Pollution Level: दिल्ली वालों को कब मिली थी लॉकडाउन जितनी साफ हवा?, air pollution level particulate matter has reduced from 22 to 70 percent during lockdown in 25 polluted cities in india-delhi-dlop | delhi-ncr – News in Hindi


लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर सन्नाटा है, इसलिए प्रदूषण कम हो गया है
ग्रीनपीस की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 25 प्रदूषित शहरों में लॉकडाउन के दौरान पीएम 2.5 में 22 से लेकर 70 फीसदी तक कमी दर्ज की गई है
पर्यावरणविद् एन. शिवकुमार कहते हैं कि लॉकडाउन में ज्यादातर शहरों की हवा शुद्ध हो चुकी है. ज्यादातर लोग बता नहीं पाएंगे कि दिल्ली-एनसीआर में इतनी शुद्ध हवा लोगों को कब मिली थी. अगर हम हर महीने 24 घंटे सबकुछ बंद रखें तो कम से कम सभी को साफ हवा मिलेगी. लोगों की लाइफ बढ़ेगी. दवाईयों का खर्च बचेगा.

दिल्ली में सालाना औसत प्रदूषण
कुमार के मुताबिक 1981 में दिल्ली की हवा काफी साफ थी लेकिन उसके बाद स्टोन क्रेशर की वजह से प्रदूषण बढ़ने लगा था. उद्योगों में कोयला इस्तेमाल हो रहा था. फिर पर्यावरणविद एमसी मेहता की याचिका पर स्टोन क्रेशर बंद हुए. 1990 में 91 में भी हवा काफी ठीक थी. बाद में कंस्ट्रक्शन और वाहन बढ़ने लगे. फिर सीएनजी आने के बाद प्रदूषण थोड़ा कम हुआ. लेकिन बाद में बेतहाशा कंस्ट्रक्शन और डीजल वाहनों ने इसे फिर से बढ़ा दिया. अब इसे कम करना मुश्किल सा लगने लगा है. सबसे ज्यादा प्रदूषण उद्योगों और वाहनों से है.

2019 में सिर्फ दो दिन साफ हवा थी
औसत पीएम 10, 2.5 चार साल से सामान्य नहीं
प्रदूषण बढ़ाने वाले सबसे बड़े कारक पीएम-10 का सामान्य लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर (MGCM) जबकि पीएम 2.5 का 60 एमजीसीएम होता है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने 2016 से 2018 तक औसत पीएम-10 और 2.5 का विश्लेषण किया है. जिसमें पता चलता है कि तीनों साल भी यह समान्य स्तर पर नहीं रहा. जबकि 2019 में सिर्फ दो दिन ही प्रदूषण मैप ग्रीन हुआ था. इस साल लॉकडाउन में 28 मार्च को मेरठ का पीएम 2.5 सिर्फ 12.91 था. जो लॉकडाउन के दौरान प्रदूषित शहरों में सबसे कम था.
ग्रीन पीस के सीनियर कैंपेनर अविनाश चंचल का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से निश्चित तौर पर प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है लेकिन यह स्थायी समाधान तो है नहीं. लॉकडाउन के बाद जब कॅमर्शियल गतिविधियां शुरू होंगी तो फिर स्थिति जस की तस हो जाएगी. इसलिए हमें प्रदूषण कम करने का सही और लांग टर्म समाधान खोजना होगा.

18 मार्च 2020 को चार बड़े शहरों में नहीं है प्रदूषण
2019 में सिर्फ 2 दिन मिली थी शुद्ध हवा
-केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ओर से रोजाना जारी होने वाली पीएम 10 और 2.5 की रिपोर्ट का वार्षिक विश्लेषण किया जाए तो 2019 में सिर्फ दो ही ऐसे दिन थे. साफ हवा को लेकर ये दोनों दिन बारिश के मौसम में आए थे. ये तारीख थी 17 और 18 अगस्त.
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First published: April 18, 2020, 5:30 PM IST