लॉकडाउन: बांद्रा में उमड़ी भीड़ तो आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार को ठहराया जिम्मेदार | coronavirus outbreak aaditya thackeray targets modi govt over bandra protest amid lockdown | nation – News in Hindi
आदित्य ठाकरे केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
CoronaVirus: इस पूरी घटना पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बांद्रा स्टेशन से मजदूरों को हटा दिया गया है.
कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. इस पूरी घटना पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बांद्रा स्टेशन से मजदूरों को हटा दिया गया है. अभी हाल ही में सूरत में भी ऐसा ही हुआ था. केंद्र सरकार मजदूरों को घर भेजने का फैसला नहीं ले पायी है. वे लोग भोजन और आश्रय नहीं चाहते हैं, वे घर वापस जाना चाहते हैं.
मुंबई में प्रवासी मजदूर सड़क पर आये
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा करने के कुछ ही घंटे बाद बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर यहां मंगलवार को सड़क पर आ गए. उन्होंने मांग की कि उन्हें उनके मूल स्थानों को जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाए. ये सभी प्रवासी मजदूर दिहाड़ी मजदूर हैं.लॉकडाउन से दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए
कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए पिछले महीने लॉकडाउन लागू होने के बाद से दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. इससे उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि अधिकारियों और गैर-सरकारी संगठनों ने उनके भोजन की व्यवस्था की है, लेकिन उनमें से अधिकतर पाबंदियों के चलते हो रही दिक्कतों के चलते अपने मूल स्थानों को वापस जाना चाहते हैं.
लगभग 1000 लोग रेलवे स्टेशन पर जमा हो गए
पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार करीब 1000 दिहाड़ी मजदूर अपराह्न करीब तीन बजे रेलवे स्टेशन के पास मुंबई उपनगरीय क्षेत्र बांद्रा (पश्चिम) बस डिपो पर एकत्रित हो गए और सड़क पर बैठ गए. दिहाड़ी मजदूर पास के पटेल नगरी इलाके में झुग्गी बस्तियों में किराए पर रहते हैं, वे परिवहन सुविधा की व्यवस्था की मांग कर रहे हैं ताकि वे अपने मूल नगरों और गांवों को वापस जा सकें. वे मूल रूप से पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के रहने वाले हैं.
एक मजदूर ने अपना नाम बताये बिना कहा कि एनजीओ और स्थानीय निवासी प्रवासी मजदूरों को भोजन मुहैया करा रहे हैं लेकिन वे लॉकडाउन के दौरान अपने मूल राज्यों को वापस जाना चाहते हैं क्योंकि बंद से उनकी आजीविका बुरी तरह से प्रभावित हुई है.
भोजन नहीं, घर जाना चाहते हैं
उसने कहा, ‘अब, हम भोजन नहीं चाहते हैं, हम अपने मूल स्थान वापस जाना चाहते हैं, हम (लॉकडाउन बढ़ाने की) घोषणा से खुश नहीं हैं.’ पश्चिम बंगाल के मालदा के रहने वाले असदुल्लाह शेख ने कहा, ‘हमने लॉकडाउन के पहले चरण में अपनी बचत पहले ही खर्च कर दी है. अब हमारे पास खाने को कुछ नहीं है, हम केवल अपने मूल स्थान वापस जाना चाहते हैं, सरकार को हमारे लिए व्यवस्था करनी चाहिए.’
एक अन्य मजदूर, अब्दुल कय्युन ने कहा, ‘मैं पिछले कई वर्षों से मुंबई में हूं, लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं देखी. सरकार को हमें यहां से हमारे मूल स्थान पर भेजने के लिए ट्रेनें शुरू करनी चाहिए.’ अधिकारी ने कहा कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए विरोध स्थल पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. अन्य पुलिस थानों से कर्मियों को बुलाया गया है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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First published: April 14, 2020, 7:40 PM IST