In Kotdwar Uttarakhand migrant laborers doing daily wages have sought permission from the administration to return home nodakm | एक दिन पूड़ी सब्जी मिल जाती है, फिर चार दिन भूखे रहते हैं, सर प्लीज अपने गांव जाने दीजिए… | dehradun – News in Hindi
प्रशासन ने जिद पर अड़े मजदूरों को अपने घर जाने की इजाजत देने से इंकार कर दिया है.
सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और बिहार (Bihar) के रहने वाले हैं जो लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से ही कोटद्वार (Kotdwar) में फसें हुए है.
दरअसल, तहसील पहुंचे सैकड़ों दिहाड़ी मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं जो लॉकडाउन के बाद से ही कोटद्वार में फसें हुए है. सरकार की ओर से राशन की मदद का आश्वसन मिलने के बाद ये लोग अपने ही स्थानों पर रुक गए, लेकिन अब इन लोगों पर रोटी का संकट खड़ा हो गया है. दिहाड़ी मजदूरों ने कहा कि ज्यादातर सभी मजदूर इनदिनों बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं, तीन चार दिनों से इनके घरों में चूल्हा तक नही जला. प्रशासन से कई दफा राशन की व्यवस्था करनें की मांग की गई, लेकिन कोई देखने नही आया.
अपना दर्द बयां करते हुए उन्होंने बताया कि कभी कभार कोई चार पूरी और थोड़ी सब्जी का पैकेट दे जाता है, लेकिन उसके बाद हफ्तों तक कोई मदद नही मिल पाती. एसडीएम से उनको वापस घरों तक पहुंचने की गुहार लगाते हुए मजदूरों ने तहसील में इकट्ठा हो गए. वहीं, प्रशासन की ओर से बमुश्किल सभी लोगों को आश्वासन देकर वापस भेजा जा सका. एसडीएम कोटद्वार योगेश मेहरा ने कहा कि सभी लोगों का नाम लिस्ट में शामिल किया जा रहा है जिससे उनके लिए राशन की व्यवस्था हो सके.
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First published: April 15, 2020, 6:06 PM IST