छत्तीसगढ़

हनुमान जी की उपासना से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि: 08 अप्रैल 2020 बुधवार को श्री हनुमान जी का प्राकट्य

 

 

सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-हनुमान जी की उपासना से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि:

08 अप्रैल 2020 बुधवार को श्री हनुमान जी का प्राकट्य

पण्डित देव दत्त दुबे
शङ्कराचार्य जी के परम् कृपापात्र शिष्य
सहसपुर लोहारा-कवर्धा

अपने घरों पर ही रहकर मनाएं श्री हनुमान प्राकट्योत्सव !

घर पर रहें, सुरक्षित रहें!
लक्ष्मण रेखा ना लांघें!

चैत्र शुक्ल पूर्णिमा, मंगलवार की पवित्रवेला के दिन भगवान् महाबीर हनुमान जी महाराज का प्राकट्य हुआ था।

 

  चैत्र पूर्णिमा का यह दिन बहुत ही ख़ास माना जाता है क्योंकि नव हिन्दू वर्ष के बाद पहली पूर्णिमा तिथि आती है। इसलिये इस दिन भगवान की पूजा आराधना, ध्यान का बहुत महत्व बतलाया गया है, जिनको करने से आपके

 

 

समस्त रोग, शोक दूर होंगे और आप परम शांति प्राप्त कर सकेंगे। यह माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन किया गया कोई भी कार्य कई गुना सफलता प्रदान करता है।  यह तिथि इस वर्ष 08 अप्रैल 2020 बुधवार के दिन पड़ रही है। आइये अब जानें कि कौन से मंत्र या उपाय करना इस दिन आपके लिए लाभप्रद रहेंगे, जो कष्ट दूर करेंगे और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएंगे –

चैत्र पूर्णिमा के दिन शुक्र बहुत ही मजबूत अवस्था में विराजमान है, शुक्र का सम्बन्ध संजीवनी से है, शुक्राचार्य को संजीवनी विद्या का गुरु मान जाता है। इसका सम्बन्ध भी हनुमान जी से है , क्योंकि हनुमान जी न केवल ज्ञानियों में अग्रगणीय हैं, बल्कि आयुर्वेद के भी अच्छे ज्ञाता हैं। रामचरित मानस में भी प्रंसग है कि जब लक्ष्मण जी को ब्रह्मशक्ति लग जाती है, तब भगवान् श्री राम और सुषेण वैद्य संजीवनी बूटी लाने के लिए हनुमानजी को ही भेजते हैं। अतः इस दिन भगवान् हनुमान की  उपासना करने से आपको निश्चित ही प्रतिरोधक क्षमता और रोगों से लड़ने में सहायता मिलेगी। 

मंत्र इस प्रकार है – 
सुमिरि पवन सुत पावन नामू। 
अपने बस करी राखे रामू।  

हनुमान जी वायु पुत्र कहे गए हैं, वायु यानि वात जो कि त्रिदोषों में सबसे प्रधान है, यदि वात शुद्ध रूप में स्थित हो तो मनुष्य प्रायः निरोग रह सकेगा।  एक बार का प्रसंग भी है कि श्री तुलसीदास की भुजाओं में वायु-प्रकोप के चलते बहुत पीड़ा हो रही थी। उस समय उन्होंने हनुमान बाहुक की रचना कर उसका चमत्कारिक लाभ प्राप्त किया । अतः इस हनुमान बाहुक का पाठ करना बहुत शुभ रहेगा। 

शनि हमारी कुंडली में प्राण, जीवन शक्ति के कारक हैं, और हनुमान जी ने प्राणों पर विजय प्राप्त की थी, जैसे हनुमान जी अजेय थे, वैसे ही हमारे प्राण अजेय हैं, जिनका ह्रास नहीं हो सकता , उनको गति दी जा  सकती है, इसलिए इस समय” प्राणायाम “आपको बहुत लाभप्रद परिणाम देगा। जब भी आपको लगे कि कुछ भी आपके हिसाब से नहीं चल रहा, आप हताश और निराश हों तो,  इससे आपको लाभ भी मिलेगा और अपनी गुप्त शक्तियों से अवगत होने का मौका मिलेगा।!

इस समय “बजरंग बाण “का पाठ करना बहुत ही शुभ और कल्याणकारी रहेगा, सभी कष्टों से लड़ने की क्षमता में इजाफा होगा। मनोविज्ञान का यह अटल सिद्धांत है कि मनुष्य जिन विचारों या भावों को पूरी निष्ठा और संकल्प से बार-बार दोहराता है या जिस मानसिक स्थिति में देर तक निवास कर सकता है, वही मानसिक स्थिति उसकी आदत और स्वभाव बन जाती है । मन से ही हमारी गुप्त शक्तियों का विकास होता है। बजरंग बाण में पूरी श्रद्धा रखने और निष्ठापूर्वक उसको बार-बार दोहराने से हमारे मन में हनुमान जी की शक्तियां समाने लगती हैं, और संकटों से मुक्ति मिलती है। 

“हनूमन्न वायुपुत्र महाबल। आकस्मादागातोत्पातं नाश्याशु नमोस्तुते। 
इस मंत्र का जाप चैत्र पूर्णिमा से शुरू कर लगातार मानसिक जाप करें, जब तक रोग शांत न हो जाए, तब तक करते रहे, निश्चित रूप से लाभ प्राप्त होगा ।

नासै रोग हरे सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।। 
हनुमान जी के इस मंत्र का यथा शक्ति जाप करने से कष्ट दूर होते हैं, मनुष्य मानसिक रूप से मजबूत होता है।  

बुद्धिहीन तनु जानि के सुमिरौं पवनकुमार। बल बुद्धि विद्या देहुँ मोहि हरहु कलेस बिकार।।

 इस दोहे का जाप मानसिक क्लेश, रोग और दुर्बलता दूर करने में विशेष लाभप्रद है। 

दीनदयाल बिरिदु संभारि। हरहु नाथ मम संकट भारी।।

 इस मंत्र का मानसिक जाप आपको हर व्याधि से निपटने में सहायता करेगा !

हनुमान जी बल, बुद्धि  के साथ-साथ समर्पण और निष्ठा के भी पूरक  हैं, तो जितना आपमें विश्वास और निष्ठा होगी, उतना ही आपको अधिक उपासना का लाभ मिलेगा और आपमें जल्दी ही हर समस्या से निपटने की क्षमता विकसित होगी । 

घर पर रहें ,सुरक्षित रहें!

 

 

 

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