लॉकडाउन का असर: दो-तीन महीने तक लोगों से फाइनेंस कंपनी और बैंक न वसूले लोन की EMI…केंद्र सरकार से सांसद विजय बघेल ने की मांग, महीने खत्म होने से पहले राहत की उठी मांग
भिलाई। लॉकडाउन की वजह से देश को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बीच लोगों की एक बड़ी समस्या यह भी है कि महीने के पहले सप्ताह में उनके बैंक एकाउंट से कटने वाले लोन ईएमआई की। लोगों की मांग पर दुर्ग सांसद विजय बघेल ने केंद्र सरकार से दरख्वास्त किया है कि दो-तीन महीने तक फाइनेंस कंपनी और बैंक लोन की ईएमआई यानि किश्त न वसूले। विजय बघेल ने एक चर्चा में कहा कि , लोग इस बारे में लगातार उनसे चर्चा कर रहे हैं। वे इस बारे में केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं। वित्त मंत्री से भी चर्चा हो रही है।
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव मो. शाहिद ने भी केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा है कि बिना देरी किए सरकार लोन की ईएमआई को लेकर फैसला करें। कम से कम तीन महीने तक लोगों से लोन की किश्त न वसूला जाए। इस संबंध में वे केंद्रीय वित्त मंत्री को ऑनलाइन लेटर लिखने जा रहे हैं। इधर, कॉनफेडरेशन आफ आल इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) ने वित्त मंत्री की ओर से आयकर, जीएसटी और अन्य अधिनियमों के तहत विभिन्न वैधानिक अनुपालनों की तारीख को आगे बढ़ाने के लिए की गई विभिन्न घोषणाओं की सराहना की है। कैट ने कहा की इस विस्तारित तारीख की घोषणा ने देश भर के व्यापारियों को एक बड़े बोझ से मुक्त कर दिया है।उन्हें इस बात का डर था कि जब सब कुछ लॉकडाउन है तो ऐसे में वैधानिक अनुपालन कैसे होगा। यह कदम व्यापारियों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है।उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कैट ने 30 जून तक सभी वैधानिक अनुपालन के विस्तार की मांग की थी। कैट के प्रदेश उपाध्यक्ष और लिंक रोड व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि इससे काफी नुकसान हो रहा है।
वित्त मंत्री की घोषणाओं का स्वागत
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने वित्त मंत्री की घोषणाओं का स्वागत करते हुए कहा कि ब्याज दर कम करने के बजाय विस्तारित अवधि के लिए ब्याज वापस लेना बेहतर होगा।पारवानी ने वित्त मंत्री को विस्तारित अवधि के लिए ब्याज की पूर्ण छूट देने का आग्रह किया।पारवानी ने कहा कि देश भर में 7 करोड़ व्यापारी बेहद उत्सुकता से सरकार की ओर से घोषित होने वाले आर्थिक पैकेज की प्रतिसजहा कर रहे हैं। कैट ने वित्त मंत्री से वर्तमान वित्तीय वर्ष को से 31 मार्च बजाय 30 जून तक आगे बढ़ाने का आग्रह किया।
वित्त मंत्री को दिए अन्य सुझाव
कैट ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष को नौ महीने के लिए किया जाए। बैंक ऋणों की वापसी, ईएमआई और अन्य बैंकिंग दायित्वों को 30 सितंबर तक बढ़ाया जाना चाहिए और विस्तारित अवधि पर कोई ब्याज या जुमार्ना नहीं वसूला जाना चाहिए।बिजली, पानी, संपत्ति कर जैसे सभी सरकारी बिलों का भुगतान 30 सितंबर तक स्थगित कर दिया जाना चाहिए