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हंदवाड़ा में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए सैन्य अधिकारियों का किया गया अंतिम संस्कार | Soldiers Security Personnel Handwara encounter cremated with full military honours | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. उत्तर कश्मीर (North Kashmir) में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ (Encounter) में शहीद हुए सैन्य अधिकारियों का मंगलवार को उनके गृह जिलों में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. जयपुर में जहां कर्नल आशुतोष शर्मा (Colonel Ashutosh Sharma) को उनकी पत्नी और भाई ने मुखाग्नि दी, वहीं चंडीगढ़ (Chandigarh) में मेजर अनुज सूद (Anuj Sood) को उनके पिता ने मुखाग्नि दी. लांस नायक दिनेश सिंह गैंरा का उत्तराखंड के अल्मोड़ा (Almora) में रामेश्वर घाट पर अंतिम संस्कार किया गया.

पूरे सम्मान के साथ किया गया अंतिम संस्कार
कर्नल आशुतोष शर्मा का मंगलवार को यहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. पुरानी चुंगी श्मशान घाट में कर्नल शर्मा की पत्नी पल्लवी व उनके भाई ने चिता को मुखाग्नि दी. इस अवसर पर शहीद के परिजन के साथ साथ सैन्य अधिकारी मौजूद थे. शहीद की पत्नी पल्लवी ने हौसला बनाए रखा और पूरे समय वहां मौजूद रहकर सभी रस्म और क्रियाओं में भाग लिया. इससे पहले शहीद कर्नल शर्मा का पार्थिव शरीर यहां जयपुर मिलिट्री स्टेशन के 61वें केवलरी ग्राउंड में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. वहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, दक्षिण पश्चिमी कमान के कमांडर आलोक कलेर, अन्य अधिकारियों और परिवार के सदस्यों ने शहीद को पुष्पांजलि अर्पित की.

शहादत पर सभी को नाजगहलोत व कलेर ने वहां मौजूद कर्नल शर्मा की पत्नी पल्लवी व अन्य परिवारजन को ढाढस भी बंधाया. गहलोत ने शहीद की पत्नी, उनकी पुत्री व भाई से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. मुख्यमंत्री ने कर्नल आशुतोष की शहादत को नमन करते हुए कहा कि राजस्थान वीरों की धरती है. उन्होंने कहा कि कर्नल आशुतोष ने आंतकवादियों से मुकाबला करते हुए शहीद होकर देश को गौरवान्वित किया है. हम सभी को उनकी शहादत पर नाज है.

लेफ्टिनेंट जनरल कलेर ने कहा कि कर्नल आशुतोष देश के लिए व अपनी सेना के सम्मान के लिए आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हरेक सैनिक का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस अवसर पर राज्य के सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, जयपुर के जिला कलक्टर जोगाराम व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पुष्पांजलि अर्पित की.

वहीं, जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकवाद रोधी अभियान में शहीद हुए मेजर अनुज सूद का मंगलवार को चंडीगढ़ में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. मेजर सूद की पार्थिव देह को उनके पंचकूला स्थित घर से यहां मनी माजरा के श्मशान घाट लाने से पहले माहौल काफी गमगीन हो गया था. मेजर सूद की पार्थिव देह को सेना की गाड़ी में रखने से ठीक पहले उनकी पत्नी आकृति उन्हें अलविदा कहने के लिए ताबूत से लिपट गईं. मेजर सूद की बहन हर्षिता अपनी भाभी को पंचकूला आवास पर और श्मशान घाट पर दिलासा देती हुई दिखीं. हर्षिता भी सेना में अधिकारी हैं. उनका पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर श्रीनगर से यहां लाया गया था.

सेना के अधिकारियों ने दी पुष्पांजलि

‘वंदे मातरम’, ‘भारत माता की जय’ और ‘मेजर अनुज अमर रहें’ के नारों के बीच उनके तिरंगे से लिपटे पार्थिव शरीर को यहां मनीमाजरा स्थित श्मशान घाट ले जाया गया. अंतिम संस्कार से पहले, शहीद मेजर के पार्थिव शरीर पर सेना के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की. एंटी टेरिरिज्म फ्रंट ऑफ इंडिया के अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने मेजर को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए. बाद में जब अंतिम संस्कार हुआ तब श्मशान घाट के अंदर परिवार के सदस्यों को ही जाने की इजाजत दी गई, ताकि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी के नियम का पालन हो सके.

सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी और मेजर सूद की पत्नी, पिता, बहन समेत परिवार के सदस्य अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद थे. शहीद अधिकारी को बंदूकों से सलामी दी गई और उनके पिता ने मुखाग्नि दी.

पिता ने कहा- बेटे के बलिदान पर गर्व
मेजर सूद के पिता ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद (सेवानिवृत्त) ने पहले मीडिया से कहा था कि वह अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर स्तब्ध रह गए लेकिन साथ ही उन्हें सूद के सर्वोच्च बलिदान पर गर्व है जो उन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए दिया है. उन्होंने पंचकूला में अपने घर पर कहा था, ‘वह राष्ट्र का सच्चा बेटा था.’ उनके परिवार के मुताबिक, सेना के 30 वर्षीय अधिकारी ब्रिगेड ऑफ गार्ड्स रेजिमेंट से थे जो 21 राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा है. वह नाभा के पंजाब पब्लिक स्कूल के पूर्व छात्र थे. वह 2008 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हुए थे. सेना में शामिल होना उनका सपना था. उनके परिवार ने बताया कि उन्हें छह महीने बाद घर लौटना था और जम्मू-कश्मीर में उनका दो साल का कार्यकाल पूरा हो रहा था. उन्हें गुरदासपुर में 12 गार्ड्स इकाई में शामिल होना था.

आतंकियों से मुठभेड़ में ढेर हुए थे पांच सुरक्षा कर्मी
हंदवाडा में चार अन्य अधिकारियों और जवानों के साथ शहीद हुए सेना के लांस नायक दिनेश सिंह गैंरा का मंगलवार को अल्मोड़ा में अंतिम संस्कार कर दिया गया. इससे पहले जिले के भनोली गांव निवासी 25 वर्षीय शहीद लांस नायक का पार्थिव शरीर सैन्य अधिकारियों द्वारा यहां लाया गया. रामेश्वर घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान उनके परिजन मौजूद रहे. अल्मोड़ा के पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने देश की रक्षा में उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी.

राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अफसर कर्नल शर्मा, मेजर अनुज सूद और लांस नायक दिनेश सिंह गैंरा उत्तरी कश्मीर में हंदवाड़ा क्षेत्र के एक गांव में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए पांच सुरक्षा कर्मियों में शामिल थे.

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