Coronavirus: चीन के वुहान में लॉकडाउन हटने के बाद भी सख्ती से लागू हैं कई पाबंदियां – Coronavirus: Many restrictions remain in force even after the lockdown is over in Wuhan China | knowledge – News in Hindi

लोगों ने लॉकडाउन खत्म होने पर चीनी झंडे लहराए और ‘वुहान बढ़े चलो’ के नारे लगाए. इस मौके पर लोगों ने चीन का राष्ट्रगान भी गाया. हालांकि, लॉकडाउन खुलने के बाद हजारों की तादाद में लोग वुहान शहर को आननफानन छोड भी गए. लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों को लगा कि अब जिंदगी पहले की तरह आसान हो गई है. अब एक हफ्ता गुजरने के बाद लोगों को अहसास हो रहा है कि वुहान से लॉकडाउन हटने के बाद भी कई तरह की पाबंदियां (Restricitions) सख्ती से लागू की जा रही हैं ताकि कोरोना वायरस फिर शहर में तबाही न मचा पाए.
लॉकडाउन खुलने के बाद भी पाबंदियों में खास अंतर नहीं
एक करोड़ से ज्यादा आबादी वाले वुहान के लोगों को अब पहले जैसी आजादी का अहसास नहीं हो रहा है. शहर के 50 वर्षीय झांग का कहना है कि हमें लॉकडाउन खुलने के बाद भी खास अंतर महसूस नहीं हो रहा है. आम लोगों के लिए अभी भी लॉकडाउन खत्म नहीं हुआ है. अभी भी काफी लोगों को क्वारंटीन किया गया है. अभी भी बहुत से लोगों के घर से निकलने पर पाबंदी है.जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी (JHU) में पॉलिटिकल इकोनॉमी के लेक्चरर हो-फंग हंग के मुताबिक, वुहान को खोलकर चीन (China) दुनिया को दिखाना चाहता है कि उसने कोरोना वायरस के खिलाफ मुकाबला जीत लिया है और अब शहर में जिंदगी पटरी पर लौट आई है. साथ ही चीन का प्रशासन स्थानीय लोगों को अहसास कराना चाहता है कि उनका जीवन अब सामान्य दिशा में आगे की ओर जा रहा है. बता दें कि अकेले वुहान शहर में कोरोना वायरस के कारण 2,500 लोगों की मौत हो गई थी.

वुहान में घर से निकलने वाले लोगों की जगह-जगह जांच की जा रही है.
स्कूल, सिनेमा, रेस्टोरेंट अभी हैं बंद, कई इलाके हैं सील
हंग कहते हैं कि लोग सरकार की ओर से संक्रमण के शुरुआती दौर में की गई लापरवाहियों को आसानी से नहीं भुला पाएंगे. उनमें भी अपने परिजनों को संक्रमण के कारण खो चुके लोगों को चीन की सरकार की ओर से कोरोना वायरस के फैलने को लेकर बार-बार किया गया इनकार हमेशा याद आता रहेगा. वो लोग कैसे सरकार की नाकामी को भुला पाएंगे जो संक्रमण की चपेट में आकर अपनी या अपनों की सेहत बुरी तरह खराब होने के कारण परेशान हैं.
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, वुहान में अभी भी बहुत सी दुकानें बंद ही हैं. वहीं, रेस्टोरेंट्स को सिर्फ डिलिवरी के लिए खोला गया है यानी वुहान के लोग ऑर्डर कर अपना खाना मंगा सकते हैं. वुहान में स्कूल, कॉलेज, सिनेमा और मनोरंजन के दूसरे साधन अभी भी बंद ही हैं. वुहान में ही कई इलाकों को अभी भी सील रखा गया है. काम पर जाने वाले लोगों को भी अपनी कंपनी से अनुमति पत्र लेकर प्रशासन को दिखाने पर ही घर से निकलने की छूट दी जा रही है.
बाहर निकलने वालों की की जा रही है जगह-जगह जांच
वुहान में लोगों की आवाजाही से पाबंदी जरूर हटा दी गई है, लेकिन अभी भी जगह-जगह उनकी जांच की जा रही है. लोगों को अपना हेल्थ कोड दिखाने पर ही आगे जाने की मंजूरी दी जा रही है. दरअसल, प्रशासन ने लोगों से अपने स्मार्टफोन पर एक सरकारी ऐप डाउनलोड करने को कहा है. इस ऐप पर उन्हें संक्रमित होने या नहीं होने या संदिग्ध होने पर रेड, यलो और ग्रीन कोड दिए जा रहे हैं. ग्रीन कोड के लोगों को शहर के बाहर जाने की अनुमति है तो यलो कोड दिखाने पर शहर के अंदर आवाजी की छूट है.
वहीं, रेड कोड वालों को अभी भी घर में आइसोलेट होकर रहना है. घर से निकलने वाले लोगों का चेकप्वाइंट्स पर टैम्प्रेचर चेक किया जा रहा है. स्थानीय नागरिक झांग बताते हैं कि उन्हें अपने घर से बस स्टॉप तक पहुंचने में चार जगह जांच करानी होती है. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि इन पाबंदियों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा. हालांकि, इससे ये संकेत भी मिलते हैं कि संक्रमण का खतरा टला नहीं है.
नए मामलों के कारण ढील देने को तैयार नहीं प्रशासन
प्रशासन के साथ ही स्थानीय लोग भी बिना लक्षण वाले संक्रमित लोगों को लेकर डरे हुए हैं. वहीं, संक्रमण से उबर चुके लोगों में दोबारा लक्षण उभरने के मामलों ने लोगों को और डरा दिया है. वहीं, ठीक हो चुके कुछ लोगों में लक्षण तो नजर नहीं आए लेकिन कुछ दिन बाद उनका कोरोना टेस्ट फिर पॉजिटिव आया है. ऐसे में प्रशासन एकसाथ ढील नहीं देना चाहता है. इसके अलावा विदेश से लौटे चीन के नागरिकों में संक्रमण पाए जाने के मामलों ने अधिकारियों को पाबंदियां जारी रखने के लिए मजबूर कर दिया है.
चीन का नेशनल हेल्थ कमीशन हर दिन ऐसे नए मामलों की जानकारी दे रहा है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में हुबेई प्रांत में एक भी नया स्थानीय पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है. ज्यादातर नए मामले विदेश से आए लोगों से संबंधित हैं. हांकोउ की 68 वर्षीय जोउ का कहना है कि हम अभी भी डरे हुए हैं. हम फिलहाल घर में ही रहेंगे. बाहर आए दर्जनों लोगों का कोरोना टेस्ट (Corona Test) पॉजिटिव आया है.

