अपने रिस्क पर काम कर रहे हैं ये कोविड फाइटर, बीमा की बात दूर, सेनेटाइजर, मॉस्क और दस्ताने तक नहीं! , These Corona Fighters are working at own risk-haryana-government employee How to protect yourself without masks gloves and Sanitizer-dlop | chandigarh-city – News in Hindi


15 हजार रुपये पाने वाले कांट्रैक्ट कर्मचारी भी बिना सरकारी गारंटी के फील्ड में काम करने को मजबूर (प्रतीकात्मक फोटो)
बिना स्टेट गारंटी कोरोना से जंग में जुटे हैं 15-16 हजार रुपये पाने वाले कांट्रैक्ट कर्मचारी, इन्हें सरकार ने ग्लब्स, सेनेटाइजर और मॉस्क तक नहीं दिया.
पुलिस और सफाईकर्मियों की भूमिका इस लड़ाई में सबसे अहम है. लेकिन इन दोनों को भी संक्रमण से बचाव के लिए ग्लब्स, मॉस्क और सेनेटाइजर नहीं मिला है. इन कर्मचारियों को फील्ड में रहकर कोरोना वायरस से बचाव के लिए खुद पैसा खर्च करना पड़ रहा है. सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष सुभाष लांबा का कहना है कि बिजली, अग्निशमन, जन स्वास्थ्य, सफाई, नगर निगम व श्रम विभाग आदि के कर्मचारी दिन रात एक किए हुए हैं लेकिन उन्हें कोरोना से खुद के बचाव के लिए कुछ भी उपलब्ध नहीं करवाया गया है.
50 लाख का बीमा करवाने की मांग
आवश्यक सेवाओं के विभागों में लगे कर्मचारी बिना किसी रुकावट के जनता को आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, इसलिए सरकार को बिना किसी भेदभाव के कोविड-19 के संक्रमण को रोकने में किसी भी प्रकार से शामिल सभी कर्मचारियों को 50 लाख जोखिम बीमा में कवर किया जाए. उन्होंने जोखिम बीमा में सभी विभागों के कांट्रैक्ट, आउटसोर्सिंग पालिसी, डीसी रेट, पार्ट टाइम व परियोजनाओं में कार्यरत कार्यकर्ताओं को भी शामिल करने की मांग की है.

सर्व कर्मचारी संघ ने सीएम मनोहर लाल खट्टर से की अपील
कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री ने बताया की कोविड-19 संक्रमण को रोकने के अभियान में कई विभागों के कर्मचारी जुटे हुए हैं. उन्होंने बताया कि टीचर, सुपरवाइजर, आशा, आंगनबाड़ी, मिड डे मील वर्कर आदि सर्वे के काम में लगे हुए हैं, जिनको सेफ्टी किट भी नहीं दी जा रही. इस बारे में हमने हरियाणा के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा से बातचीत करने की कोशिश की लेकिन सीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में होने की वजह से सरकार का पक्ष नहीं मिल सका.
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First published: April 14, 2020, 5:28 PM IST