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दुनिया की पहली सीरियल किलर, जुर्म साबित होने पर मिली रेप की सज़ा locusta the poisoner was first serial killer in history | knowledge – News in Hindi

इतिहास में एक से बढ़कर एक खूंखार अपराधियों का जिक्र मिलता है जो हत्याएं करने के शौकीन थे. सीरियल मर्डर करने वाले ऐसे लोग जब पकड़ाई में आते हैं तो सजा भी मिलती है लेकिन आमतौर पर ये सजा ताउम्र कैद या ज्यादा से ज्यादा फांसी में बदल जाती है. हालांकि इतिहास में जिस सबसे पहले सीरियल किलर का नाम मिलता है, वो रोम की एक बेहद हसीन औरत थी, जिसे लोगों को मारने का शौक था.

राजा की हत्या के लिए हुआ संपर्क
रोम के शासक नीरो (Nero) की मां (Agrippina) ने राजसी खानदान के कई लोगों को मारने के लिए लॉकस्टा नाम की स्त्री से संपर्क किया. की जाने वाली हत्याओं की लिस्ट में खुद Agrippina का अपना पति Claudius भी था. इस राजसी जोड़े की शादीशुदा जिंदगी काफी खराब चल रही थी और Agrippina का मानना था कि उसका पति एक खराब शासक भी है, लिहाजा सत्ता उसके बेटे के हाथ आनी चाहिए. Agrippina ने इसके लिए लॉकस्टा से संपर्क किया.

पिता की हत्या के बाद रोम की गद्दी 16 साल के नीरो ने संभाली

विज्ञान सीखने का था जुनून
लॉकस्टा को मध्यकाल का पहला वैज्ञानिक भी माना जाता है, जिसे विज्ञान पढ़ने और प्रैक्टिकल करने का खासा शौक था. फ्रांस में जन्मी इस महिला ने अपने आसपास के सारे पेड़-पौधों के गुण-दोष समझ लिए थे और उनपर प्रयोग करती रहती. रोम आने पर उसने पाया कि लोग काफी महत्वाकांक्षी हैं और इसके लिए अपने दुश्मनों को मारने से परहेज नहीं करते, बस मौत प्राकृतिक लगनी चाहिए. लोगों की इसी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए दवाएं बनाने के साथ-साथ लॉकस्टा को खतरनाक जहर बनाना भी आ चुका था. कहा जाता है कि ये जहर इतना खतरनाक होता था कि सेकंड्स में इंसान की जान चली जाती थी.

ऐसे की राजा की हत्या
लॉकस्टा ने महारानी के साथ मिलकर महाराज की पसंदीदा मशरूम की सब्जी में ये जहर मिला दिया और खाते-खाते ही उनकी जान चली गई. वो 13 अप्रैल 54 A.D की बात है. तब गद्दी पर बैठे नीरो की उम्र सिर्फ 16 साल थी. किसी को शक न हो, इसलिए महारानी ने जहर देने के आरोप में लॉकस्टा को जेल में डलवा दिया. कुछ महीनों बाद नए-नए राजा बने नीरो ने खुद ही उसे बाहर निकलवाया.

दवाएं बनाने के साथ-साथ लॉकस्टा को खतरनाक जहर बनाना भी आ चुका थ

नीरो के अपने डर थे. जैसे वो अपने पिता की चौथी पत्नी का बेटा था और उसे डर था कि तीसरी पत्नी का बेटा बड़ा होने पर सत्ता के लिए लड़ाई कर सकता है. नीरो ने लॉकस्टा को इसी शर्त पर रिहा किया कि वो न केवल उसके सौतेले छोटे भाई को, बल्कि जिसे भी वो कहे, उसे जहर देगी. लॉकस्टा राजी हो गई. इस तरह से शुरू हुई एक सीरियल किलर की कहानी.

पेशे की तरह अपना लिया
हर हत्या के बाद नीरो लॉकस्टा को खूब धन-दौलत देता. अब लॉकस्टा इसे पेशे की तरह देखने लगी. कई सालों तक उसने न केवल रोम के शासक नीरो के लिए, बल्कि बहुत से व्यापारियों, राजपरिवार के दूसरे लोगों, सैनिकों सबके लिए ये काम किया. बदले में वो निश्चित रकम या जमीन मांगती. कहा जाता है कि वो जहरखुरानी के लिए लोगों को ट्रेनिंग देने का भी काम करने लगी. रोम में ही उसने एक स्कूल खोल लिया, जहां वैसे तो औषधियों की ट्रेनिंग दी जाती थी लेकिन जानने वालों को वो जहर बनाना भी सिखाने लगी. लॉकस्टा को ‘agent of death-by-poison’ भी कहा जाने लगा. इतनी कुख्याति के बाद भी वो खुश थी और लोगों को शौकिया भी मारने लगी थी.

लॉकस्टा जहरखुरानी के लिए लोगों को ट्रेनिंग देने का भी काम करने लगी

मिली बर्बरतम सजा
बाद में रोम की सीनेट ने नीरो और लॉकस्टा के खिलाफ कार्रवाई की ठानी. ये 64 AD की बात है. लेकिन इससे पहले कि कोई और मारे या बंदी बनाए, नीरो ने खुद को ही कटार मार दी. इसके बाद लॉकस्टा की बारी थी. सीनेट ने उसके लिए एक बेहद क्रूर सजा सुनाई. उसे बिना कपड़ों के शहर के बीचोंबीच खड़ा किया गया और एक ट्रेंड जिराफ को उसके पास लाया गया. इस जिराफ को बलात्कार का प्रशिक्षण दिया गया था. जिराफ के रेप के बाद मृत लॉकस्टा को जंगली जानवरों के सामने फेंक दिया गया. साल 1908 में बनी एक फिल्म Humanity Through the Ages में इस औरत का जिक्र भी है कि कैसे हजारों हत्याओं के बाद इसकी हत्या की गई. जहर देने वाली इस मध्ययुगीन महिला के चरित्र पर कई और फिल्में और टीवी शो भी बने, जिनमें पुराने युग की क्रूरता को खुलकर दिखाया गया है.

हालांकि लॉकस्टा की सजा के बारे में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं. केवल माइकल न्यूटन की किताब The Encyclopedia of Serial Killers में इस चरित्र और उसे मिली जघन्य सजा का जिक्र है. वहीं एक ग्रीक हिस्टोरियन Cassius Dio ने लिखा था कि लॉकस्टा को वस्त्रहीन करके पूरे शहर में घुमाया गया और फिर मार दिया गया.

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