छत्तीसगढ़

पब्लिक और वालंटियर के बीच में नहीं बैठा तालमेल, वालंटियर की वापसी पुलिस ही संभाल रही मोर्चा

पब्लिक और वालंटियर के बीच में नहीं बैठा तालमेल, वालंटियर की वापसी पुलिस ही संभाल रही मोर्चा

देवेन्द्र गोरले सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

डोंगरगढ- लाकडॉउन् के दौरान राजनांदगांव जिले की तहसील डोंगरगढ में भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रण करने एवं लाकडॉउन् का पूरी मुस्तेदी से पालन करवाने के लिए स्थानीय पुलिस व तहसील प्रशासन ने हनुमान भक्त युवा समिति से सहयोग की अपील की थी जिस पर युवाओ ने भी अपनी

 

सहमति देते हुए वालंटियर के रूप में अपनी सेवाएं प्रारंभ की। 12 अप्रैल से 14 अप्रैल तक नगर के रेलवे चौक, गोलबाजार, स्टेशन रोड, सहित भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अपनी सेवाएं देते हुए भीड़ में दो पहिया व चार पहिया वाहनों का प्रवेश वर्जित किया लेकिन इस दौरान कभी नागरिकों ने वालंटियर से वाद विवाद किया तो कभी वालंटियर ने नागरिकों से वाद विवाद किया जिसकी शिकायत थाना प्रभारी, एसडीओपी व एसडीएम तक पहुंची इसके साथ ही मीडिया ने इनकी सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाये जिसके बाद प्रशासन ने वालंटियर की सेवाएं बंद कर दी और अब उनके स्थान पर पुलिस बल को तैनात कर दिया है। चूंकि डोंगरगढ में पहले से ही पुलिस बल की कमी है ऐसे में सभी स्थानों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात करना मुश्किल है जिसका फायदा नागरिक उठा रहे हैं और लाकडॉउन् के नियमों का उल्लंघन कर भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी वाहन घुसा रहे हैं। यही नहीं कई नागरिक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं कर रहे हैं, ना तो मास्क पहन रहे हैं और ना ही धारा 144 का पालन कर रहे हैं जिससे लाकडॉउन् का पूरी कड़ाई से पालन करवाना सिरदर्द बन गया है। नगर गलियों में लोग बेखौफ होकर एक ही स्थान पर एकत्रित हो रहे हैं और पुलिस की गाड़ी की आवाज सुनकर इधर उधर हो जाते हैं और पुलिस की गाड़ी जाते ही फिर से एकत्र हो जाते हैं। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को लोग हल्के में ले रहे हैं जबकि डोंगरगढ से कुछ दूरी पर महाराष्ट्र राज्य की सीमा लगी हुई है और महाराष्ट्र में कोरोना के कारण हाहाकार मचा हुआ है उसके बावजूद डोंगरगढ के कुछ नागरिक इसकी गम्भीरता को नहीं समझ रहे हैं और अनावश्यक वस्तुओं की दुकाने भी खोल रहे हैं खासतौर पर ऑटो पार्ट्स के दुकानदार लगातार लाकडॉउन् के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।बैंको में भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे है और प्रधानमंत्री जन धन खाते में आये 500 रुपये को निकालने के लिए लंबी कतारें लगा रहे हैं।

तब्लीगी जमात के कारण आज पूरा देश खतरे में- जैसा कि हम सभी जानते हैं कि लगभग महीने भर से देश में कोरोना का काला साया छाया हुआ है जिसके चलते पूरे देश में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू और फिर 24 मार्च से 14 अप्रैल तक पूरे देश को 21 दिनों तक पहला लाकडॉउन् किया गया। 21 दिनों के इस लाकडॉउन् ने जहां कोरोना के कहर को कुछ हद तक कम तो किया है है लेकिन दूसरी ओर तब्लीगी जमात ने लाकडॉउन् का लॉक खोलकर देश को कोरोना की आग में झोंक दिया है। इसके अलावा देश के कई राज्यों, जिलों व तहसीलों में कुछ लापरवाह नागरिकों ने भी कोरोना के ग्राफ को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है इसी का परिणाम है कि जिस भारत में एक माह पूर्व कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 100 भी नहीं थी आज उसी भारत में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 13387 तक पहुंच गई है। जिसे देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अप्रैल से 3 मई तक दूसरा लाकडॉउन् घोषित किया। इसी तरह छत्तीसगढ़ राज्य में पहले लाकडॉउन् के दौरान कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 10 थी जिसमे से 8 से मरीजो को ईलाज कर ठीक कर लिया गया था और एक ही मरीज शेष बचा था। अच्छी बात यह रही कि छत्तीसगढ़ में एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत नहीं हुई बल्कि कोरोना को मात देकर नया जीवन मरीजों को मिला लेकिन यहाँ भी तब्लीगी जमात के लोग छत्तीसगढ़ वासियों के लिए मुसीबत बनकर सामने आए जिससे छत्तीसगढ़ में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1 से बढ़कर 33 हो गई जिनमे से 17 मरीजों को फिर नया जीवन एम्स के चिकित्सकों ने प्रदान किया। अब भी सबसे अच्छी बात यह रही कि 33 में से 23 मरीजों का सफल ईलाज किया जा चुका है और केवल 10 मरीज शेष है जिनका उपचार रायपुर एम्स हॉस्पिटल में जारी है और अब तक एक भी मरीज की कोरोना से मौत नहीं हुई है यह पूरे छत्तीसगढ़ के लिए अच्छी बात है।

 

 

 

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