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1930 की महामंदी से भी भयानक है यह मंदी, IMF से मदद की मांग बढ़ी- IMF Facing Huge Demand for Support | business – News in Hindi

1930 की महामंदी से भी भयानक है यह मंदी, IMF से मदद की मांग बढ़ी

IMF से मदद की मांग बढ़ी

आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्ट क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा, IMF के 189 सदस्य देशों में से 102 देश संगठन से सहायता मांग रहे हैं.

वॉशिंगटन. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund- IMF) के प्रमुख ने बुधवार को कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान लेंडिंग एजेंसी को अपने सदस्यों से समर्थन की भारी मांग का सामना करना पड़ रहा है. आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्ट क्रिस्टालिना जॉर्जिवा ने कहा, IMF के 189 सदस्य देशों में से 102 देश संगठन से सहायता मांग रहे हैं. उन्होंने कहा, एजेंसी ने मांग को पूरा करने के लिए अपनी उधार क्षमता को 1 लाख करोड़ डॉलर पूरा करने के लिए तैयार है.

जॉर्जिवा ने अपनी एजेंसी के आकलन को दोहराते हुए संवाददाताओं से कहा, यह किसी अन्य की तरह संकट नहीं है. वैश्विक अर्थव्यवस्था1930 के महामंदी के बाद से सबसे खराब स्थिति में है. जॉर्जीवा ने वॉशिंगटन स्थित आईएमएफ के एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. उन्होंने कहा, इस साल विश्व बैंक की बैठक वसंत में शुरू होगी.

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उन्होंने और विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास, दोनों ने 20 प्रमुख औद्योगिक देशों के समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक अध्यक्षों द्वारा बुधवार को लिए गए एक निर्णय की प्रशंसा की, जो कम आय वाले देशों के लिए लोन के किस्त भुगतान के निलंबन की घोषणा की. इस वर्ष के अंत में 1 मई से लोन भुगतान के निलंबन से गरीब देशों को 12 अरब डॉलर फंड मिलेगा, जिसका उपयोग वे हेल्थ केयर और कोरोनो वायरस से पैदा हुई अन्य जरूरतों को पूरा करने में खर्च करेंगे.आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था इस साल 3 फीसदी तक सिकुड़ जाएगी और 2009 में ग्लोबल फाइनेंशियल क्रासिस से 0.1 फीसदी से अधिक गिरावट होगी. जॉर्जिवा ने कहा कि IMF पहले ही अपने आपातकालीन सहायता कार्यक्रमों को 50 अरब डॉलर से 100 अरब डॉलर तक दोगुना कर चुका है. साथ ही, एजेंसी आर्थिक विकास को फिर से शुरू करने के लिए सहायता करने की तैयारी कर रही है क्योंकि देश संकट से उभर रहे हैं.

हमें इस संकट के दूसरी तरफ आने वाली चुनौतियों के बारे में सोचने की जरूरत है. उन्होंने कहा, कई देशों में कर्ज के बढ़ते स्तर और दिवालिया होने की संभावना बढ़ी है. उन्होंने कहा, यह महत्वपूर्ण है कि आईएमएफ और व्यक्तिगत सरकारों ने उन मुद्दों से निपटने के लिए उपाय किए हैं.

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First published: April 16, 2020, 9:14 AM IST



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