एमिटी विश्वविद्यालय, रायपुर के तानाशाही आदेश के सामने मौन शासन -प्रशासन
एमिटी विश्वविद्यालय, रायपुर के तानाशाही आदेश के सामने मौन शासन -प्रशासन
सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़-रायपुर स्थित एमिटी विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश का पालन नहीं किया है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक़ सारे कॉलेज एवं विश्वविद्यालयों को 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से बंद रखा जाना है। एमिटी प्रशासन ने पहले तो सारे प्राध्यापकों एवं स्टाफ को छुट्टी पर भेज दिया था परंतु अचानक एक लिखित आदेश जारी करके सभी प्राध्यापकों को वापस ड्यूटी में आने का आदेश दे दिया है जिससे अनेक राज्यों से लोगों को वापस आने पर मजबूर किया जा रहा है। देश के अलग अलग हिस्सों से ट्रेन/फ्लाइट से वापस रायपुर आने कोरोना के संक्रमण का खतरा है। इसके अलावा एमिटी के एक स्टाफ की एम्स रायपुर में कोरोना की जांच चल रही है। यह स्थिति इतनी भयवाह हो सकती है अब शिक्षाको को उत्तरप्रदेश, दिल्ली. महाराष्ट्र और केरल से लौटकर अपनी ड्यूटी ज्वाइन करनी होगी जबकि इन सभी प्रदेश में कोरोना जानलेवा रूप ले चुकी है.
एक तरफ शासन-प्रशासन प्रदेश को सुरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है – कोचिंग इंस्टीटूट्स को बंद करना, टोल फ्री नंबर जारी करना, निरंतर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करना, विशाल धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाना आदि वही सरकार के नेक मंशा पर एमिटी विश्वसविद्यालय जैसे निजी संस्थान मखौल उड़ा रहे है. विश्वस्त सूत्रों का यह भी कहना है की विश्वविद्यालय प्रशसन ने मनमने तरीके से नियम को ताक में रखते हुए सभी शिक्षको क बिना विलम्ब के ड्यूटी ज्वाइन करने कहा है.
एमिटी में लगभग 300 स्टाफ हैं और इस गंभीर स्थिति में वापस आकर होस्टल में रहने और मैस का उपयोग करने से सभी भयभीत हैं। एमिटी प्रशासन के इस गैर ज़िम्मेदार निर्णय से राज्य में संक्रमण फैलने का खतरा भी बरक़रार रहेगा।
क्या जिला प्रशसान इस पर कार्यवाही करेगी यह देखने वाली बात होगी सरकार के आदेश का इसी तरह मखौल बनता रहेगा ?
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