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रिलायंस फाउंडेशन का मिशन अन्न सेवा दुनिया का सबसे बड़ा कॉरपोरेट मुफ्त भोजन कार्यक्रम- नीता अंबानी- Nita Ambani said Reliance Foundation Mission Anna Seva biggest free meal program run by any corporate | business – News in Hindi

नई दिल्ली. रिलायंस फाउंडेशन (Reliance Foundation) की फाउंडर और चेयरपर्सन नीता अंबानी ने कहा है कि फाउंडेशन का ‘मिशन अन्न सेवा’ (Mission Anna Seva) दुनिया में किसी भी कॉरपोरेट द्वारा संचालित सबसे बड़ा मुफ्त भोजन कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम का मकसद लॉकडाउन के दौरान कठिनाइयों का सामना कर रहे वंचित समुदाय के लोगों और कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की रोकथाम में लगे कर्मचारियों को 3 करोड़ से अधिक वक्त का खाना मुहैया कराना है. रिलायंस फाउंडेशन देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की परोपकारी शाखा है और उसने जरूरतमंद लोगों को मुफ्त भोजन देने, देश के पहले कोविड-19 अस्पताल का निर्माण करने और पीपीई तथा मास्क की आपूर्ति करने का जिम्मा उठाया है.

नीता अंबानी ने कर्मचारियों को भेजे एक संदेश में कहा, ‘कोविड-19 दुनिया के लिए, भारत के लिए और मानवता के लिए एक अभूतपूर्व महामारी है. यह एक मुश्किल समय है.’ नीता अंबानी ने कहा कि कंपनी के कर्मचारियों और उनके परिवारों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है.

3 करोड़ लोगों को देंगे भोजन
उन्होंने कहा, ‘मिशन अन्न सेवा के माध्यम से हम पूरे देश में वंचित समुदायों और अग्रणी कार्यकर्ताओं को 3 करोड़ से अधिक वक्त का भोजन प्रदान करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘मिशन अन्न सेवा दुनिया में कहीं भी किसी कॉरपोरेट द्वारा संचालित सबसे बड़ा भोजन वितरण कार्यक्रम है.’ उन्होंने कहा कि रिलायंस ने मुंबई में बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के साथ साझेदारी करके भारत का पहला कोविड-19 अस्पताल केवल दो सप्ताह में बनाया. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) से जुड़ा और समाज कल्याण के लिए काम करने वाला रिलायंस फाउंडेशन अब तक 16 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 68 जिलों में 2 करोड़ से अधिक वक्त का भोजन वितरित कर चुका है.ये भी पढ़ें:- Reliance Jio ग्राहकों के लिए खुशखबरी! लॉकडाउन तक मिलेगी कॉलिंग से जुड़ी ये खास सुविधा

दिया जा रहा रेडी-टू-ईट फूड पैकेट
कार्यक्रम के तहत, रिलायंस फाउंडेशन परिवारों को पका हुआ भोजन, रेडी-टू-ईट फूड पैकेट, ड्राई राशन-किट और सामुदायिक रसोई के लिए थोक राशन प्रदान कर रहा है. कार्यक्रम के लाभार्थियों में रोजाना कमाने वाले, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले, शहरी सेवा प्रदाता, कारखाने के कर्मचारी, वृद्धाश्रम और अनाथालयों के निवासी शामिल हैं. जूनियर मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मियों और सुरक्षा बलों जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी भोजन दिया जा रहा है.

कुछ स्थानों पर रिलायंस फाउंडेशन फूड-टोकन भी बांट रहा है, जिसे रिलायंस रिटेल आउटलेट्स जैसे रिलायंस फ्रेश, रिलायंस स्मार्ट सुपरस्टोर, रिलायंस स्मार्ट प्वाइंट और सहकारी भंडार में भुनाया जा सकता है.

युद्ध स्तर पर हो रहा काम
लॉकडाउन के दौरान कोई भारतीय भूखा न रह जाए, इसलिए रिलायंस फाउंडेशन और रिलायंस परिवार के सभी कर्मचारी मिलकर युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. रिलायंस रिटेल के कर्मचारी आवश्यक सामान की पैकिंग और सप्लाई का काम कर रहे हैं. मुंबई, सिलवासा, वडोदरा, पातालगंगा, हजीरा, झज्जर, शहडोल, जामनगर, दाहेज, बाराबंकी, नागोठाने, गडीमोगा और होशियारपुर जैसे रिलायंस साइटों पर कर्मचारी अपने-अपने स्थानों पर गरीब समुदायों को मुफ्त भोजन वितरित कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल, केरल और ओडिशा के कुछ रिलायंस पेट्रोल पंपों पर स्टाफ के सदस्य आवश्यक वस्तुओं का परिवहन करने वाले ट्रक ड्राइवरों को मुफ्त भोजन बांट रहे हैं.

COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में करोड़ों का दिया दान
रिलायंस फाउंडेशन 70 से अधिक भागीदारों को राहत किट और थोक राशन की आपूर्ति कर रहा है, जो अपने अपने स्थानों में इसी तरह के भोजन वितरण कार्यक्रमों में लगे हुए हैं. भोजन वितरण कार्यक्रम के अलावा, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और रिलायंस फाउंडेशन ने अपने बहु-आयामी, ऑन-द-ग्राउंड प्रयास जारी रखे हुए हैं ताकि कोरोना वायरस से इस जंग में देश की जीत हो. COVID-19 के खिलाफ लड़ाई में आरआईएल ने विभिन्न राहत कोषों में 535 करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जिसमें PM-CARES फंड में 500 करोड़ रुपये भी शामिल हैं.



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