डोंगरगढ़ पुलिस थाने में एस आई इंदिरा बनी रोल मॉडल, लाकडॉउन् में निष्ठा से निभा रही है अपना फर्ज

डोंगरगढ़ पुलिस थाने में एस आई इंदिरा बनी रोल मॉडल, लाकडॉउन् में निष्ठा से निभा रही है अपना फर्ज
देवेन्द्र गोरले सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-डोंगरगढ- पूरा विश्व जहां एक ओर आज कोरोना महामारी से लड़ रहा है वहीं दूसरी ओर भारत सरकार द्वारा इससे निपटने के लिए 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है। ऐसे में गरीब और बेसहारा लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है फिर चाहे वह भारत का कोई भी राज्य हो, जिला हो या फिर तहसील। कुछ इसी तरह के हालात छत्तीसगढ़ राज्य के राजनांदगांव जिले की तहसील
डोंगरगढ में भी है लेकिन डोंगरगढ में गरीबों व जरूरतमंदों को हो रही इस दिक्कत को देखते हुए डोंगरगढ़ थाना में पदस्थ एस आई इंदिरा वैष्णव ने लॉक डाउन के शुरुआत से ही स्वयं पहल कर गरीब बेसहारा लोगों के लिए आगे आईं।
थाना प्रभारी ने बताया महिला एस आई इंदिरा वैष्णव है थाने कि रोल मॉडल-
डोंगरगढ़ थाना प्रभारी अलेक्जेंडर किरो ने बताया कि उनके थाने में पदस्थ महिला एसआई इंदिरा वैष्णव पूरे थाना स्टॉफ के लिए रोल मॉडल है वे अपने फर्ज के सामने अपनी सारी तकलीफो को दरकिनार कर देती है और पूरी ईमानदारी व निष्ठा से अपना फर्ज निभाती है कुछ ऐसा ही कार्य वे इस आपातकाल की स्थिति में कर रही है। लॉकडाउन की शुरुआत से ही अकेले इंदिरा वैष्णव द्वारा लोगो की भोजन की व्यवस्था की जा रही थी जिसके बाद थाना स्टाफ, एस डी ओ पी चंद्रेश ठाकुर और एस डी एम अविनाश भोई ने शहर के आम जनता से भी इस ओर पहल करने को कहा जिसके बाद से ही शहर में एक नई पहल हुई और सभी गरीब परिवार को दोनों वक्त पुलिस कि गाड़ी में भोजन रख बटवाया जा रहा है।
नर सेवा ही नारायण सेवा है-
चूंकि डोंगरगढ शहर एक धर्मनगरी है इसलिए किसी ना किसी रूप में धर्मार्थ सेवा व धार्मिक कार्यों के उदाहरण देखने को मिलते ही रहते हैं। इसी कड़ी में नर सेवा ही नारायण सेवा है इस कहावत को महिला एस आई इंदिरा वैष्णव गरीब परिवारों को भोजन कराकर चरितार्थ कर रही है वे अपनी ड्यूटी के साथ साथ इस पुनीत कार्य में भी बराबर समय दे रही है।
यह कोई पहला मौका नहीं है जब उन्होंने अपने कर्तव्यनिष्ठ होने का परिचय दिया है बल्कि समय समय पर इंदिरा द्वारा अपनी ड्यूटी को लेकर आदर्श प्रस्तुत किया जाता रहा है जिसकी तारीफ खुले मंच से ए डी जे विभा पांडेय ने भी महिला दिवस के दिन उन्हें पुरस्कृत करते हुए कहा था जब उन्हें टाइफॉयड होने के बाद भी अपने ड्यूटी को अपना कर्तव्य समझा और डॉक्टर के मना करने के बाद भी केस डायरी ले कर न्यायालय पहुंची थी। जिसके बाद ए डी जे विभा पांडेय द्वारा उन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पुरस्कृत भी किया गया था। मीडिया भी आप सभी शहरवासियों से इस आपदा के समय गरीब परिवारों की मदद के लिए आगे आने का आह्वान करता है।
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