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भिलाई इस्पात संयंत्र ने किया दो सौ मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन का एक नया रिकॉर्ड कायम

सीईओ रथ ने श्रमिकों व अधिकारियों को दी बधाई

भिलाई। सोमवार को सुबह सूरज की किरणों ने भिलाई के इस्पात बिरादरी के अनवरत् व अथक श्रम से उत्पन्न एक बेमिसाल रिकॉर्ड को छु लिया। ये सुबह सूरज की लालिमा और ब्लास्ट फर्नेस से उत्पन्न तप्त लौह की लालिमा एक होकर एक नई कहानी लिख रही थी। इस दिन भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मठ बिरादरी ने एक और मुकाम हासिल किया। वह मुकाम बेमिसाल भी है और बेहतरीन भी है।

21 जनवरी को भिलाई ने 200 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन का एक नया रिकॉर्ड कायम करने में कामयाब हुआ। भिलाई में हॉट मेटल उत्पादन का यह सफर 4 फरवरी, 1959 को प्रारंभ हुआ। तब इसका शुभारंभ किया था, देश के तत्कालीन प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने। इसके पश्चात् भिलाई ने अपने इस सफर में अनेक पड़ाव पार करते हुए आज 200 मिलियन टन के एक नये क्षितिज को प्राप्त करने में सफल हुआ।

आज इस्पात बिरादरी ने इस्पात भवन के समक्ष स्थित लॉन में इस गौरवशाली उपलब्धि का उत्सव मनाया। इस अवसर पर संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ए के रथ सहित कार्यपालक निदेशक संकार्य पी के दाश, कार्यपालक निदेशक वित्त एवं लेखा  बी पी नायक, कार्यपालक निदेशक परियोजनाएँ ए के कबीसतपथी, कार्यपालक निदेशक सामग्री प्रबंधन एस के खैरूल बसर, कार्यपालक निदेशक मानस बिस्वास, निदेशक प्रभारी  डॉ एस के इस्सर, कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन के के सिंह व महाप्रबंधकों, विभागाध्यक्षों व वरिष्ठ अधिकारियों तथा अन्य अधिकारी व कर्मचारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त ब्लास्ट फर्नेस के पूर्व अधिकारी बी एल धींगड़ा, बी के अग्रवाल, ए के लुम्बा, ए एस खोखर एवं श्री एस बी सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।

््     कार्यक्रम में ए के रथ एवं सभी कार्यपालक निदेशकगण व ब्लास्ट फर्नेस के पूर्व अधिकारीगणों ने 200 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन का बधाई संदेश देते हुए गुब्बारा छोड़ा। इस महत्वपूर्ण अवसर पर सेल चेयरमै अनिल कुमार चौधरी द्वारा दिये गये बधाई व शुभकामना संदेश का वाचन उप महाप्रबंधक सीएसआर सौरभ सिन्हा ने किया। इस अवसर पर ब्लास्ट फर्नेस के पूर्व अधिकारियों का सम्मान संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ए के रथ ने शॉल व श्रीफल भेंट कर किया। संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ए के रथ ने इस्पात बिरादरी को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन भिलाई बिरादरी के लिए एक गौरवशाली दिन है। जब हमने 200 मिलियन टन हॉट मेटल का उत्पादन करने में सफल हुए हैं। आज का हमारा यह समारोह कर्मवीरों को धन्यवाद देने का समारोह है। समस्त उतार-चढ़ावों के बीच भिलाई ने अपने झंडे को ऊँचा रखा है। उपलब्धियों से हमें आगे बढऩे के लिए ऊर्जा मिलती है। आज इस समारोह में हमारे ब्लास्ट फर्नेस के पुराने साथी हमें आशीर्वाद देने पहुँचे हैं यह हमारे लिए गर्व का विषय है। नेहरु जी ने सही कहा था कि भिलाई, आधुनिक भारत का औद्योगिक तीर्थ है। भिलाई इस्पात संयंत्र की राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका है। राइजिंग भिलाई के साथ हम 7 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करते हुए इस भूमिका को और अधिक सुदृढ़ करेंगे।

