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शराब दुकान खोलना, विनाश काले विपरीत बुद्धि : युवराज ध्रुवे

दुर्ग – सपूर्ण प्रदेश मे कोरोना महामारी से बचने के एकमात्र सुरक्षात्मक उपाय लाँकडाऊन के सफलतम दौर से गुजरते हुए आह्वान का पालन अच्छे से करते हुवे जनता अपने आप को बचाये रखने में सफल हो रही है, ऐसे दौर में भूपेश बघेल की प्रदेश सरकार शराब दुकान खोलने का गैरजिम्मेदाराना निर्णय ले रही है, जो विनाश काले विपरीत बुद्धि का परिचायक दिखाई दे रहा है ! प्रदेश सरकार के इस गैरजिम्मेदाराना निर्णय जनहितकारी कदम  नहीं है और हम जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के कार्यकर्ता इस निर्णय का पूरी तरह से विरोध करते है, हम कार्यकर्ता ऐसा कतई नही होने देगे । शराब दुकान मे उमड़ने वाली भीड़ कोरोना वायरस संक्रमण के फैलाव के लिए वरदान हो सकता है क्योंकि लाँकडाऊन के पहले दौर मे शराब दुकान के खुलने के कारण अत्यधिक भीड़ होने से हमे संपूर्ण राज्य में लाँकडाऊन के जनहितकारी महत्त्वपूर्ण उद्देश्य व लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता नही मिल पा रही थी, जिसके कारण शराब दुकान बंद करना ही एकमात्र विकल्प था, अब विशेषज्ञ के अभाव मे बनी समिति से दबाव पूर्ण गैरजिम्मेदाराना निर्णय लेने के लिए विवश कर प्रदेश के करोड़ों लोगों के जीवन को दांव पर लगाने जा रही है प्रदेश सरकार ।

लम्बे समय से राज्य में महिलाओं के सामने सर्वाधिक चुनौती शराब बनी रही है कई घर व परिवार शराब की वजह से तबाह बरबाद हो गए है, लॉकडाउन का दुष्प्रभाव शराब दुकान के बंन्द होने के कारण ज्यादा नहीं दिखाई दिया, लॉक डाउन से लोगो का रोजगार ठप्प है, ऐसे में यदि शराब दुकान खुलती है, तो लोग अपने घरो से जीवन उपयोगी समान बर्तन सहित अन्य सामानों को बेचकर शराब पीने के लिए मजबूर होंगे जिससे महिलाओं सहित उनके बाल-बच्चों के समक्ष जीवन यापन की समस्या उत्पन्न हो जावेगी और घर-घर में लडाई-झगड़े होंगे ,शराब दुकान खोलना महिला हित के विपरीत प्रभाव डालने वाला निर्णय है ।

हम जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) के कार्यकर्ता प्रदेश सरकार को अगाह करते हुए वे अब अपने पुर्ण शराबबंदी लागू करने के घोषणापत्र के चुनावी ऐलान का पालन करे, नही तो अब समय आ गया है कि शहर-शहर , गांव-गांव की महिलाओं के द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से प्रदेश सरकार के शराब दुकान खोलने के निर्णय का समाजिक विरोध घर-घर से शुरू किया जावेगा ।

प्रदेश में शराब दुकानों को बंन्द रखने के निर्णय को यथावत रखा जाए, इसके खुलने से दुकानों में होने वाली भीड़ से हम कोरोना वायरस से लडने तथा लाँकडाऊन का पालन करने मे हम असफल साबित हो जाएंगे ।

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