कोरोना संकट के बीच चीन ने अब शुरू की डिजिटल करेंसी की टेस्टिंग, जानिए क्या है मामला- China Rolls Out Pilot Test of Digital Currency | business – News in Hindi

क्या होती है डिजिटल करेंसी- एक्सपर्ट्स बताते हैं कि वर्चुअल करेंसी, डिजिटल करेंसी एक ही बात होती है. इन्हें कोई भी सेंट्रल बैंक नहीं छापता है. यही वजह है कि इसे आभासी यानी वर्चुअल करेंसी कहा जाता है. जेब में रखे नोट और सिक्कों से जुदा, आजकल की डिजिटल करेंसी बिटक्वाइन ऑनलाइन मिलता है. बिटक्वाइन को कोई सरकार या सरकारी बैंक नहीं छापते. एक्सपीडिया और माइक्रोसॉफ़्ट जैसी कुछ बड़ी कंपनियां बिटक्वाइन में लेन-देन करती हैं. इन सब प्लैटफ़ॉर्म पर यह एक वर्चुअल टोकन की तरह काम करता है.
हालांकि बिटक्वाइन का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल निवेश के लिए किया जाता है. बिटकॉइन के अलावा भी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाज़ार में उपलब्ध हैं जिनका इस्तेमाल आजकल अधिक हो रहा है, जैसे- रेड क्वाइन, सिया क्वाइन, सिस्कोइन, वॉइस क्वाइन और मोनरो.
क्रिप्टो करेंसी के कई फ़ायदे भी हैं. पहला और सबसे बड़ा फ़ायदा तो ये है कि डिजिटल करेंसी होने के कारण धोखाधड़ी की गुंजाइश नहीं के बराबर है.क्रिप्टोकरेंसी में रिटर्न यानी मुनाफा काफ़ी अधिक होता है, ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. क्रिप्टो करेंसी के लिए कोई नियामक संस्था नहीं है, इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों का इस पर कोई असर नहीं पड़ता.
लेकिन बिटक्वाइन जैसी वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव माथे पर सिलवटें डालने के लिए काफ़ी है.
इसका सबसे बड़ा नुकसान तो यही है कि ये वर्चुअल करेंसी है और यही इसे जोखिम भरा सौदा बनाता है. इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध ख़रीद-फ़रोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है. इस पर साइबर हमले का खतरा भी हमेशा बना रहता है, हालांकि यह सही है कि ब्लॉकचेन को हैक करना आसान नहीं है.
चीन में शुरू हुई डिजिटल करेंसी की टेस्टिंग – चीन के घरेलू और राज्य द्वारा संचालित मीडिया ने डिजिटल करेंसी टेस्टिंग के बारे में जानकारी दी. केंद्रीय बैंक 2014 से डिजिटल करेंसी पर रिसर्च कर रहा था और अब जाकर इसकी टेस्टिंग शुरू हुई है. पीबीओसी के अधिकारियों ने कहा, नई करेंसी, जिसका कोई आधिकारिक नाम नहीं है, लेकिन यह आंतरिक शॉर्टहैंड DC / EP, या डिजिटल करेंसी / इलेक्ट्रॉनिक भुगतान से जानी जाती है. इसमें बिटकॉइन और फेसबुक के लिब्रा जैसी क्रिप्टोकरेंसी के फीचर्स होंगे. चीन के केंद्रीय बैंक यूजर्स की प्राइवेसी की सुरक्षा करेंगे.
द वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के केंद्रीय बैंक का कहना है कि डिजिटल करेंसी लाने का मकसद चीन के मौद्रिक आधार या नकदी के सर्कुलेशन को बदलना है. चीन के केंद्रीय बैंक के गवर्नर यी गैंग ने पिछले साल कहा था, इसका बैंक डिपॉजिट्स और निजी तौर पर चलने वाले पेमेंट्स प्लेटफॉर्म्स के बैलेंस पर असर नहीं होगा.
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2020 शीतकालीन ओलंपिक के लिए तैयारी
केंद्रीय बैंक के अनुसंधान संस्थान ने सोमवार को कहा कि बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक की तैयारी के लिए पायलट परीक्षण के आधार पर शुरू किया जा रहा है. अनुसंधान संस्थान ने कहा कि नियर टर्म में डिजिटल करेंसी को पूरे देश में या बड़ी मात्रा में जारी नहीं किया जाएगा और टेस्टिंग से महंगाई नहीं बढ़ेगी. सिविल सर्वेंट्स को कहा गया है कि उनके मौजूदा बैंक अकाउंट में नई करेंसी ट्रांसफर कर दी जाएगी और इसे कुछ नामित व्यापारियों पर लेनदेन के लिए उपयोग किया जा सकता है.
कैसे करेगा काम?
इस मामले से जुड़े एक सरकारी कर्मचारी के अनुसार, अगले महीने से सरकार अपने कर्मचारियों को डिजिटल करेंसी देना शुरू करेगी. ये करेंसी उनको ट्रांसपोर्ट सब्सिडी के रूप में मिलेगी. सरकारी कर्मचारियों को अपने स्मार्टफोन में ऐप एंस्टॉल करने को कहा गया है जिसमें इस महीने डिजिटल करेंसी ट्रांसफर की जाएगी. सिविल सर्वेंट्स को कहा गया है कि उनके मौजूदा बैंक अकाउंट में नई करेंसी ट्रांसफर कर दी जाएगी और इसे कुछ नामित व्यापारियों पर लेनदेन के लिए उपयोग किया जा सकता है.
मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने में मदद मिलेगी
चीन के केंद्रीय बैंक ने कहा, सरकार द्वारा संचालित डिजिटल भुगतान प्रणाली में बदलाव से मनी लॉन्ड्रिंग, जुआ और टेरर फंडिंग से निपटने में मदद मिलेगी. चीन के चार सबसे बड़े सरकारी बैंक डिजिटल करेंसी को विकसित करने के लिए केंद्रीय बैंक से जुड़े हैं.
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