CM त्रिवेंद्र सिंह रावत बोले, उत्तराखंड में Covid-19 संक्रमण अभी नियंत्रित – CM Trivendra Singh Rawat said Coronavirus infection still controlled in Uttarakhand | dehradun – News in Hindi


सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को कहा कि प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन लंबे समय तक सतर्कता बरतने की जरूरत है. (फाइल फोटो)
उत्तराखंड (Uttarakhand) में पिछले चार दिन में कोविड-19 (Covid-19) संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया है. इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने सोमवार को कहा कि प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है.
कई बार संक्रमण के बावजूद सामने नहीं आ रहे लक्षण
प्रदेश में 8 अप्रैल को चार लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद प्रदेश में संक्रमित लोगों की संख्या 35 हो गई थी, लेकिन उसके बाद से अभी तक कोई नया मामला सामने नहीं आया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि भविष्य में हालात बिगड़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि कई बार संक्रमण के बावजूद लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं और कई लोगों में संक्रमण के लक्षण एक महीने बाद भी नजर आ रहे हैं.
घर से बाहर जाने पर ढक कर रखें मुंह, नाक और आंखजनता को इस समय अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह देते हुए कहा कि बाहर निकलने पर चेहरा खासतौर पर मुंह, नाक, आंख ढक कर रखें. उन्होंने कहा कि चेहरा ढकने के लिए मास्क के स्थान पर किसी भी कपड़े, जैसे दुप्पटा, स्टोल, गमछा आदि का उपयोग किया जा सकता है और ऐसा करके 80 प्रतिशत तक बीमारी से संक्रमित होने के खतरे से बचा जा सकता है.
मजबूरी में कर्फ्यू लगाना पड़ा
मुख्यमंत्री ने इस महामारी से निपटने के लिए धर्मगुरूओं तथा समाज के प्रतिष्ठित लोगों को भी आगे आकर सरकार के साथ सहयोग करने पर जोर दिया और कहा कि महामारी की प्रकृति को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि हालात कभी भी काबू से बाहर जा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण का दुष्प्रभाव देखा जा रहा है, उसमें लंबे समय तक सर्तकता और सजगता से रहने की जरुरत होगी.’ रविवार को हल्द्वानी के वनभूलपुरा में हुई घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए हमें सख्त कदम भी उठाने पड़ें तो उठाएंगे. उन्होंने कहा कि जिस तरह से रविवार को हजारों लोगों की भीड़ सामने आयी, उसके बाद मजबूरी में कर्फ्यू लगाना पड़ा. वनभूलपुरा में एक स्थानीय मस्जिद के इमाम को पृथक वास में रखने की प्रशासन की कोशिश का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर आ गए थे.
पूरे देश में एक तरह की रीति-नीति की जरूरत
लॉकडाउन में चरणबद्ध तरीके से शिथिलता देने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महामारी के खिलाफ पूरे देश को एकजुटता से लड़ना होगा और पूरे देश में एक तरह की रीति-नीति अपनाने की जरूरत है. सोमवार शाम या मंगलवार सुबह तक भारत सरकार का ‘एक्जिट प्लान’ (लॉकडाउन की समाप्ति से जुड़ी योजना) सामने आने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि उसी के हिसाब से प्रदेश में आगे निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि दून मेडिकल कालेज, आहूजा लैब्ज और भारतीय पेट्रोलियम संस्थान (आइआइपी) को नमूनों की जांच करने की अनुमति मिल गई है और श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के लिए अनुमति लेने का प्रयास भी किया जा रहा है, जिससे परिवहन में लगने वाला समय कम हो जाए.
1,300 विदेशी सैलानियों समेत करीब ढाई हजार लोग फंसे
लॉकडाउन के कारण उत्तराखंड में फंसे पर्यटकों के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री ने बताया कि 1,300 विदेशी सैलानियों समेत करीब ढाई हजार लोग ऐसे हैं जो अपने घर नहीं लौट सके. उन्होंने कहा कि 1,200 घरेलू पर्यटकों में से सबसे ज्यादा संख्या (175) पश्चिम बंगाल के लोगों की है जबकि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के भी पर्यटक यहां हैं. मुख्यमंत्री ने उनकी घर वापसी के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस पर विचार चल रहा है लेकिन यह तभी संभव है जब उनके राज्य भी उन्हें वापस बुलाने को तैयार हों. उन्होंने कहा कि जब तक दोनों राज्यों की सहमति नहीं बनेगी तब तक इस बारे में एकतरफा निर्णय से काम नहीं चलेगा. उन्होंने कहा, ‘लोग रास्ते में रहेंगे तो परेशानी होगी. यहां कम से कम ठिकाने पर हैं, खाना मिल रहा है और वे सुरक्षित हैं.’
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First published: April 13, 2020, 6:22 PM IST