देश दुनियाधर्म

आज का एपिसोड देखने वाले कई लोगों के मन में ये प्रश्न उठा होगा कि रावण के करीब आते ही क्यों घास का तिनका उठा लेती थीं माता सीता

आज का एपिसोड देखने वाले कई लोगों के मन में ये प्रश्न उठा होगा कि रावण के करीब आते ही क्यों घास का तिनका उठा लेती थीं माता सीता
सबका संदेस न्यूज़ छत्तीीन-ववधू जब ससुराल आती है तो उसके हाथ से कुछ मीठा पकवान बनवाया जाता है, ताकि जीवन भर परिवार के सदस्‍यों के बीच मिठास बनी रहे। इसलिए सीताजी ने उस दिन अपने हाथों से घर पर खीर बनाई और समस्त परिवार, राजा दशरथ सहित चारों भ्राता और ऋषि संतों को परोसी। सीताजी ने जैसे ही खीर परोसना शुरू किया कि जोर से एक हवा का झोंका आया सभी ने अपनी-अपनी पत्तल संभाली। सीताजी कुछ समझ पातीं कि राजा दशरथ जी की खीर पर एक छोटा सा घास का तिनका आकर गिर गया। सीताजी ने उस तिनके को देख लिया, लेकिन अब खीर में हाथ कैसे डालें यह प्रश्न था। तब सीताजी ने दूर से ही उस तिनके को घूरकर जो देखा, तो वो तिनका जलकर राख का एक छोटा सा बिंदु बनकर रह गया। सीताजी ने मन ही मन सोचा कि अच्छा हुआ किसी ने नहीं देखा।

लेकिन राजा दशरथ यह सब देख रहे थे। फिर भी दशरथ जी चुप रहे और अपने कक्ष में चले गए और वहां सीताजी को बुलवाया। फिर राजा दशरथ बोले, ‘मैंने आज भोजन के समय आपके चमत्कार को देख लिया था। आप साक्षात जगत जननी का दूसरा रूप हैं। लेकिन एक बात आप मेरी जरूर याद रखना आपने जिस नजर से आज उस तिनके को देखा था उस नजर से आप अपने शत्रु को भी मत देखना। इसलिए सीता जी के सामने जब भी रावण आता था तो वो उस घास के तिनके को उठाकर राजा दशरथ जी की बात याद कर लेती थीं। सीताजी चाहतीं तो रावण को अपनी एक नजर से ही भस्‍म कर सकती थीं। लेकिन राजा दशरथ जी को दिए वचन की वजह से वह शांत रहीं।

 

 

 

 

विज्ञापन समाचार के लिए सपर्क करे-9425569117/7580804100

Related Articles

Back to top button