COVID-19: जागरूकता फैलाने के नाम पर हो रही जासूसी, पाक का हाथ होने का शक । COVID-19 Spying in the name of spreading awareness beware of such messages and mail | nation – News in Hindi
देश के दुश्मनों ने चलाया “आपरेशन इनफार्मेशन” (सांकेतिक फोटो, REUTERS/Kacper Pempel)
देश के दुश्मन, व्यावसायिक फायदे (Commercial advantages) के लिए हैकर्स और साइबर क्रिमिनल्स (Hackers and Cyber Criminals), रैनसम मैलवेयर (Ransom malware) और दूसरे तरह के मैलवेयर का इस्तेमाल कर रहे है.
साथ ही व्यावसायिक फायदे (Commercial advantages) के लिए ये हैकर्स और साइबर क्रिमिनल्स, रैनसम मैलवेयर (Ransom malware) और दूसरे तरह के मैलवेयर का इस्तेमाल कर रहे है.
नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेन्टर ने एजेंसियों और पैरामिलिट्री को इसे लेकर किया अलर्ट
रैनसम मैलवेयर के जरिये कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने और लॉक करने के बाद साइबर क्रिमिनल्स उसे बहाल करने के लिए पैसे की मांग करते है. नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेन्टर ने एजेंसियों और पैरामिलिट्री (Agencies and Paramilitary) को इसे लेकर अलर्ट किया है.NCSC ने एडवांस परसेस्टेंट थ्रेट ग्रुप्स (Advanced Persistent Threat Groups- APT Groups) को भी इसमे शामिल बताया. ये ऐसे ग्रुप्स होते है जो खास तौर से साइबर जासूसी और साइबर हमले के काम में जुटे होते हैं.
पाक से हो सकता है इन साइबर अटैक का रिश्ता, आगे भी रह सकते हैं जारी
हालांकि NCSC ने अपने अलर्ट में ये नही बताया है कि ये APT ग्रुप्स किस देश के हैं लेकिंग पुख्ता तौर से ये ये पाक के एडवांस परसेस्टेंट थ्रेट ग्रुप्स (APT Groups) की ओर खास तौर से इशारा करता है, जो कोरोना महामारी की टाइमिंग का इस्तेमाल कर साइबर अटैक (Cyber Attack) के जरिये देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां हासिल करना चाहते है.
वैश्विक महामारी (Global Pandemic) के इस वक़्त में भी पाक की नापाक साज़िश जारी है. NCSC के मुताबिक आने वाले हफ्तों और महीनों में भी इन ग्रुप्स का ऑपरेशन जारी रह सकता है.
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First published: April 18, 2020, 5:25 PM IST