छत्तीसगढ़

श्रमिक पंजियन कार्ड के बिना नहीं बनेंगे नये राशनकार्ड, श्रमिक पंजीयन कार्ड बनना लगभग दो सालों से बंद अब कैसे बनेंगे नये कार्ड

श्रमिक पंजियन कार्ड के बिना नहीं बनेंगे नये राशनकार्ड, श्रमिक पंजीयन कार्ड बनना लगभग दो सालों से बंद अब कैसे बनेंगे नये कार्ड

देवेन्द्र गोरले सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-डोंगरगढ- जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 9 के जिला पंचायत सदस्य राजेश श्यामकुंवर ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार कोरोना महामारी से पैदा हुए आपातकाल के दौरान भी छत्तीसगढ़ की भोली भाली जनता को ठगने से बाज नहीं आ रही है ऐसे संकट काल में गरीबी और गरीबों का मजाक उड़ा रही है जिसका प्रमाण है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा जो उन्होंने प्रदेश की गरीब जनता के लिए की है कि दो माह का राशन मुफ्त दिया जाएगा दूसरा मजाक नये राशन कार्ड के लिए श्रमिक पंजीयन कार्ड की अनिवार्यता जबकि मुख्यमंत्री सहित कांग्रेस के सारे नेता व प्रदेश की जनता भी जानती है कि लगभग दो साल से श्रमिक पंजीयन कार्ड बनना बंद हो चुके हैं उसके बावजूद श्रमिक पंजीयन कार्ड की अनिवार्यता गरीबों के साथ भद्दा मजाक है। उन्होंने 2 करोड़ 44 लाख गरीब मजदूर परिवारों को राहत पहुंचाने 58 लाख राशनकार्ड के माध्यम से दो माह का राशन निशुल्क देने का निर्णय तो ले लिया पर इसकी पहली हकीकत यह है कि दो माह का राशन नहीं बल्कि दो माह का चांवल मात्र ही निशुल्क दिया जा रहा है शक्कर और मिट्टी तेल के पैसे उन्हीं गरीबों से लिये जा रहे हैं जिन्की मदद के नाम पर राज्य सरकार के द्वारा करोड़ो रूपये का चंदा इकट्ठा किया जा रहा है। कई राशन दुकानों में तो अब तक शक्कर भी नहीं पहुंची है और दो माह का राशन फ्री का ढिंढोरा पीटकर अपनी पीठ थपथपा रही है कांग्रेस सरकार। इसी तरह बीपीएल कार्ड मे पात्र हितग्राहियों को ही सूखा राशन प्रदान करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है और जिन लोगों का राशनकार्ड नहीं बना है उन्हें वार्ड पार्षदों के माध्यम से नया राशनकार्ड बनाकर देने के निर्देश भी कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने दिए हैं जिसके अंतर्गत प्रत्येक नगरीय निकाय में प्रत्येक वार्ड से वार्ड पार्षद लगभग 50 हितग्राहियों के फार्म भरकर देंगे किन्तु नया राशनकार्ड बनाने के लिए श्रम विभाग द्वारा पंजीयन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है जबकि दो साल पूर्व से श्रमिक कार्ड बनाना बंद कर दिया गया है अब सवाल यह उठता है कि जब श्रमिक कार्ड ही बनना बंद है तो नया राशन कार्ड कैसे बनेगा और संकट की इस घड़ी में गरीब मजदूर परिवारों को कैसे राहत मिलेगी यह गरीबों के साथ मजाक नहीं तो और क्या है। राजेश श्यामकुंवर ने कहा कि अब यदि सरकार पहले श्रमिक कार्ड बनाने का कार्य प्रारंभ करती है और फिर राशनकार्ड बनाने का तो इन सभी कार्यों के पूर्ण होते तक तो यह आपातकाल ही बीत जायेगा तो गरीबों को राहत कब मिलेगी। इसलिए सरकार को चाहिए कि ऐसे विपत्ति के समय गरीबों का नियम का पाठ ना पढाये और ना ही सरकारी दांव पेंच में उलझाये बल्कि मानवता का पाठ पढ़कर सबकी मदद करें।

 

 

 

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