिन अब बिजनेस गतिविधियां बंद है. लिहाजा लोन की वापसी नहीं हो रही है. इसीलिए फंड हाउस के पास पैसों की तंगी हो गई है. लिहाजा फंड हाउस ने स्कीम्स बंद करने का फैसला किया है.

क्या बंद हो जाएंगी दूसरी स्कीम्स

अब अगर इक्विटी म्युचूअल (शेयर बाजार पर आधारित) फंड्स स्कीम्स की बात करें तो ये शेयर बाजार के रिटर्न पर आधारित होती है. शेयर बाजार में गिरावट आने पर इनकी NAV कम हो जाती है. वहीं, तेजी आने पर ये बढ़ जाती है. इसीलिए एक बात तो साफ है कि आपके इक्विटी म्युचूअल फंड्स पर फ्रेंकलिन की ओर से बंद की गई स्कीम्स पर सीधे तौर से तो कोई असर नहीं होगा.

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First published: April 24, 2020, 11:22 AM IST



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