छत्तीसगढ़

दिव्यांग कोरोना कर्मवीर, स्वास्थ्य संयोजक परमेश्वर की कहानी उन्हीं की जुबानी

कांकेर सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

दिव्यांग कोरोना कर्मवीर, स्वास्थ्य संयोजक परमेश्वर की कहानी उन्हीं की जुबानी…

कांकेर-75% प्रतिशत शारीरिक अक्षमता के बावजूद भी जिनके बुलंद हौसले के सामने लाचारी और बेबसी ने भी घुटने टेक दिए ऐसे कोरोना वारियर्स का नाम है परमेश्वर केमरो।

 

परलकोट जैसे सुदूर संवेदनशील नक्सलगढ़ उप स्वास्थ्य केंद्र परतापुर में बतौर ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक(RHO) के पद पर पदस्थ परमेश्वर बताते हैं कि वर्ष 2017 में एक दुर्घटना के दौरान उन्हें अपना दायां पैर जीवन भर के लिए खो दिया और कृत्रिम

 

अंग के सहारे उन्हें जीवन यापन चलाने पर मजबूर होना पड़ा। लेकिन इस मजबूरी ने उनके कर्तव्य परायणता को और अधिक मजबूत किया। कोविड-19 संक्रमण काल में, उप स्वास्थ्य केंद्र परतापुर जहां की जनसंख्या 2492 है, 300 घरों का सर्वे कर 25 व्यक्तियों को होम आइसोलेशन पर रखा गया है। उनकी निगरानी कर, जनसमुदाय को कोरोना संक्रमण के बचाव संबंधी जानकारी देना अपनी पूजा मानकर करते हैं।
उनके कर्तव्य की एक बानगी देखते बनती है, जब किसी कारण से उनका कृत्रिम पैर का लॉक थोडा ढीला हो गया और एक लाठी के सहारे अपनी ड्यूटी पूरी की। ऐसे कर्म वीरों से देश का दामन सजता है।
स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के जिला सह मीडिया प्रभारी अशोक कुमार नाग ने बताया की आज हमारे आर एच ओ साथी जान की बाजी लगाकर बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे आगे हैं। आप सब से अपील है की जनहित और देश हित देशहित में हमारा सहयोग करें। निश्चित ही वह कठिनाइयों का दौर जाएगा और जल्द ही सुखद सवेरा आएगा। स्वस्थ रहें सुरक्षित रहें घर पर रहे, स्वास्थ्य विभाग आपके साथ हैं।

 

 

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