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पद्म विभूषण के लिए डॉ. तीजन बाई को भिलाई इस्पात संयंत्र ने सम्मानित किया

भिलाई। महाभारत की पैराणिक कथा को अपनी चमत्कारिक आवाज और अद्भूत कापालिक शैली में प्रस्तुत करने वाली डॉ. तीजन बाई को हाल ही में भारत सरकार द्वारा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गई है। भारत रत्न के बाद पद्म विभूषण नागरिक सम्मान द्वितीय सर्वोच्च सम्मान है।

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भिलाई इस्पात संयंत्र के सीइओ ए के रथ ने 31 जनवरीको इस्पात भवन में संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में एक समारोह में डॉ. तीजन बाई को शॉल, श्रीफल और आम्र पौधे से सम्मानित किया। भारत के आधुनिक सांस्कृतिक इतिहास में अपनी रोचक शैली और खनकदार आवाज का जादू बिखेरने वाली और कोई दूसरी महिला नहीं है। डॉ. तीजन बाई को जब यह सम्मान दिये जाने की घोषणा हुई तो इससे पूरी सेल, भिलाई और सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य गौरवान्वित हुआ है। डॉ. तीजन बाई ने 70 के दशक में पंडवानी गायन में अपनी विशिष्ट कापालिक शैली से पहचान बनाई। छत्तीसगढ़ की लोक कला को एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पहचान दिलाने वाली महान लोक नायिका को 1988 में पद्म श्री सम्मान से, 1995 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से और 2003 में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानिक किया गया है। फ्रांस महोत्सव में अपनी कला का हुनर बिखेरने वाली डॉ. तीजन बाई ने देश विदेश में भिलाई के राजदूत के रूप में पंडवानी को प्रचलित बना दिया। भिलाई इस्पात संयंत्र बिरादरी की सदस्य रही डॉ. तीजन बाई को सम्मानित करके सेल, भिलाई बिरादरी गौरवान्वित हुई है।

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