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COVID-19: जानें कैंसर पीड़ित IPS अधिकारी को जो कोरोना से ऐसे लड़ रहे जंग – ips officer Sujeet Kumar singh encouraging the policemen through poem cancer lockdown covid 19 nodrss | nation – News in Hindi

COVID-19: जानें कैंसर पीड़ित IPS अधिकारी को जो कोरोना से ऐसे लड़ रहे जंग

सुजीत कुमार अपनी कविता के कुछ पंक्तियों के जरिए पुलिसवालों का हौसला अफजाई कर रहे हैं.

श्रीनगर. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. हर दिन मौत के बढ़ते आंकड़े और संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या से लोग परेशान हैं. इसके बावजूद भी कुछ ऐसे लोग हैं, जो इस महामारी से डटकर सामना कर रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्यकर्मी, डॉक्टर्स और पुलिस महकमा लगातार काम में लगे हुए हैं. इसके साथ ही हर कोई आम से खास इस वायरस के खिलाफ अपने-अपने तरीके से जंग लड़ रहा है. ऐसा ही जंग एक आईपीएस अधिकारी भी लड़ रहा है, जो खुद कैंसर जैसे बीमारी से ग्रस्त है. जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जोन के एक आईपीएस (IPS) अधिकारी और डीआईजी (DIG) सुजीत कुमार सिंह (Sujeet Kumar Singh) ने कोरोना वायरस के खिलाफ खासतौर पर पुलिसवालों के लिए एक कविता लिखी है. सुजीत कुमार अपनी कविता के कुछ पंक्तियों के जरिए पुलिसवालों का हौसला अफजाई कर रहे हैं.

कविता के जरिए पुलिसवालों का हौसला अफजाई
न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में सुजीत कुमार सिंह कहते हैं, ‘मैं उन वर्दीधारियों के लिए कविता लिखा हूं, जो अपनी जान का परवाह न कर कर्तव्य की पथ पर चल रहे हैं. मुझे गर्व है कि मैं खाकी वर्दी में हूं. हमलोग इस समय कोरोना के खिलाफ तीसरा विश्व युद्ध लड़ रहे हैं. हमारे लिए देश का कोई भी जोन ग्रीन जोन नहीं है. हम पुलिस वालों के लिए हर जोन इस समय रेड जोन ही है. हम सब इस लड़ाई में सहभागी हैं. अपनी जान की बाजी लगा कर देश के लोगों की जान बचाने वालों के लिए हमने एक पक्तियां लिखीं हैं. मुझे बहुत दुख हो रहा है कि मेरे साथी लोग कोरोना से संक्रमित हो कर जान गंवा रहे हैं. जालंधर के एसीपी हों या फिर इंदौर के एक जवान इंसपेक्टर हम इस लड़ाई में उनको खो रहे हैं. मेरे भाइयों पर हमले भी हो रहे हैं. पंजाब में मेरे एक भाई की हाथ काट दी जाती है. इसके बावजूद हम कर्तव्य की पथ पर चलने से पीछे नहीं हटेंगे.’

2007 बैच के आईपीएस अधिकारी हैंसुजीत कुमार आग कहते हैं, ‘मेरे कुछ भाई जो इस समय कोरोना पॉजिटिव हैं. मैं उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. जो लोग इस लड़ाई में अपनी जान गंवा दिए मैं उनको नमन करता हूं. यह कोरोना हमें डरा नहीं पाएगा. हम अपनी जान की परवाह किए आपकी जान की रक्षा करते रहेंगे. ऐसे ही खाकी वर्दीधारियों के लिए मेरी पक्तियां समर्पित हैं ‘मैं खाकी हूं’

बता दें कि इस कविता के जरिए सुजीत कुमार न केवल पुलिसकर्मियों की हौसला अफजाई कर रहे हैं बल्कि सीविल सोसाइटी के लोगों को भी तारीफ कर रहे हैं, जिन्होंने पुलिस महकमे के साथ मिल कर कोरोना पर लगाम लगाने की कोशिश में लगे हैं.

2018 में कैंसर जैसी बीमारी के चपेट में आए थे
सुजीत कुमार सिंह को साल 2018 में कैंसर हो गया था. गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने एक किताब ‘चक्रव्यूह का सातवां द्वार’ भी लिखा था. सुजीत कुमार सिंह बिहार के रहने वाले हैं. दिल्ली के हिंदू कॉलेज से साल 2002 में हिस्ट्री ऑनर्स से ग्रेजुएट हैं. साल 2007 में सुजीत कुमार ने पुलिस सेवा ज्वाइन की थी. सुजीत कुमार जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में एएसपी और एसपी के पद पर रह चुके हैं.

(इनपुट-पवन शर्मा)

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First published: April 21, 2020, 7:49 PM IST



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