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बड़ा सहारा बनकर उभरी पीएम-किसान स्कीम, खेती के लिए मिली 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक की मदद, PM kisan samman nidhi scheme emerged as a big help for farmers and government more than 70000 crore rupees release-Ministry of Agriculture-dlop | business – News in Hindi

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (PM kisan samman nidhi scheme) लॉकडाउन के दौरान किसानों और सरकार का बड़ा सहारा बनकर उभरी है. वरना कोविड-19 में सरकार को किसानों के लिए कुछ न कुछ अलग से करना पड़ता. अभी पीएम-किसान योजना के लिए पहले से तय बजट में से ही पैसा भेजकर राहत दी जा रही है. लॉकडाउन लगने के बाद पीएम-किसान योजना के तहत देश के 8.89 करोड़ किसानों (Farmers) को 17,793 करोड़ रुपये भेजे गए हैं. हर किसान को 2000-2000 रुपये. फिलहाल, इस स्कीम के तहत तीन किश्तों में सालाना 6000 रुपये दिए जाने का प्रावधान है. जिसे बढ़ाने की मांग अब कई मोर्चों से उठने लगी है.

सबसे अधिक लाभान्वित राज्य

इस स्कीम से सबसे अधिक लाभान्वित राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश शामिल हैं.  पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने यहां इसे अब भी लागू नहीं किया है.

जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कई बार ममता सरकार से किसानों को उनका हक दिलाने के लिए डाटा वेरीफाई करके केंद्र को भेजने की अपील कर चुके हैं. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी भी पश्चिम बंगाल सरकार से कह चुके हैं. दूसरी ओर, दिल्ली सरकार ने इस स्कीम को विधानसभा चुनाव से ऐन पहले लागू किया.

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पीएम किसान स्कीम में 24 हजार रुपये सालाना देने की मांग

आजादी के बाद पहली बार सीधी मदद पहुंची

दरअसल, आजादी के बाद पहली बार किसानों को डायरेक्ट उनके बैंक अकाउंट में मदद दी जा रही है. जबकि पहले योजनाओं के लिए पैसे जारी तो होते थे लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों का दीमक उस पैसे को फाइलों में ही चट कर जाता था. उसका लाभ किसानों तक नहीं पहुंचता था.

कैसे हुई शुरुआत

केंद्र सरकार कृषि के लिए जो बजट जारी करती थी उसका लाभ किसानों को नहीं पहुंच पाता था. इसलिए मोदी सरकार (Modi Government) ने सीधे अकाउंट में पैसे भेजने का फैसला लिया. इसकी अनौपचारिक शुरुआत तो 2019 के चुनाव को देखते हुए सरकार ने दिसंबर 2018 में ही कर दी थी. लेकिन औपचारिक तौर पर 24 फरवरी 2019 को यूपी के गोरखपुर से इसकी घोषणा की गई.

इस योजना के तहत दिसंबर 2018 से अब तक करीब 70 हजार करोड़ रुपये किसानों के बैंक अकाउंट (Bank Account) में सीधे भेजे जा चुके हैं. जिसका 9 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिला है.

किसी भी पार्टी ने इस स्कीम का विरोध नहीं किया. क्योंकि इसका लाभ किसानों को सीधे मिल रहा था. इसमें कोई बिचौलिया नहीं था. हालांकि नौकरशाही को यह स्कीम पसंद नहीं आई थी क्योंकि इसमें पैसा खाने का कोई जुगाड़ नहीं था.

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किसानों पहली बार सीधे उनके अकाउंट में दी जा रही है मदद

स्कीम सबको पसंद, बस पैसा बढ़ाने की मांग 

(1)  हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की अगुवाई वाले स्वामीनाथन फाउंडेशन ने पीएम किसान योजना के तहत दी जाने वाली रकम को 6000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये सालाना करने का सुझाव दिया है.

(2)  पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पीएम किसान स्कीम के तहत सालाना 12000 रुपये देने का सुझाव दिया है.

(3)  स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर डॉ. सौम्य कांति घोष ने अपने एक रिसर्च पेपर में कहा है कि PM-KISAN की रकम को अगले पांच साल के लिए 6000 रुपये सालाना से बढ़ाकर 8000 रुपये करना चाहिए. यह मार्केट में फील गुड फैक्टर और उत्साह बढ़ाएगा.

(4)  राष्ट्रीय किसान महासंघ के संस्थापक सदस्य और कृषि मामलों के जानकार विनोद आनंद ने किसानों को सालाना 24 हजार रुपये देने की मांग की है.

(5)  किसान शक्ति संघ के अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह भी इसे हर माह 2000 रुपये करने की मांग कर रहे हैं.

खर्च नहीं हो पाया पूरा बजट

यह स्कीम पहले 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसानों के लिए थी. यानी जिनके पास 2 हेक्टेयर (5 एकड़) तक जमीन थी उसे ही पैसा मिल रहा था. बाद में बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में इसका लाभ सभी किसानों को देने का वादा किया. सरकार दोबारा बन गई. इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में ही देश के सभी 14.5 करोड़ किसान परिवारों को किसान सम्मान निधि का लाभ देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी.

इसीलिए इस निधि पर 75 हजार करोड़ के बजट को बढ़ाकर 87 हजार करोड़ कर दिया गया था. यह पैसा साल भर में खर्च नहीं हो पाया. एक साल में 9 करोड़ किसानों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ और इसमें से 54 हजार करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए. इसलिए दूसरे साल बजट कम कर दिया गया.

आधार है जरूरी, खुद कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन

अब किसी किसान को इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अधिकारियों के पास नहीं जाना पड़ेगा. कोई भी पीएम-किसान पोर्टल पर जाकर खुद ही अपना रजिस्ट्रेशन कर सकता है. कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि इसका मकसद सभी किसानों को स्कीम से जोड़ना और रजिस्टर्ड लोगों को समय पर लाभ पहुंचाना है. लेकिन इसके लिए आधार वेरीफिकेशन जरूरी है.

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इस स्कीम में सालाना 24 हजार रुपये देने की उठने लगी मांग

कितना पैसा आया खुद जानिए

इस स्कीम के तहत आपका आधार वेरीफाइड है या नहीं. आपके अकाउंट में कितना पैसा आया है यह सब पीएम-किसान पोर्टल पर सिर्फ आधार नंबर या मोबाइल नंबर या फिर बैंक अकाउंट नंबर डालकर एक क्लिक पर पता कर सकते हैं. आपने इस स्कीम का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था लेकिन अब तक पैसा नहीं आया है तो उसका स्टेटस जानना भी बहुत आसान है.

पैसा न मिले तो क्या करें

अगर आवेदन करने के बाद भी पैसा न मिले तो केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से जारी हेल्पलाइन (PM-Kisan Helpline 155261 या 1800115526 (Toll Free) पर संपर्क करें. वहां से भी बात न बने तो मंत्रालय के दूसरे नंबर (011-23381092) पर भी बात कर सकते हैं.

इन्हें नहीं मिलेगा पैसा

केंद्र या राज्य सरकार में अधिकारी एवं 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को लाभ नहीं मिलेगा. पिछले वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स का भुगतान करने वाले किसान भी इसके लाभ से वंचित होंगे. डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, वर्तमान या पूर्व मंत्री, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी, लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को स्कीम से बाहर रखा गया है.

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