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मध्य प्रदेश: कोराना संकट में भी जारी है शह और मात का खेल! | Shah Aur Maat continues in Madhya Pradesh politics amid Corona crisis | bhopal – News in Hindi

मध्य प्रदेश: कोराना संकट में भी जारी है शह और मात का खेल!

मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर होने हैं उपचुनाव (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के वर्तमान राजनीतिक समीकरण को देखें, तो 230 सदस्यों वाली विधानसभा में फिलहाल 25 सीटें रिक्त हैं जिनमें 24 पर चुनाव होने है और एक सदस्य मनोनीत होगा.

कोरोना संकट के बीच भी मध्य प्रदेश में राजनीति का खेल जारी है. हो भी क्यों नहीं. कोराना (Coronavirus) के बीच में ही तो इस प्रदेश में तख्तापलट हुआ था. 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस (Congress) अभी ठीक से सत्ता का स्वाद ले भी नहीं पाई थी कि बीजेपी ने राज्य में सत्ता फिर से कब्जा ली. लेकिन सूत्रों की मानें, तो सत्ता हाथ से जाने के बाद भी कांग्रेस ने हार नहीं मानी है. कोरोना संकट के बीच कांग्रेस विधानसभा उपचुनावों की रणनीति बनाने में जुट गई है, ताकि बीजेपी से हिसाब बराबर किया जा सके.

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को मंत्री बनाने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं. ऐसे में मुश्किल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने है कि मंत्रिमंडल में किसे लें, किसे न लें! क्योंकि उन्हें मंत्रिमंडल गठन में पुराने दिग्गजों के साथ-साथ उपचुनाव के समीकरणों पर भी ध्यान रखना है. शायद यही एक कारण है जब कोरोना के इस संकट में बड़े फैसले लेने के लिए हर समय कैबिनेट की जरूरत है फिर भी शिवराज चौहान अपने मंत्रिमंडल का गठन नहीं कर पा रहे हैं.

कैसे बदलेगा राजनीतिक समीकरण

मध्य प्रदेश के वर्तमान राजनीतिक समीकरण को देखें, तो 230 सदस्यों वाली विधानसभा में फिलहाल 25 सीटें रिक्त हैं जिनमें 24 पर चुनाव होने है और एक सदस्य मनोनीत होगा. वर्तमान मे 106 सदस्यों के साथ बीजेपी बहुमत में है, जबकि 92 सीटों के साथ कांग्रेस विपक्ष में है, लेकिन उपचुनावों के बाद बहुमत का आकड़ा एक बार फिर 115 हो जाएगा यानि बीजेपी को इन 24 सीटों में कम से कम 5 सीटें तो जीतनी ही पड़ेंगी, क्योकि जरूरत पड़ने पर 4 निर्दलीय उसे समर्थन दे सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस की कोशिश बीजेपी को इतनी सीटें जीतने से रोकना है क्योंकि जिन सीटों पर चुनाव होना है उनमें 22 सीटें पिछले चुनाव में कांग्रेस के पास थीं. ऐसे में कांग्रेस इस उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत आजमा लेना चाहती है.क्या है कांग्रेस की योजना

अपने राजनीतिक जीवन में पहली बार शिकस्त खाए कमलनाथ फिलहाल इसके लिए प्लान ए, बी और सी पर काम कर रहे हैं. सूत्रों की माने तो पार्टी आलाकमान ने उपचुनाव लड़ने का जिम्मा उनके हाथ में दे रखा है. ऐसे में कमलनाथ इन सीटों पर अभी से उम्मीदवार तलाशने में जुट गए हैं. प्लान ए के तहत कमलनाथ एंड टीम ने जिन सीटों पर चुनाव होना है वहां अभी से दलबदल को चुनावी मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है, क्योंकि 3 दशक बाद कांग्रेस बिना सिंधिया परिवार के इन इलाकों में चुनाव लड़ रही है. ऐसे में वह सिंधिया परिवार के इतिहास के बहाने भी उन पर आरोप लगाने से नहीं कतरा रही है. प्लान बी में कांग्रेस शिवराज चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार पर नजर लगाए हुए हैं, जिसमें ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के कितने मंत्री बनाए जाते हैं उसके बाद वो अपनी रणनीति तय करेंगें. कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि शिवराज इस इलाके से उतने मंत्री नहीं बचाएंगे, जितने कमलनाथ सरकार में थे. प्लान सी में कांग्रेस ज्योतिरादित्य को उपचुनावों के पहले मंत्री न बनाने पर बीजेपी और सिंधिया दोनों पर वादाखिलाफी के एक हथियार से हमला करने की तैयारी में है.

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First published: April 17, 2020, 4:00 PM IST



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