वुहान के लोगों का कहना है कि हालात सामान्य होने के मतलब वायरस का खत्म हो जाना नहीं है.
सरकारी डाटा पर लोगों को नहीं हो पा रहा है भरोसा
कुछ लोगों का कहना है कि वे काम पर लौटना चाहते हैं, लेकिन कोरोना वायरस सेकेंड वेब को लेकर डरे हुए हैं. आइरिस याओ कहते हैं कि हालात सामान्य होने के मतलब वायरस का खत्म हो जाना नहीं है. एक स्थानीय महिला का कहना है कि हमारे सामने अजीब हालात हैं. अगर हम घर से बाहर नहीं निकलेंगे तो कमाएंगे, खाएंगे कैसे और बाहर निकलते हैं तो संक्रमित होने का डर बना हुआ है. ऐसी ऊहापोह की स्थिति में हम घर से बाहर निकलने को मजबूर हैं.
कुछ नए मामले सामने आने के बाद कुछ इलाकों में फिर सख्ती बरती जा रही है. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि उन्हें सरकारी डाटा पर बिलकुल भरोसा नहीं है. वुचांग की रहने वाली 22 वर्षीय कोको हान बताती हैं कि वह संक्रमित होने के कारण घर में क्वारंटीन थीं और उनके इलाके में वायरस फ्री जोन का बोर्ड लगा दिया गया था. ऐसे में सरकारी डाटा पर विश्वास करना मुश्किल है.
अनिवार्य सरकारी ऐप के जरिये रखी जा रही है नजर
कुछ स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि सरकार ने संक्रमण के बारे में लोगों को सावधान करने में बहुत देर लगाई. वहीं, शुरुआत में कई गलत कदम भी उठाए. यहां तक की लोगों को कोरोना वायरस के बारे में आगाह करने की कोशिश करने वाले डॉक्टरों पर भी दबाव डालकर बयान बदलवाए गए. यीचांग के रहने वाले 60 वर्षीय चेन हाल में वुहान वापस लौटे हैं ताकि अपने काम पर जा सकें. वह बताते हैं कि इस समय भी वुहान में सोशल डिसटेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है.
वुहान में किसी भी जगह पर ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर अभी भी पाबंदी लगी हुई है. झांग की बेटी हांगकांग में पढती है. वह नहीं चाहती हैं कि उनकी बेटी अभी वापस वुहान आए. उनको लगता है कि यहां अभी भी खतरा बरकरार है. लोगों को अभी भी फोन में एक सरकारी ऐप रखना अनिवार्य है, जिसमें उनके घर का पता, ट्रैवल डिटेल्स और मेडिकल हिस्ट्री होगी. इसके जरिये उन्हें ट्रेस किया जा सकेगा और देखा जाएगा कि कहीं उनको संक्रमण का खतरा तो नहीं है.
ये भी देखें:
Coronavirus: यूपी का वो आईएएस, जिसने कोरोना रोकने के लिए कर दिया एक बड़ा काम
Coronavirus: दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी से सुधरी संक्रमित की हालत, जानें कैसे होता है इलाज
जानें कोरोना वायरस के कारण खसरा समेत इन जानलेवा बीमारियों की रोकथाम पर पड़ रहा है असर