2000 कोरोना बेड बनाने की तैयारी के बीच रेजिडेंट डॉक्टरों में अंसतोष! कैसे पार पाएगी दिल्ली सरकार? – COVID 19 pandemic mamc delhi government dcided to deploy PG students at district level Resident doctors nodrss | delhi-ncr – News in Hindi


दिल्ली सरकार के एक फरमान से रेजिडेंट डॉक्टरों में हड़कंप मच गया है.(प्रतीकात्मक फोटो)
दिल्ली सरकार (Delhi Government) के एक फरमान से रेजिडेंट डॉक्टरों (Resident Doctors Association Delhi) में हड़कंप मच गया है. दिल्ली सरकार ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) के प्रथम वर्ष के कुछ पीजी स्टूडेंट्स को दिल्ली के विभिन्न जिलों में तैनाती के फरमान जारी किए हैं.
जिलों में तैनाती का डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं
कुछ रेजिडेंट्स डॉक्टरों ने न्यूज 18 को बताया है कि एक तरफ तो अस्पताल को कोरोना वार्ड्स में बदल दिया गया है और दूसरी ओर यहां काम करने वाले कुछ डॉक्टरों को दिल्ली के अलग-अलग जिलों के अस्पतालों में भेजा जा रहा है. वह भी तब जब डॉक्टरों पर लगातार हमले हो रहे हैं. दिल्ली के बाकी अस्पतालों से भी डॉक्टर्स और रेजिडेंट्स डॉक्टर्स को इन जिलों में भेजे जा सकते थे जहां पर लॉकडाउन की वजह से मरीजों की भीड़ नहीं है.

एलएनजेपी में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है.
रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन को इस बात की भी नारजगी है कि एलएनजेपी में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. अस्पताल में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के तीनों ईयर मिला कर लगभग 800 डॉक्टर काम कर रहे हैं. जब अस्पताल में 2000 बेड बन कर तैयार हो जाएंगे तो उस स्थिति को कैसे संभाल पाएंगे?
एलएनजेपी 2000 बेड के कोरोना अस्पताल में तब्दील
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए एलएनजेपी और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी (RGSSH) को चिह्नित किया है. इसमें से 2000 बेड एलएनजेपी अस्पताल में तैयार किया जा रहा है. पीजी के ये स्टूडेंट्स एलएनजेपी अस्पताल के विभिन्न वार्ड्स में फ्रंट लाइन में मरीजों का देखभाल करते हैं.

अस्पताल में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के तीनों ईयर मिला कर लगभग 800 डॉक्टर काम कर रहे हैं.
इस बारे में सोमवार को आरडीए ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डीन से लेकर सचिवालय तक के अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी कमिटमेंट जाहिर की. आरडीए ने कहा कि एलएनजेपी में इतने वर्कलोड के बावजूद इन डॉक्टरों की जरूरत यहां पड़ने वाली है. लेकिन, ऑथोरिटी का व्यवहार डॉक्टरों के प्रति असंवदेनशील रहा. वर्तमान स्थिति को लेकर आरडीए एसोसिएशन लगातार बैठक कर रही है और आगे की रणनीति पर विचार कर रही है.

दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए एलएनजेपी और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी को चिह्नित किया है.
आरडीए और अस्पताल प्रशासन आमने-सामने
आरडीए का कहना है कि प्रशासन उनके साथ अंसवेदनशील व्यवहार कर रहा है. जिससे उनके मनोबल पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है. हमलोग जान जोखिम में डाल कर कोरोना मरीज की सेवा कर रहे हैं. हमलोगों ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के डीन और एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर से संपर्क कर अपनी चिंता से अवगत करा दिया है. जब अस्पताल प्रशासन से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो हमलोग सचिवालय पहुंच कर अपनी चितांओं से अवगत कराया, लेकिन वहां पर भी हमें निराशा ही हाथ लगी है. हमलोगों की भावना है कि इस स्थिति में कोई राजनीति न करें, लेकिन दिल्ली सरकार और अस्पताल प्रशासन के रवैये ने हमलोगों को कुछ न कुछ फैसले लेने के लिए विवश कर दिया है.
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First published: April 14, 2020, 8:48 PM IST