मुसलमानों को बिना Corona टेस्ट भर्ती नहीं करने का छापवाया था विज्ञापन, अब अस्पताल के मालिक पर FIR दर्ज fir filled against hospital owner for giving advertisement that muslims should come with negetive corona report nodss | meerut – News in Hindi


अस्पताल ने अपने विज्ञापन में तबलीगी जमात का भी जिक्र किया है. (सांकेतिक फोटो)
पुलिस ने बताया कि अस्पताल के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है. वहीं अस्पताल के मालिक डॉ अमित जैन का कहना है कि हमारी तरफ से दिया गया विज्ञापन सांप्रदायिक नहीं था और हमें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है.
टाइपिंग एरर या फिर मिसप्रिंट
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार अमित जैन ने कहा कि विज्ञापन में टाइपिंग एरर हुआ है या फिर मिसप्रिंट के चलते ऐसा हुआ है. जैन ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल कोरोना के टेस्ट को बढ़ावा देना था. गौरतलब है कि अस्पताल की ओर से शुक्रवार को एक हिंदी अखबार में विज्ञापन दिया गया था. इस विज्ञापन में लिखा था कई मुस्लिम मरीज कोरोना के संबंध में जारी की गई गाइडलाइंस को नहीं मान रहे हैं, साथ ही वे अस्पताल के स्टाफ के साथ भी अभर्दता कर रहे हैं. अस्पताल के स्टाफ और अन्य मरीजों की सुरक्षा के लिए हॉस्पिटल प्रशासन सभी मुस्लिम मरीजों और उनके साथ आने वाले लोगों से अनुरोध करता है कि वे पहले अपना कोरोना टेस्ट करवाएं और उनकी रिपोर्ट यदि नेगेटिव हो तो ही अस्पताल आएं. इसके साथ ही इस विज्ञापन में लिखा गया था कि ये नियम मुस्लिम डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, जज, पुलिस ऑफिसर और ऐसे मुस्लिम लोगों पर लागू नहीं होगा जो भीड़ भाड़ वाले इलाके में नहीं रहते हैं.
तबलीगी जमात का भी किया जिक्रविज्ञापन में तबलीगी जमात का भी जिक्र करते हुए कहा गया है कि दिल्ली में पिछले महीने कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के पीछे जमात के लोगों का इकट्ठा होना रहा है. वहीं जमात के लोगों ने भी डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के साथ अभद्र व्यवहार किया, डॉक्टरों और नर्सों पर थूंका गया साथ ही वे लोग नियमों की भी अनदेखी कर रहे हैं. तबलीगी जमात के लोगों के घरों और आसपास के इलाकों में कोरोना के मामले तेजी से फैल रहे हैं. डॉक्टर और चिकित्साकर्मी जो उनके घरों पर स्क्रीनिंग के लिए जा रहे हैं उन पर पत्थरों से हमला किया जा रहा है, जो डर का माहौल बनाता है.
इसी के साथ अस्पताल के दिए गए विज्ञापन में हिंदू और जैन परिवारों से भी अपील की गई है. इसके अनुसार हिंदू और जैन परिवार जो संपन्न हैं वे कोरोना से लड़ने में मदद करने के लिए पीएम केयर फंड में दान दें.
सफाई भी दी
इसके अगले ही दिन उसी अखबार में अस्पताल ने एक और विज्ञापन दिया. इस विज्ञापन में लिखा गया कि हमें पता चला है कि कुछ लोग जो हिंदू और जैन समुदाय से जुड़े हैं उन्हें वैलेटिस अस्पताल की ओर से किया गया अनुरोध और दी गई जानकारी ठेस पहुंचा रही है. ये सभी को पता है कि हिंदू और जैन समुदाय के लोग सामाजिक कार्यों और दान धर्म में आगे रहते हैं. गलती से ये संदेश छप गया है. हम इस पर खेद जताते हैं और साथ ही माफी भी मांगते हैं. इसके साथ ही विज्ञापन में लिखा था कि हमारा इरादा सभी समुदायों (मुस्लिम, हिंदू, जैन, सिख या ईसाई) से इस लड़ाई में साथ देने का अनुरोध करने का था. हम किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे. यदि हमारे कथन से किसी को ठेस पहुंची हो तो हम उसके लिए माफी मांगते हैं. हालांकि दूसरे विज्ञापन में मुस्लिमों के बिना कोरोना टेस्ट के अस्पताल में भर्ती न होने की बात का कोई जिक्र नहीं था.
पुलिस ने दर्ज किया मामला
पुलिस के अनुसार इस पर संज्ञान लेते हुए डॉ जैन के खिलाफ इंचौली पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है. एफआईआर एक सब इंस्पेक्टर ने दर्ज करवाई है. वहीं डॉ जैन ने कहा कि अस्पताल किसी भी समुदाय विशेष को लेकर भेदभाव नहीं करता है. हमारे अस्पताल में आने वाले 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीज मुस्लिम हैं. टाइपिंग एरर या फिर मिसप्रिंट के चलते ये गलत संदेश चला गया है. जिसके लिए माफी भी मांग ली गई है. हमारा उद्देश्य केवल कोरोना टेस्ट को प्रमोट करना था क्योंकि इसको लेकर कुछ लोग गलत जानकारी फैला रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वे भी गलत विज्ञापन छापने के लिए मामला दर्ज करवाना चाहते हैं. कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर इसे एक साजिश के तौर पर शेयर किया है और इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की है. हम अब ऐसे लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाएंगे.
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First published: April 20, 2020, 7:56 AM IST