छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

बिना किसी कटौती के श्रमिकों को मिलेगा पारिश्रमिक लॉकडाउन में काम बंदी का हवाला देकर उलंघन पर होगी कार्यवाही फैक्ट्री व वाणिज्यिक संस्थानों के लिए कलेक्टर का आदेश

भिलाई । कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लागू लॉकडाउन की अवधि में घरों में बैठे श्रमिकों को उनका घोषित मेहनताना पूरा का पूरा मिलेगा। कलेक्टर दुर्ग के रविवार को इस आशय का आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश सभी फैक्ट्री, वाणिज्यिक संस्थान और दुकान मालिक के लिए बंधनकारी होगा। लॉकडाउन के चलते काम बंद होने का हवाला देकर अपने मुलाजिमों को निर्धारित पारिश्रमिक देने से इंकार करने वालों के खिलाफ  दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
लॉकडाउन के चलते भिलाई-दुर्ग और इसके आसपास के ज्यादातर उद्योग व फैक्ट्री बंद हैं। इन संस्थानों में काम करने वाले श्रमिक घर में रहकर लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। कलेक्टर ने ऐसे सभी श्रमिकों के लिए पारिश्रमिक, मानदेय तथा वेतन का भुगतान बिना किसी कटौती के करने का निर्देश संस्थान मालिकों को दिया है। इस आदेश का पालन दुकान मालिकों को भी करना अनिवार्य है।
गौरतलब रहे कि 22 मार्च को जनता कफ्र्यू लगी थी। इसके अगले दिन से कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। इसी के साथ ही श्रमिक और कामगार घरों में बैठ गए हैं। ऐसे लोगों में अपने वेतन और मानदेय के मिलने को लेकर उहापोह की स्थिति बनीं हुई है।् कलेक्टर के रविवार को जारी आदेश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे श्रमिकों को अब चिंता करने की जरूरत नही है। अब उन्हें लॉकडाउन की अवधि में काम नहीं करने के बावजूद बिना किसी कटौती के जो पारिश्रमिक तय है वह मिलेगा। अपने आदेश में कलेक्टर ने फैक्ट्री और वाणिज्यिक संस्थान के मालिकों से अपने यहां काम करने वाले श्रमिकों को पहले से निश्चित अवधि चाहे वह मासिक हो या साप्ताहिक के अनुसार पारिश्रमिक देना सुनिश्चित करने को कहा है। ऐसा नहीं करने की स्थिति में फैक्ट्री और वाणिज्यिक संस्थान के मालिकों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।
यहां पर यह बताना भी लाजिमी है कि लॉकडाउन के चलते सामान्य वेतन व पारिश्रमिक पर काम करने वाले श्रमिकों को रोजमर्रा की जरूरत के लिए आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। मुनाफाखोरी के चलते भी घरेलू बजट गड़बड़ाने लगा है। ऐसे में काम नहीं तो वेतन नहीं की मालिकों की सोंच श्रमिक वर्ग के लिए बहुत बड़ी दिक्कत का कारण बन सकती थी। लेकिन कलेक्टर के जारी आदेश ने इस संभावित दिक्कत को दूर कर दिया है।आपको बता दें कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रदेश में धारा 144 लागू है इसके साथ ही लॉक डाउन भी है। इस वजह से लोगों को अपने घरों पर रहना पड़ रहा है। ऐसे में इसका असर प्रायवेट नौकरी करने वालों और रोजी-मजदूरी करने वालों पर पड़ा है। लोगों के सामने आर्थिक समस्याएं आ रही है। जिसकी गुहार पीडि़त लगातार जिलों के कलेक्टरों के सामने लगा रहे थे। ऐसे में जिला दण्डाधिकारी द्वारा निकाला गया। यह आदेश उन लोगों के लिए बड़ा राहत भरा कदम है।
मकान मालिक अब किराएदारों से किराया की वसूली नहीं कर पाएंगे
किरायेदारों के लिए यह राहत भरा आदेश  भी कलेक्टर दुर्ग ने जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि रोजी-मजदूरी में लगे लोगों से मकान मालिक द्वारा किराये की मांग की जा रही है और नहीं देने पर मकान खाली करने के लिए परेशान किया जा रहा है, जिसे देखते हुए आगामी आदेश तक किराया न मांगे और न ही किराएदार को परेशान ही करे। आदेश में यह भी कहा गया गया है कि मकान मालिक किसी भी स्थिति में मकान खाली करने की धमकी या दबाव नहीं डालेंगे। वहीं किरायेदारों से कहा गया है कि अगर कोई मकान मालिक उन्हें परेशान करता है तो उसकी सूचना अपने क्षेत्र के एसडीएम को देंं। आदेश का उल्लंघन करने या पालन नहीं करने वाले के खिलाफ जुर्माना या दण्ड अधिरोपित किया जा सकता है। दण्ड की राशि 10 हजार रुपये होगी।

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