छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

बीएसपी का महामाया फार्नेस सेल में समान क्षमता के फर्नेसों में सबसे तेजी से प्रगति करने वाला फर्नेस

चार मिलियन टन संचयी उत्पादन के मील के पत्थर को पार किया

भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के सबसे बड़े ब्लास्ट फर्नेस-ब्लास्ट फर्नेस-8 महामाया के सुचारू संचालन एवं रखरखाव करने वाली पूरी टीम आज बीएफ-8 के सभागार में एक साथ एकत्रित हुई और इसके उत्पादन को उच्चतम स्तर तक ले जाने वाले सभी सहयोगी विभागों के कर्मचारियों के साथ मिलकर मंगलवार को 4 मिलियन टन संचयी उत्पादन के मील के पत्थर को पार करने की उपलब्धि का जश्न मनाया।  इसी के साथ बीएसपी का बीएफ-8 इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को तेजी से हासिल करने वाला सेल का प्रथम ब्लास्ट फर्नेस बन गया।

उल्लेखनीय है कि 155 दिनों में बीएफ-8 ने 3 मिलियन टन से 4 मिलियन टन की उत्पादन यात्रा को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। ज्ञात हो कि 3 से 4 मिलियन टन की यात्रा को पूरा करने में सेल के राउरकेला इस्पात संयंत्र में स्थापित समान क्षमता के ब्लास्ट फर्नेस को 230 दिनों जबकि इस्को, बर्नपुर में स्थापित समान क्षमता के ब्लास्ट फर्नेस को 191 दिनों लग गए।

इस समारोह में संयंत्र के कार्यपालक निदेशक खदान एवं रावघाट मानस बिस्वास, निदेशक प्रभारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ एस के इस्सर, कार्यपालक निदेशक सामग्री प्रबंधन  राकेश, कार्यपालक निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एस के दुबे, कार्यपालक निदेशक वक्र्स  बी पी सिंह एवं पूर्व कार्यपालक निदेशक प्रभारी सामग्री प्रबंधन एस के बसर को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों, मुख्य महाप्रबंधक और संयंत्र के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने टीम महामाया के सदस्यों और सभी सहयोगी शॉपों व विभागों के कर्मचारियों को बधाई दी जिनके सहयोग के फलस्वरूप ब्लास्ट फर्नेस-8 ने उत्पादन के अधिकतम स्तर को बनाए रखा। इस उपलब्धि को औपचारिक रूप से केक काटने के साथ मनाई गई। सेल के निदेशक (प्रोजेक्ट्स) एवं बीएसपी के सीईओ श्री अनिर्बान दासगुप्ता ने बधाई संदेश के साथ एक केक को विशेष आर्डर से भिजवाया था।

इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक खदान एवं रावघाट मानस बिस्वास ने  टीम महामाया और सहयोगी विभागों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सेल में अग्रणी होने के साथ 4 मिलियन टन मील के पत्थर को पार करने में बीएफ-8 ने निष्पादन के सभी क्षेत्रों में तकनीकी-आर्थिक मापदंडों सहित उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता का रा-मटेरियल न मिलने के बावजूद अपनी क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने आश्वस्त किया कि माइन्स विभाग ने उच्च गुणवत्ता के आयरन ओर के लिए अनेकों पहल किए हैं जिसमें स्लाईम बेनेफिसिएशन इकाई से बेहतर गुणवत्ता वाले अयस्क का उत्पादन और आपूर्ति शामिल है। अब पूर्वी भारत में सेल की खदानों से उच्च श्रेणी के आयरन ओर फाइंस अधिक मात्रा में प्राप्त करने का पहल भी किया जा रहा है।

इस अवसर पर सेल के निदेशक प्रोजेक्ट्स एवं बीएसपी के सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता की ओर से कार्यपालक निदेशक वक्र्स बी पी सिंह ने बधाई देते हुए कहा कि  उन्होंने व्यक्तिगत रूप से देखा है कि टीम महामाया के सदस्य अपने उपकरणों के उत्पादन और रखरखाव के बारे में उत्कृष्टता के साथ कार्य करते हैं। महामाया बीएसपी का गौरव है, उन्होंने कहा कि संयंत्र का प्रदर्शन काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि बीएफ-8 कैसे प्रदर्शन करता है। बीएफ-8 टीम के साथ-साथ सहयोगी विभागों के सभी लोगों को बधाई देते हुए, श्री सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि 4 मिलियन टन से 5 मिलियन टन तक की यात्रा, यह टीम और भी कम समय में पूरा करेगा।

इस अवसर पर पूर्व कार्यपालक निदेशक प्रभारी सामग्री प्रबंधन बसर ने टीम महामाया को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि बीएफ-8 ने आरएसपी और इस्को में समान फर्नेसों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है, जिनके पास भिलाई से बेहतर गुणवत्ता वाला कच्चा माल है। यह दर्शाता है कि टीम बेहतर तरीके से फर्नेस प्रचालन कर रही है और कर्मचारियों की उत्कृष्टता उच्च स्तर की है। अब हमें निजी क्षेत्र में अग्रणी इस्पात संयंत्रों में समान फर्नेसों के साथ बेंचमार्क करना चाहिए।

समारोह के दौरान बीएफ-8 के 4 मिलियन टन यात्रा पर एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

उन्नत स्वचालन और नियंत्रण प्रणालियों के साथ अत्याधुनिक फर्नेस से दैनिक उत्पादन का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। 2 फरवरी, 2018 को इसके ब्लोइंग-इन के 258 दिनों बाद 18 अक्टूबर, 2018 को बीएफ-8 से 1 मिलियन टन संचयी उत्पादन के आँकड़े को पार कर लिया गया। इसी प्रकार 1 अपै्रल, 2019 को बिना आक्सीजन संवर्धन के सहयोग से ब्लोइंग-इन के 423 दिनों बाद 2 मिलियन टन के मील के पत्थर को प्राप्त कर लिया गया।

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