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Lockdown: कर्नल बेटे के अंतिम संस्कार के लिए माता-पिता 2000 किमी का सफर तय कर पहुंचे कर्नाटक – Lockdown: Parents of Col Navjot Singh Bal Arrive in Karnataka for His Funeral | nation – News in Hindi

Lockdown: कर्नल बेटे के अंतिम संस्कार के लिए माता-पिता 2000 किमी का सफर तय कर पहुंचे कर्नाटक

कर्नल नवजोत सिंह बल

कर्नल नवजोत सिंह के माता-पिता को देश में लॉकडाउन के कारण कोई फ्लाइट नहीं मिल सकी जिसके कारण शुक्रवार सुबह सड़क के रास्ते गुरुग्राम से बेंगलुरु रवाना हो गए.

बेंगलुरु. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण 21 दिन के लॉकडाउन (Lockdown) के बीच अपने बेटे कर्नल नवजोत सिंह बल की अंतिम झलक पाने के लिए उनके माता-पिता गुरुग्राम से दो हजार किलोमीटर लंबी सड़क यात्रा कर शनिवार शाम कर्नाटक पहुंचे. भारतीय सेना में कर्नल नवजोत सिंह बल (39) का कैंसर के कारण गुरुवार को बेंगलुरु में निधन हो गया था. कर्नल नवजोत के माता-पिता को लॉकडाउन के कारण कोई फ्लाइट नहीं मिल सकी जिसके कारण वो शुक्रवार सुबह सड़क के रास्ते गुरुग्राम से बेंगलुरु रवाना हो गए.

गुरुग्राम में थे माता-पिता 
कर्नल नवजोत के पैरेंट्स गुरुग्राम में हैं. यहां से बेंगलुरु की दूरी करीब दो हजार किलोमीटर है. लॉकडाउन चलते उनके पैरेंट्स को एयरफोर्स का विमान नहीं मिल सका. नवजोत के परिजनों ने शुक्रवार को ट्वीट किया था, ‘फिलहाल वो दिल्ली में हैं और अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिये बंगलूरू जाने के लिए पैदल ही निकल रहे हैं. अठारह घंटे पहले, नवजोत के भाई नवतेज सिंह बल ने ट्वीट किया कि उनके माता-पिता गुरुग्राम से 968 किलोमीटर साउथ वेस्ट में गुजरात के वडोदरा पहुंचे. बेंगलुरु वडोदरा से 1,380 किमी साउथ-ईस्ट में है. गुरुग्राम से बेंगलुरु 2,348 किमी दूर है.

हुत मदद और सहयोग के लिए दिया धन्यवाद उन्होंने दोबारा ट्वीट किया, ‘सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद! वह वडोदरा पहुंचने वाले हैं. सुरक्षा बलों की ओर से रास्ते में बहुत मदद और सहयोग मिला है. अगर सबकुछ सही रहा तो हम कल रात बेंगलुरु पहुंच जाएंगे.’ कर्नल के पिता बाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मुझे नहीं पता कि मेरा बेटा बेंगलुरू में किस अस्पताल में गुजरा, क्योंकि मैं अमृतसर में था, मुझे कोई जानकारी नहीं है, वहां जाकर ही कुछ बता पाउंगा.”

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सेना के एक पूर्व अधिकारी बाल ने बताया कि नवजोत बेंगलुरु में भारतीय सेना की दूसरी पैरा रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे. नवजोत के परिवार ने लॉकडाउन के कारण उनके गृहनगर के बजाय शहर में ही अंतिम संस्कार करने का फैसला किया है. उन्होंने सरकार के लॉकडाउन की तारीफ़ करते हुए कहा, सरकार ने रास्ते में खाने-पीने से लगाकर कई सुविधा दे रखी है, अगर मुझे इनका सहयोग नहीं मिलता तो मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता.

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First published: April 12, 2020, 9:11 AM IST



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