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कानूनी था दिल्ली मरकज, मौलाना ने हमसे अलग हो जाने को कहा था: COVID-19 को मात देने वाला शख्स । ‘Priest Told Us to Disperse’: Tamil Nadu Man Who Beat Covid-19 Says Delhi Markaz was in Sync With Law | nation – News in Hindi

कानूनी था मरकज, मौलाना ने हमें अलग हो जाने को कहा था : COVID-19 को मात देने वाला शख्स

कोरोना वायरस बीमारी (Covid-19) के प्रसार के बीच निजामुद्दीन, नई दिल्ली से मास्क पहनकर निकलते लोग (REUTERS/Adnan Abidi)

त्रिची (Tiruchirappalli) के निवासी ने अपनी निजामुद्दीन (Nizamuddin) की यात्रा और वहां से वापस लौटने के बारे में बताया है. उसने कहा कि रास्ता चुनौतियों से भरा हुआ था, सामने आए मानवता के कुछ अच्छे और कुछ चौंकाने वाले मामले.

पूर्णिमा मुरली

चेन्नई. तमिलनाडु (Tamil Nadu), तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) में भाग लेकर वापस लौटने वाले लोगों की संख्या में सबसे आगे रहा है. तबलीगी जमात के धार्मिक सम्मेलन (religious conference) का आयोजन मार्च के महीने में नई दिल्ली में हुआ था. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी (Edappadi Palaniswami) की अपील के बाद मरकज से लौटने वाले कई लोग स्वयं सहयोग के लिए सामने आए और इस खतरनाक वायरस को लेकर अपनी जांच करवाई. इस समुदाय के लोगों का वायरस की चपेट में आना और इससे जुड़े धब्बे और आरोपों ने कई लोगों को परेशान कर रखा है.

न्यूज18 से त्रिचिरापल्ली (Trichirapalli) स्थित ऐमान कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस फॉर वुमन के डायरेक्टर एम शेख मोहम्मद ने बातचीत की. वह भी दिल्ली में हुए इस धार्मिक सम्मेलन में शामिल हुए थे और बाद में टेस्ट के दौरान कोरोना पॉजिटिव (Coronavirus Positive) भी पाए गए थे. शेख मोहम्मद, जो कि एक शिक्षण संस्थान के पूर्व प्रधानाचार्य भी रह चुके हैं, उन्होंने अपनी दिल्ली यात्रा के अनुभव साझा किया. निजामुद्दीन के अंदर सामाजिक दूरी की कमी के बारे में बताया और यह भी बताया कि कैसे तमिलनाडु ने उन लोगों की बहुत अच्छे तरह देखभाल की, जो कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए.

आपको कब कोविड-19 संक्रमित पाया गया था? क्या अभी आप सुरक्षित और ठीक हैं?मैं ठीक हूं, पहले से अच्छा. दरअसल, मुझे 1 अप्रैल को पॉजिटिव पाया गया था और भर्ती कराया गया था. अच्छे इलाज और दवाएं लेने के बाद, मुझे 14 अप्रैल को कोरोना वायरस निगेटिव (Coronavirus Negative) पाया गया. इसके एक दिन बाद फिर टेस्ट हुआ, उसमें भी मुझे निगेटिव पाया गया. मैं बहुत खुश हूं, तबसे मुझे कोई समस्या नहीं हुई है. मैंने अपने डॉक्टर, जो एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट (microbiologist) भी हैं, से अपने कोरोना पॉजिटिव से कोरोना निगेटिव होने के बारे में पूछा. उन्होंने बताया कि मेरे अंदर की “प्रतिरोध और सहनशक्ति” ने ना सिर्फ वायरस को मार दिया बल्कि इसे फैलने से भी रोका. उन्होंने यह भी बताया कि अब मैं अपना खून कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए लोगों को दान भी कर सकता हूं.

निजामुद्दीन में तबलीगी जमात मरकज सम्मेलन में शामिल होने के लिए की गई अपनी दिल्ली की यात्रा में बताइए?
21 मार्च से 24 मार्च के बीच दिल्ली मरकज का आयोजन किया गया था. मैं 21 मार्च, दिन शनिवार को दुरंतो एक्सप्रेस से सवेरे चेन्नई से दिल्ली पहुंचा. इसके बाद मैंने शनिवार से सोमवार (23 मार्च) तक उस कार्यक्रम में भाग लिया. त्रिची से ही हमारे साथ करीब 100 लोग थे, वहीं पूरे तमिलनाडु (Tamil Nadu) से करीब 1500 लोग वहां थे. यह केवल तमिलनाडु के लिए हो रहा एक विशेष सम्मेलन (Special gathering) था, जो दो सालों में एक बार होता है. इससे दो साल पहले भी इसी शहर में इसी महीने में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. अगले कार्यक्रम की सूचना भी करीब दो साल पहले ही दे दी जाती है.

(अंग्रेजी में पूरा इंटरव्यू पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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First published: April 18, 2020, 4:27 PM IST



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