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लॉकडाउन में घर में कैद हुए लोग तो मुंबई में उतर आया फ्लेमिंगो का झुंड – Large Flock of Flamingos is Painting Mumbai Pink in Lockdown | nation – News in Hindi

लॉकडाउन में घर में कैद हुए लोग तो मुंबई में उतर आया फ्लेमिंगो का झुंड

लॉकडाउन में घर में कैंद हुआ लोग तो मुंबई में उतरा फ्लेमिंगो का झुंड

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नवी मुंबई, उरण, ठाणे क्रीक, पांजू द्वीप और वासल क्षेत्रों में राजहंस का विशाल झुंड इकट्ठा हो गया है.

मुंबई. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए देश में हुए लॉकडाउन (Lockdown) है. लॉकडाउन की वजह से किसी को भी घर से बाहर घूमने की इजाजत नहीं है. सड़कों पर सन्नाटा है और वाहनों और कारखानों का शोर बिल्कुल शांत है. लॉकडाउन ने भले ही लोगों को घरों में कैद कर दिया हो लेकिन वन्य जीवों के लिए यह किसी बदलाव से कम नहीं है. शहर के अंदर दिखने वाले दुर्लभ पक्षियों का झुंड अब शहरों की तरफ बढ़ने लगा है. ऐसा ही नजारा इन दिनों मुंबई (Mumbai) में देखने को मिल रहा है मुंबई में और शहर के आसपास राजहंसों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी गई है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नवी मुंबई, उरण, ठाणे क्रीक, पांजू द्वीप और वासल क्षेत्रों में राजहंस का विशाल झुंड इकट्ठा हो गया है. ठाणे क्रीक फ्लेमिंगो अभयारण्य के अधिकारी नाथूराम कोकरे ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से झील का पानी साफ हो गया है और हवा में भी प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है. इसके कारण पानी में शैवाल की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है, जिसके कारण फ्लेमिंगो एक बार फिर शहर की तरह आने लगे हैं. शैवाल फ्लेमिंगो को बेहतरीन भोजन हैं.

गुलाबी राजहंस की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. इन्हें देखने के बाद लोगों ने आश्चर्य जताया है. यहां तक की मछुआरों ने भी कहा कि उन्होंने कभी भी इस तरह से गुलाबी पक्षियों को पंजू द्वीप पर घूमते नहीं देखा है.

पर्यावरणविदों के लिए यह सही समय
मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक ठाणे में एक वन्यजीव अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से कहीं पर भी इंसानों की मौजूदगी नहीं है. फ्लेमिंगो हमेशा झुंड में रहना पसंद करते हैं. ऐसे में इलाकों में शांति की वजह से फ्लेमिंगो एक बार फिर यहां पर दिखाई देने लगे हैं. उन्होंने कहा कि पर्यावरणविदों के लिए राजहंस के व्यवहार का अध्ययन करने का यह सही समय हो सकता है. यह उन्हें फ्लेमिंगो प्रजातियों के संरक्षण के और अधिक तरीकों को विकसित करने में मदद कर सकता है.

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