विद्युत विभाग के अधिकारियों पर पॉलिसी पद्धति में गड़बड़ी व भ्रष्टाचार का लगाया आरोप-छीपा

मुख्यमंत्री बघेल से की इन अधिकारियों को हटाने की मांग
भिलाई। छत्तीसगढ डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन के वरिष्ठ नेता एन आर छीपा जो कि छत्तीसगढ स्टेट पॉवर डिस्ट्रूब्यूशन कंपनी लिमिटेड में सहायक यंत्री डोंगरगढ में पदस्थ है। उन्होंने शनिवार को एक पत्रवार्ता में कहा कि सीपीडीसीएल कंपनी के चार अधिकारियों जिसमें एच आर नरवरे, एम एस रत्नम, प्रभारी चेयरमेन अंकित आनंद पर विद्युत विभाग की पॉलिसी पद्धति में भारी गड़बडी व भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इन्हें हटाने और साफ सुथरे विद्युत इंजीनियर अधिकारियों को इनके स्थान पर लाने कीमांग की है। उन्होने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल जमीनी नेता है, और उन्ही के पास ऊर्जा विभाग है, श्री छीपा ने आगे कहा कि विद्वान इंजीनियर को विद्युत विभाग में कोई पूछ नही रहा है, वहीं सिविल इंजीनियर एम एस रत्नम जैसे लेाग उर्जा विभाग के विशेष सचिव बनकर 15 से 20 सालों से यहां जमे हुए है। मेरे द्वारा लगातार विद्युत विभाग में हुए भारी भ्रष्टाचार व ट्रांस्फर पॉलिसी में हुई भारी गडबडी की शिकायत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से भी अनेको बार करने के बावजूद भी आज तक इन बडे अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नही हुई। इसी का नतीजा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह की सरकार को जनता ने साफ कर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि कंपनी में चेयरमेन रहे शिवराज सिंह चुनाव नतीजा 11 दिसंबर को आने के बाद 12 दिसंबर को ही अपने पद से इस्तीफ दे दिये। यदि वे साफ थे तो वह अपने पद पर बने रहते, यानि कि विद्युत विभाग में भारी भ्रष्टाचार है, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। विद्युत कंपनी के अधिकारियों ने मेरे उपर जो आरोप मढे है, कि मैं विद्युत मंडल विभाग की छवि मीडिया के माध्यम से धूमिल कर रहा हूं, जो कि सरासर गलत है, चूंकि मैं डिप्लोमा इंजीनियरिंग एसोसिएशन का नेता हूं, लोकतंत्र में मुझे लोकहित व जनहित के मुद्दे उठाने व रखने का पूरा अधिकार है। इसी के तहत मैं शुरू से ही मुखर रहा। मेरे द्वारा आरोप पत्र के संबंद्ध में पांच पन्नों का जवाब महाप्रबंधक छग स्टेट प्राईवेट डि.क.लिमिटेड डंगनिया रायपुर को जवाब दे दिया हूं। विद्युत मंडल व प्रशासन लोकहित कर्मचारी शासनहित के विरूद्ध कार्य कर रहे हैं। और मैं संगठन व सदस्यों के हित के लिए शुरू से ही अपनी आवाज बुलंद कर रहा हंू। पूरे छग प्रदेश में सहायक अभियंता के पद पर 20 प्रतिशत ही तबादला होना था लेकिन नीचे से लेकर उपर तक अधिकारियों ने 40 प्रतिशत से अधिक तबादले कर डाले जो कि नियम विरूद्ध है। मैं कई बार एमडी,डायरेक्टर व अधिकारियों से शिकायत के संबंध में मिला लेकिन कोई खास जवाब नही मिला।