रूआबांधा में मना पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का जयंती

चन्द्रशेखर ने कहा था नफरत खुद एक महामारी है,इसे जड़ से मिटाना आवश्यक-आरपी शर्मा
भिलाई। भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व.चंद्रशेखर की 93 वीं जयंती पर शुक्रवार को रूआबांधा में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सीमित लोगों ने उपस्थिति देकर स्व. चंद्रशेखर को श्रद्धासुमन अर्पित किए। भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मारक प्रतिष्ठान और आचार्य नरेंद्रदेव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति के संयुक्त तत्वावधान में चंद्रशेखर फाउंडेशन की ओर से एचएससीएल कॉलोनी रूआबांधा में हुए इस आयोजन में उपस्थित लोगों ने स्व. चंद्रशेखर के छायाचित्र पर फूल अर्पित किए। फाउंडेशन के संयोजक आरपी शर्मा ने स्व. चंद्रशेखर के भाषणों का उल्लेख कोरोना महामारी के परिप्रेक्ष्य में किया।
उन्होंने कहा कि डंकल प्रस्ताव (गेट समझौते) पर संसद में चर्चा करते हुए 1994 में चंद्रशेखर ने कहा कि हम वैश्विक नीतियों के दबाव में जनता के साथ छल कर रहे हैं और भविष्य में महामारी की स्थिति में भी ऐसी नीतियां हमारे देश को प्रभावित करेंगी, जिनकी वजह से हमें न चाहते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव में अपने संसाधन किसी देश को देने होंगे। भारत जैसे गरीब देश में चिकित्सा और अधिक दूभर हो जाएगी।
श्री शर्मा ने कहा कि 26 साल पहले चंद्रशेखर की कही हुई यह बात आज कोरोना की वैश्विक महामारी के समय अक्षरश: सच साबित हो गई है, जब अमेरिका ने दबाव डालकर भारत से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवाइयां मंगवा ली और चीन से भारत आ रही जांच किट को भी अपने देश बुलवा लिया। श्री शर्मा ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में देश में जिस तरह नफरत का माहौल बनाया जा रहा है और इस बहाने एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है, यह दुखद और शर्मनाक है। उन्होंने बताया कि मुंबई दंगो पर अपनी बात रखते हुए संसद में चंद्रशेखर ने कहा कि नफरत खुद अपने आप में महामारी है और इसे जड़ से मिटाना जरूरी है। इस मौके पर एल के वर्मा, प्रमोद सिंह, नागेंद्र कुमार, कपिल प्रसाद और मोती चंद ने भी अपने विचार व्यक्त किए।