इसके अतिरिक्त समारोह में संयंत्र के कार्यपालक निदेशक पी के दाश ने भी संबोधित किया।  इस अवसर पर सेल ऐंथेम के साथ ही संयंत्र के जनसम्पर्क विभाग द्वारा निर्मित एक फिल्म का भी प्रदर्शन किया गया। समारोह के अंत में उप महाप्रबंधक जनसम्पर्क विजय मैराल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।  200 मिलियन टन के इस महती सोपान पर पहुँचने में भिलाई ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे। परन्तु मेहनतकश भिलाई के पसीने की खुशबू ने आज फिर एक नये शिखर पर ले आया। प्रतिवर्ष 1 मिलियन टन से प्रारंभ यह सफर आज 7.5 मिलियन टन हॉट मेटल तक आ पहुँचा।

200 मिलियन टन हॉट मेटल की यह यात्रा 4 चरणों में सम्पन्न हुई

1 मिलियन टन चरण- प्रथम चरण के दौरान ब्लास्ट फर्नेस-1, 2 व 3 को क्रमश: 4 फरवरी, 1959, 28 दिसम्बर, 1959 व 28 दिसम्बर, 1960 को कमिशन किया गया। 2.5 मिलियन टन के द्वितीय चरण के तहत दिसम्बर, 1964 में ब्लास्ट फर्नेस-4 के आने तक इस चरण में कुल 5.66 मिलियन टन हॉट मेटल का उत्पादन किया गया।

2.5 मिलियन टन चरण- द्वितीय चरण के दौरान ब्लास्ट फर्नेस-4, 5 व 6 को क्रमश: 8 दिसम्बर, 1964, 27 नवम्बर, 1966 व 31 जुलाई, 1971 को कमिशन किया गया। 4 मिलियन टन के तृतीय चरण के तहत अगस्त, 1987 में ब्लास्ट फर्नेस-7 के आने तक इस चरण में कुल 57 मिलियन टन हॉट मेटल का उत्पादन किया गया।

4 मिलियन टन चरण- तृतीय चरण के दौरान ब्लास्ट फर्नेस-7 का 30 अगस्त, 1987 को कमिशन किया गया। 7 मिलियन टन के चैथे चरण के तहत 2 फरवरी, 2018 में ब्लास्ट फर्नेस-8 के आने तक इस चरण में कुल 197 मिलियन टन हॉट मेटल का उत्पादन किया गया।

7 मिलियन टन चरण- 7 मिलियन टन आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण योजना के तहत चैथे चरण के दौरान ब्लास्ट फर्नेस-8, का 2 फरवरी, 2018 को कमिशन किया गया। ब्लास्ट फर्नेस-8 ने उत्पादन के अनेकों मंजिलें पार की। 18 अक्टूबर, 2018 को 1 मिलियन टन उत्पादन का माइल्सस्टोन पार किया। सेल के सभी संयंत्रों में सबसे तेजी से इस रिकॉर्ड को कायम किया। वर्तमान में यह 6,500 टन हॉट मेटल प्रतिदिन की दर से उत्पादन कर रहा है और 2 फरवरी, 2019 को यह एक वर्ष पूर्ण कर लेगा। जिसके तहत वह लगभग 1.63 मिलियन टन का उत्पादन कर चुका होगा। साथ ही 2 मिलियन टन का उत्पादन अप्रैल, 2019 में पूर्ण करने की संभावना है।

भिलाई इस्पात संयंत्र ने 200 मिलियन टन तक पहुँचने के दौरान अनेक महत्वपूर्ण पड़ाव पार किये। 200 मिलियन टन तक पहुँचने के महत्वपूर्ण पड़ाव निम्नानुसार हैं:-

25 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन- जुलाई, 1974

50 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन- नवम्बर, 1984

100 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन- जुलाई, 1988

150 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन- अप्रैल, 2009

200 मिलियन टन हॉट मेटल उत्पादन- 21 जनवरी, 2019

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