मस्जिदों में नहीं पढ़ाई गई जुमे की नमाज़
मुस्लिम समाज ने कहा हम सरकार के साथ है
दुर्ग-भिलाई। दुर्ग एवं भिलाई के जामा मस्जिदों सहित सभी मस्जिदों में कोरोना को लेकर एहतियात बरतते हुए आज जुमे की नमाज नही पढाई गई क्योंकि जुमे की नमाज पढाई जाती तो इसमें सैकड़ों लोग आते है, और कौन कैसा है किसकों ये बिमारी है, पता नही चल पाता और इसके कारण अन्य लोगों को भी खतरा उत्पन्न हो सकता था, इसके अलाव धारा 144 का भी उल्लंघन होता। इसलिए एहतियात बरतते हुए मस्जिदों के इमाम और समाज प्रमुखों की ओर से जुमे की नमाज़ घर में ही पढऩे की अपील की गई थी। एक दिन पहले ही जामा मस्जिद सेक्टर 6 के इमाम जनाब इकबाल हैदर अशरफी ने बयान और अपील जारी कर कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से जुमे की नमाज़ मस्जिद में नहीं पढ़ाई जाएगी।
सिर्फ भिलाई है नहीं बल्कि कई शहरों से आ रही खबरों से ये पता चला है कि कोरोना वायरस की वजह से 14 अप्रैल तक प्रधानमंत्री की लॉकडाउन की घोषणा को देखते हुए मुस्लिम समुदाय ने यह निर्णय लिया है कि वे भी इस जंग में सरकार के साथ हैं। भिलाई-3 मस्जिद मजार कमेटी के मुतवल्ली हाजी हाफिज अब्दुल सत्तार ने बताया कि उन्होंने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने 15 मार्च से ही मस्जिद और मजार में न आने की अपील समाज के लोगों व जायरीनों से करते हुए जानकारी चस्पा कर दिया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की वजह से इस साल नवरात्रि पर्व भी प्रभावित हैए तथा मंदिरों में भी तालाबंदी जैसी स्थितियां हैं । साथ ही इसाई और सिख समाज भी पहले ही सामूहिक पूजा अर्चना न करने का ऐलान कर चुके हैं ।
भिलाई की लगभग सभी मस्जिदों के प्रबंधकर्ताओं ने मस्जिदों के सामने इस आशय की सूचना चस्पा कर दी गई है। वहीं कब्रिस्तान कमेटी के लोगों ने भी कब्रिस्तान के मुख्य द्वार पर 20 आदमियों से ज्यादा न आने की नोटिस चस्पा कर रखी है। मुस्लिम समाज के इस सहयोगात्मक रवैए से प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। बावजूद इसके आज जुमे की नमाज़ के वक़्त सभी मस्जिदों के सामने पर्याप्त पुलिस बल की मौजूदगी बनी रही।