पंचमी पर सूना रहा माई कस दरबार, डोंगरगढ की सड़कें सूनी, सूनी हुई गलियां
पंचमी पर सूना रहा माई कस दरबार, डोंगरगढ की सड़कें सूनी, सूनी हुई गलियां
डोंगरगढ- देवेन्द्र गोरले सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इन दिनों शक्ति की भक्ति का नवरात्रि पर्व चल रहा है और इन दिनों छत्तीसगढ़ की आराध्य नगरी डोंगरगढ में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है और देश विदेश से मां बम्लेश्वरी देवी के दरबार में भक्त अपनी अर्जी लगाने आते हैं लेकिन डोंगरगढ के
इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि ना तो नवरात्रि मेले का आयोजन किया गया और ना ही कोई भक्त माई के दरबार में अपनी अर्जी लगाने आया। अब आप सोच रहे होंगे कि क्या भक्तों की माता के प्रति आस्था कम हो गई तो ऐसा नहीं है यह सब हुआ है कोरोना वायरस के कारण क्योंकि यह महामारी पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कहर बनकर बरसी है जिससे धर्मनगरी भी अछूती नहीं रही और सुरक्षा कारणों को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट व
प्रशासन ने इस बार चैत्र नवरात्रि मेले को स्थगित कर दिया है यही कारण है कि 29 मार्च रविवार को पंचमी होने के बाद भी भक्त मां के दर्शन को नहीं आये और माई का दरबार सूना रहा। केवल मंदिर में काम करने वाले पुजारी, ट्रस्टी व कर्मचारी ही माँ के विशेष श्रंगार में शामिल हुए।
इसके पूर्व नवरात्रि पर्व के दौरान धर्मनगरी डोंगरगढ में भक्तों का तांता लगा रहता है और नगर में भक्तिमय वातावरण हो जाता था खासतौर पर पंचमी पर तो लाखों की संख्या में दर्शनार्थियों का रैला माँ बम्लेश्वरी देवी के दर्शन लाभ के लिए आते थे लेकिन इस बार कोरोना का कहर ऐसा बरसा कि मंदिर सूना नगर सूना सूनी सारी नगर की गली हो गई है। डोंगरगढ की जिन सड़को पर गाड़ियों और नागरिकों की भीड़ होती थी आज उन सड़को पर सन्नाटा पसरा हुआ है फिर चाहे वह गोलबाजार से बुधवारी होते हुए रेलवे चौक जाने वाला मार्ग हो या फिर गोलबाजार से जयस्तम्भ चौक होते हुए रेलवे स्टेशन जाने वाला मार्ग हो। नगर की जिन गलियों पर छोटे छोटे बच्चों के खेल देखने मिलते थे आज उन गलियों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है और यह सब कोरोना महामारी के चलते हुआ है लेकिन इस सन्नाटे को जल्दी खत्म करना है तो जरूरी है कि 21 दिनों के लाकडॉउन् का पूरी ईमानदारी से पालन करें नहीं तो यह सन्नाटा आगे भी हमारी जिंदगी का हिस्सा बन सकता है।
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