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अमेरिकी डॉक्टर आखिर मौत देने वाली दवा से क्यों करना चाहते हैं COVID-19 का इलाज – Death Penalty Drugs to Treat Covid-19? US Doctors Say Medicine Can Save Lives of Patients on Ventilators | america – News in Hindi

आखिर मौत देने वाली दवा से COVID-19 का इलाज क्यों करना चाहते हैं अमेरिकी डॉक्टर?

अमेरिकी डॉक्टरों के एक पैनल ने बढ़ाई दुनिया की मुश्किल. (सांकेतिक फोटो)

डॉक्टरों के एक समूह ने अमेरिका के सभी राज्यों से COVID-19 के इलाज के लिए मृत्युदंड में दी जाने वाली दवा मांगी है.

ह्यूस्टन. चीन (China) से दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण अब तक 1.77 लाख लोगों की जान ले चुका है, जबकि 25 लाख से अधिक लोग बीमार हो चुके हैं. कोरोना वायरस के असर को कम करने के लिए दुनियाभर के डॉक्टर नए-नए तरीके अपना रहे हैं. डॉक्टरों की इन्हीं कोशिशों में से एक ने कोरोना वायरस का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल डॉक्टरों के एक समूह ने COVID-19 के इलाज के लिए मृत्युदंड में दी जाने वाली दवा अमेरिका के सभी राज्यों से मांगी है.

सात फार्मासिस्टों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और गंभीर बीमारी का इलाज करने वाले डॉक्टरों के एक समूह ने अमेरिका के सभी राज्यों से पूछा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए क्या वह अपने यहां मृत्युदंड में इस्तेमाल किए जाने वाली दवा उन्हें दे सकते हैं.

अपने पत्र में डॉक्टरों के इस समूह ने लिखा है कि राज्यों के पास रखे स्टॉकपिल से सैकड़ों लोगों की जिंदगी को बचाया जा सकता है. जो कोरोना वायरस से हो रही मौतों का एक छोटा सा ही हिस्सा होगा. हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि क्या राज्यों के पास ऐसी दवाएं हैं या नहीं. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि इस तरह की दवाओं को रखने के लिए कई तरह के प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया जाता है. यही कारण है कि वायोमिंग को छोड़कर किसी भी राज्य ने इस पत्र का जवाब अभी तक नहीं दिया है.

डॉक्टरों के समूह में शामिल डॉ. जोएल जिवेट ने कहा, मैं मृत्युदंड दिए जाने के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहा हूं. मैं अब मरीजों के चिकित्सक के रूप में दवा के बारे में पूछ रहा हूं, कृपया मेरी मदद करिए.इसे भी पढ़ें :- सिंगापुर में लॉकडाउन 1 जून तक बढ़ाया गया, कोरोना के मामले बढ़े

दर्द के इलाज में भी दी जाती है ऐसी ही दवाएं
उन्होंने बताया कि ज्यादातर लोगों में कोरोना वायरस के काफी हल्के लक्षण दिखाई देते हैं. बुखार और खांसी जो दो से तीन सप्ताह तक अगर बनी रहे तो ऐसे लोगों के बारे में पहले ही पता चल जाता है, लेकिन कुछ लोगों में यह एक गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है. इससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा जाता है. उन्होंने कहा कि कई दवाओं का इस्तेमाल लोगों को बेहोश करने और वेंटिलेटर पर रखने के लिए किया जाता है. दर्द का इलाज करने के लिए भी उन दवाओं का इस्तेमाल होता है जो कैदियों केा मौत के घाट उतारने में किया जाता है. ऐसी दवाओं की मांग मार्च में 73 प्रतिशत तक बढ़ गई है.

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अमेरिका के 25 राज्यों में मृत्युदंड का है प्रावधान
बता दें कि अमेरिका के 25 राज्यों में मृत्युदंड का प्रावधान है जबकि तीन में मृत्युदंड पर रोक है. इन्हीं राज्यों में से एक फ्लोरिडा और अलाबामा से जब इस बारे में जानकारी इकट्ठा की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया ज​बकि अरकंसास, टेक्सास और यूटाह ने साफ तौर पर कहा कि उनके पास ऐसी दवाएं हैं ही नहीं.

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