छत्तीसगढ़

कौन कहता है एक रुपया से कुछ नहीं होता! आइए जानते हैं उसी पैसे का महत्व समाज सेविका सीमा वर्मा की जुबानी

संवाददाता: प्रयास कैवर्त सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-

कौन कहता है एक रुपया से कुछ नहीं होता! आइए जानते हैं उसी पैसे का महत्व समाज सेविका सीमा वर्मा की जुबानी…

इस मुहिम को 10 अगस्त 2016 को बिलासपुर की छात्रा सीमा वर्मा ने किया था चालू…
बिलासपुर – सीमा लोगो से एक एक रूपया लेकर उन रुपयों से जरूरत मंद बच्चों की फीस जमा करती हैं, सीमा ने अब तक 33 बच्चों की फीस जमा की है और जब तक ये बच्चें 12वी तक की शिक्षाकौन कहता है एक रुपया से कुछ नहीं होता? आइए जानते हैं उसी एक रुपए के जुर्माना का महत्व समाज सेविका सीमा की जुबानी… पूरी नहीं कर लेते तब तक सीमा उनकी साल भर की

 

फीस जमा करती रहेंगी। सीमा ने बताया इस मुहिम की शुरुआत करने का एक बहुत बड़ा कारण रहा है सीमा जब ग्रेजुएशन में थी उनकी एक सहेली थी जो दिव्यांग थी, सीमा को उनको ट्राय साइकिल दिलवाना था इसके लिए सीमा ने कालेज के प्रिंसपल से बात की, तो प्रिंसिपल सर ने कहा एक हप्ते बाद बात करते है, सीमा उसी दिन पैदल -पैदल मार्केट के कई शॉप पर गई किसी ने कहा यहां नहीं मिलेगा,किसी ने कहा 35000/-rs का मिलेगा पर दिल्ली से मांगना पड़ेगा,15 दिन से एक महीना लग सकता है।
सीमा वाहा से निकली तो सामने एक पंचर बनाने वाली दुकान पर पहुंची, उनसे पूछा इन सब दुकानों के अलावा कोई साइकिल स्टोर है, पंचर बनाने वाले ने पूछा आप को क्या चाहिए, सीमा ने बताया उनकी दिव्यांग दोस्त को बैटरी से चलने वाली ट्राय साइकिल चाहिए, पंचर बनाने वाले ने मजाकिया लहजे से पूछा आप कोन सी क्लास में है, सीमा ने बताया ग्रेजुएशन लास्ट ईयर में है, एपंचर वाले ने बोला आप को पता नहीं क्या ये गर्वनमेंट फ्री आफ कॉस्ट प्रोवाइड करती है।
सीमा ने तुरंत पूछा क्या करना पड़ेगा? पंचर वाले ने बताया जिला पुनर्वासन केद्र जाना पड़ेगा डॉक्युमेंट्स जमा करना पड़ेगा। 8-10 महीने भी लग सकते है, सीमा ने पूछा और कोई रास्ता? पंचर वाले ने बताया कमिश्नर सर के पास जाइए हो सकता है, एक महीने के अंदर मिल जाए। सीमा तुरंत कमिश्नर सर के पास गई, दूसरे दिन उनके दोस्त को ट्राय साइकिल मिल गई।

सीमा ने उस दिन 3 बाते सीखी…
1. कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।
2. लोगो को गवर्नमेंट की स्कीम के बारे में पता ही नहीं तो लोग लाभ केसे लेंगे। जागरूकता जरूरी है।
3. आप लोगो की मदद उनको सही रास्ता दिखा कर भी कर सकते है।
इसी सोच के साथ सीमा ने ये मुहिम की शुरुआत की…
ताकि लोगो को जागरूक कर सके सुधर अपने घर गली मोहल्ले से होगा। सीमा को लोग मदद के लिए रुपए भी देना चाहते है भारत से ही नहीं अपितु विदेशो से भी , पर सीमा यह कह कर मना कर देती है कि दिया तले अंधेरा मत बनिए जहा है वहीं पर लोगो की मदद कीजिए। सीमा सभी देश वासियों से अपील करती है आप सभी एक दूसरे की मदद कीजिए भारत देश की अखंडता को बनाए रखिए। आप एक रूपया मुहिम को जरूरत मंद लोगो के लिए ही नहीं अपने लिए भी शुरू कर सकते है अपने घर पर रोज एक एक रूपया या उससे ज्यादा इक्कठा कर सकते है ताकि विपरीत परिस्थिति में उसका उपयोग कर पाए। सीमा ने आगे बताया कि उनके प्रेरणा स्रोत सरगुजा के वर्तमान पुलिस महानिरीक्षक रतनलाल डांगी है।

 

 

 

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