फैक्ट्री के मालिक ने किया लॉकडाउन का वेतन देने से इंकार

कहा जाकर मांगों कलेक्टर से
भिलाई । शासन-प्रशासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद एक फैक्ट्री मालिक ने अपने मुलाजिमों को लॉकडाउन की अवधि का वेतन देने से साफ इंकार कर दिया है। वेतन मांगने गए मजदूरों को फैक्ट्री मालिक ने जाकर कलेक्टर से ही वेतन मांग लेने की सलाह दे डाली।
लघु औद्योगिक क्षेत्र के प्लाट नंबर 64 ए में संचालित पवन पुत्र गणपति फैक्ट्री के मालिक संदीप अग्रवाल पर उनके मुलाजिमों ने लॉकडाउन की अवधि का वेतन देने से इंकार करने का आरोप लगाया है। इसकी शिकायत के लिए मजदूरों ने कलेक्टर दुर्ग के नाम बनाये गए आवेदन की एक प्रतिलिपि विधायक व महापौर देवेन्द्र यादव को सौंपकर वेतन दिलाने का आग्रह किया है।
फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर अखिलेश उपाध्याय, दीपक कुमार, राजू मिश्रा, सागर यादव, मनोज गुप्ता, मनोज साहू, घनश्याम मोहले, तोरण निषाद, मेघनाथ यादव, रामनिवास वर्मा आदि ने बताया कि उन्होंने शासन के आदेश का हवाला देकर फैक्ट्री मालिक संदीप अग्रवाल से अपना वेतन मांगा तो उन्होंने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि जाकर अपना वेतन कलेक्टर से ले लो। जबकि प्रत्येक माह की 5 व 20 तारीख को फैक्ट्री में मजदूरों को 15-15 दिन का वेतन दिया जाता है।
नोडल अधिकारी नियुक्त हो: मिश्रा
श्रमिक नेता प्रभुनाथ मिश्रा ने शासन के स्पष्ट आदेश के बावजूद मजदूरों को लॉकडाउन में वेतन नहीं दिए जाने को अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों को वेतन देने से इंकार किया जा रहा है वे लॉकडाउन और कफ्र्यू के चलते किसी जिम्मेदार अधिकारी तक अपनी शिकात तक ले जाने में सफल नहीं हो पाा रहे हैं ऐसे मजदूरों के लिए शासन को नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए ताकि मजदूर अपनी वेतन संबंधी शिकायतों को सुलभता के साथ पहुंचा सके।