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कोरोना वायरस लॉकडाउन: बांद्रा के बाद सूरत की सड़कों पर उतरे प्रवासी मजदूर, घर भेजे जाने की कर रहे हैं मांग | migrant labours on road demanding to sent home बांद्रा के बाद सूरत की सड़कों पर उतरे प्रवासी मजदूर, घर भेजे जाने की कर रहे हैं मांग | nation – News in Hindi

कोरोना वायरस लॉकडाउन: बांद्रा के बाद सूरत की सड़कों पर उतरे प्रवासी मजदूर, घर भेजे जाने की कर रहे हैं मांग

3 मई तक लॉक डाउन (Lockdown) बढ़ने के बाद सूरत (Surat) के दो इलाकों वराछा ओर अश्विनी कुमार में कपडे़ ओर एम्ब्रॉडरी के मजदूर इकट्ठा हो गए. मजदूरों की मांग है कि उन्हें वापिस अपने गांव भेजा जाए.

3 मई तक लॉक डाउन (Lockdown) बढ़ने के बाद सूरत (Surat) के दो इलाकों वराछा ओर अश्विनी कुमार में कपडे़ ओर एम्ब्रॉडरी के मजदूर इकट्ठा हो गए. मजदूरों की मांग है कि उन्हें वापिस अपने गांव भेजा जाए.

अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा कोरोना वायरस (Coronavirus) से बचने के लिए  लॉकडाउन (Lockdown) बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद गुजरात (Gujarat) के सूरत (Surat) में सैकड़ों की संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए. ये प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के बावजूद घर भेजने की मांग कर रहे हैं. इनमें से कई मजदूर खाने-पीने को लेकर शिकायत कर रहे हैं. कुछ कहा कहना है कि उन्हें पिछले चार दिनों से खाने के लिए कुछ नहीं मिल सका है और वह पानी पीकर अपना गुजारा कर रहे हैं

घर वापस भेजने की मांग कर रहे हैं मजदूर
3 मई तक लॉकडाउन बढ़ने के बाद सूरत के दो इलाकों वराछा ओर अश्विनी कुमार में कपडे़ ओर एम्ब्रॉयडरी के मजदूर इकट्ठा हो गए. मजदूरों की मांग है कि उन्हें वापस अपने गांव भेजा जाए. इससे कुछ दिन पहले भी मजदूर हिंसा पर उतर आए थे और सब्जियों के ठेलों को आग लगा दी थी.

सूरत में यूपी, बिहार, राजस्थान, ओडिशा से मजदूर काम के लिए आते हैं. मजदूरों का आरोप है कि उनके लिए खाने और राशन की भी कोई व्यवस्था नहीं है. वराछा इलाके में कारीगरों ने मास्क लगाकर भीड़ इकट्ठा की तो अश्विनी कुमार इलाके में सोशल डिस्टेंसिंग रख जमावड़ा किया.डीजीपी ने इस संबंध में गृह सचिव को लिखा था पत्र
न्यूज18 इंडिया ने गुजरात के डीजीपी द्वारा गृहसचिव को लिखे खत को दिखाया था जिस में डीजीपी ने इस तरह की आशंका जताई थी. डीजीपी ने खत में लिखा था कि श्रमजीवी लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं. लॉकडाउन के बाद वह अपने गांव जाने की जिद करेंगे ऐसे में पुलिस के साथ संघर्ष की संभावना है. डीजीपी ने श्रमजीवियों के लिए बनाए गए शेल्टर होम में सुविधाए संतोषजनक नहीं होने की भी बात लिखी थी.

इससे पहले मंगलवार को ही मुंबई के बांद्रा में प्रवासी मजदूर सड़कों पर आ गए थे. बांद्रा में इकट्ठा हुए मजदूरों ने भी यह मांग की कि उन्हें उनके मूल स्थानों को जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की जाए. ये सभी प्रवासी मजदूर दिहाड़ी मजदूर हैं. इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Maharashtra’s CM Uddhav Thackeray) को फोन कर बांद्रा की घटना (Bandra Incident) पर चिंता जताई. गृह मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाएं भारत की कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं.

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First published: April 14, 2020, 8:31 PM IST



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