राहुल गांधी का सरकार पर निशाना, कहा- कच्चे तेल के दाम में इतनी गिरावट तो फिर भारत में पेट्रोल के दाम 69 रुपये क्यों | Rahul Gandhi Questions Govt Over Diesel Petrol Prices Despite Plunge In World Oil Price | nation – News in Hindi


राहुल गांधी ने कहा है कि दुनिया भर में तेल की कीमतें इतनी गिर चुकी हैं फिर भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी क्यों नहीं आई है.
दुनिया में कोविड-19 (Covid-19) के चलते बनी स्थिति के बीच मांग घटने से कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमत सोमवार को शून्य डॉलर/बैरल से भी नीचे चली गई क्योंकि कोई व्यापारी फिलहाल कच्चा तेल खरीदकर उसे अपने पास रखने की स्थिति में नहीं है. इसे लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सरकार पर निशाना साधा है.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि- दुनिया में कच्चे तेल की क़ीमतें अप्रत्याशित आँकड़ो पे आ गिरी हैं, फिर भी हमारे देश में पेट्रोल ₹69, डीज़ल ₹62 प्रति लीटर क्यों? इस विपदा में जो दाम घटे, सो अच्छा. कब सुनेगी ये सरकार?
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सरकार को आम उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करनी चाहिए. खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘तेल के दामों में अचानक अप्रत्याशित कमी का आना एक ऐतिहासिक मौका है. इतनी कमी कि वह शून्य से भी नीचे जा पहुंचा. एक बार तो ऐसा क्षण आया कि दाम शून्य से 37 डॉलर नीचे चला गया. इसका कारण है कि अमेरिका में इस कच्चे तेल का कोई खरीददार नहीं हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार ने पिछले छह वर्षों में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क लगाकर 20 लाख करोड़ रुपये अर्जित किये. सवाल यह है कि आप इस लाभ को उपभोक्ता के साथ क्यों बांट नहीं सकते? वह राहत आम उपभोक्ता को क्यों नहीं दे सकते?’’
खेड़ा ने सरकार से आग्रह किया कि इस मुश्किल दौर में आम लोगों को राहत देनी चाहिए.
क्यों मचा है हंगामा
बता दें इस समय पूरी दुनिया में तेल के उत्पादकों में हाहाकार मचा हुआ है. दाम शून्य तक पहुंच जाने से सबसे ज्यादा ड्रामा कच्चा तेल के बाजार में हुआ. जहां मई डिलीवरी अमेरिकी कच्चा तेल की कीमत शून्य से नीचे 3.70 डॉलर/बैरल पहुंच गई. दरअसल, मई डिलीवरी के सौदे के लिये मंगलवार अंतिम दिन है और व्यापारियों को भुगतान करके डिलीवरी लेनी थी. लेकिन मांग नहीं होने और कच्चा तेल को रखने की समस्या के कारण कोई डिलीवरी लेना नहीं चाह रहा है. यहां तक कि जिनके पास कच्चा तेल है, वे पेशकश कर रहे हैं कि ग्राहक उनसे कच्चा तेल खरीदे. साथ ही वे उसे प्रति बैरल 3.70 डॉलर की राशि भी देंगे. (इसी को कच्चे तेल की कीमत शून्य डॉलर/बैरल) से नीचे जाना कहते हैं.)
कोरोना वायरस संकट के कारण कच्चे तेल की मांग में कमी आयी है और तेल की सभी भंडारण सुविधाएं भी अपनी पूर्ण क्षमता पर पहुंच चुकी हैं.
(भाषा के इनपुट सहित)
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First published: April 21, 2020, 5:41 PM IST