देश दुनिया

रिचर्स में दावा: मोटापे का हैं शिकार तो कोरोना से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा – Research claims: the risk of obesity is more than corona virus | nation – News in Hindi

रिचर्स में दावा: मोटापे का हैं शिकार तो कोरोना से संक्रमित होने का खतरा भी ज्यादा

यह युवा लोगों, विशेष रूप से मोटापे से ग्रस्त युवाओं को अपनी चपेट में ले सकता है.

एक रिचर्स के मुताबिक 30 से 34 बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले मरीजों के अंदर 30 से कम बीएमआई की तुलना में दोगुना खतरा है.

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर पूरी दुनिया में खलबली मची हुई है. इस महामारी का पता लगाने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक (Scientist) दिन रात शोध  (Research) कर रहे हैं. इन्हीं शोध में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. शोध में दावा किया गया है कि अगर आप मोटापे का शिकार हैं तो आपको कोरोना वायरस से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.

अध्ययन में बताया गया है कि कोरोन वायरस सबसे ज्यादा 60 साल से अधिक उम्र वालों को अपनी चपेट में ले रहा है. हालांकि, मरीजों के बीच किए गए अध्ययन में यह भी पता चला है कि इसके बाद अगर किसी को खतरा है तो वह मोटे लोग है. शोध के मुताबिक 30 से 34 बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले मरीजों के अंदर 30 से कम बीएमआई की तुलना में दोगुना खतरा है. ऐसे कोरोना मरीजों की 1.8 गुना अधिक सतर्कता से इलाज करने की जरूरत होती है.

अगर किसी का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 35 से अधिक है तो उनमें 2.2 गुना अधिक खतरा रहता है, जबकि​ उन्हें 3.6 गुना अधिक केयर की जरूरत होती है. बीएमआई एक व्यक्ति का वजन नापने का एक तरीका है. इसमें व्यक्ति की लंबाई और वजन की तुलना की जाती है.

न्यूयॉर्क के अस्पताल में भर्ती करीब 3615 मरीजों का अध्ययन किया गया. इसमें मरीजों के वजन के हिसाब से भी आंकड़े जुटाए गए थे. अध्ययन में पाया गया कि अस्पताल में भर्ती 21% लोग 30 से 34 बीएमआई के थे और 16% बीएमआई 35 से अधिक के थे. ​कुल मिलाकर 37% अधिक वजन वाले मरीज कोरोना पॉजिटिव थे, जिसमें से 12% को ज्यादा देखभाल की जरूरत थी. इस शोध को ऑक्सफोर्ड जर्नल में भी प्रकाशित किया गया है.इसे भी पढ़ें : भारतीय नौसेना में कोरोना वायरस का बड़ा अटैक, एक साथ 20 जवान संक्रमित

प्रतिरोधी क्षमता मोटापे से मुकाबले में ही खर्च
शोधकर्ताओं का कहना है कि मोटापे से ग्रस्त मरीजों में संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा होता है, क्योंकि उनकी प्रतिरोधी क्षमता की ज्यादातर ताकत शरीर में जमी अतिरिक्त चर्बी से होने वाले प्रदाह की मरम्मत में ही लग जाती है. अमेरिका में बड़ी संख्या में मौतों की यह बड़ी वजह बनकर उभरी है. ये अध्ययन एक मार्च से दो अप्रैल के बीच हुए और क्लीनिकल इनफेक्शियस डिसीज जर्नल में प्रकाशित हुए.

इसे भी पढ़ें :- कोरोना से देश में अब तक 452 लोगों की मौत, जानें क्या है आपके राज्य का हाल

12 वर्ष कम कर देती है उम्र
एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा ने कहा कि मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग जैसी बीमारियां जीवन के 12 वर्ष तक कम कर देती हैं और यही कारण है कि कोरोना से हुईं मौतों में मोटापा भी बड़ी वजह है. अमेरिका में जो बहुत सारी मौतें हुई हैं, उनमें अश्वेत अमेरिकियों की संख्या बहुत ज्यादा है. संक्रमितों में भी 40 से 70 फीसदी अफ्रीकी अमेरिकी या अन्य अश्वेत मूल के लोग हैं. इनकी मौत के पीछे मोटापा बड़ी वजह रहा है.

इसे भी पढ़ें :-



Source link

Related Articles

Back to top button