सिटी बस परिचालन में बरती जा रही लापरवाही से आम जनमानस हलाकान
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जनप्रतिनिधियों को परवाह न ही अफसर दे रहे ध्यान
भिलाई। फोरलेन पर दुर्ग से कुम्हारी के बीच चलने वाली सिटी बसों का शाम ढलने के साथ ही कोई माई-बाप नहीं रह जाता। अंतिम दौर के फेरों का परिचालन ड्रायवर और कंडक्टर की मनमर्जी पर निर्भर रहने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लोग लंबे इंतजार के बाद परिवहन के दूसरे निजी विकल्प का सहारा लेने मजबूर हो रहे हैं। इससे उनके जेब पर फर्क पडऩे के साथ ही समय भी खराब हो रहा है।सिटी बस परिचालन में बरती जा रही लापरवाही से आम जनमानस हलाकान है। लेकिन इसकी कोई परवाह न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों को है और न ही जिम्मेदार अफसर ध्यान दे रहे हैं। नियमत: दुर्ग से कुम्हारी के बीच 12 सिटी बसें चार-चार फेरा लगाती है। लेकिन कुछ दिनों से यह नियम तार-तार हो रहा है। पहले कुम्हारी के लिए आखिरी सिटी बस साढ़े 7 बजे छूटती थी। यह बस दुर्ग, सुपेला, पावर हाउस आदि के नौकरी पेशा लोगों की घर वापसी के लिए बेहद ही अनुकूल थी।यह बस 20 मिनट का समय लेकर 7.50 बजे सुपेला चौक पहुंचती थी। लेकिन आज कल इस बस के आने का कोई ठिकाना नहीं रह गया है। इतना ही नहीं सुपेला चौक पर 7.15 बजे के बाद कुम्हारी के लिए सिटी बस आएगी भी या नहीं इसमें निश्चितता नहीं होने से दैनिक यात्री हलाकान है। जबकि पहले सुपेला चौक पर 7 बजे से 8.50 के बीच 4 सिटी बसें चलती थी। अब इस समयावधि में केवल एक सिटी बस चलने से उसके आने का कोई निश्चित समय नहीं रह गया है। इस स्थिति में सड़क पर लोगों को खड़े होकर लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। एकाध बस आ भी जाती है तो उसमें भीड़ इतनी होती है कि लोग चाहकर भी प्रवेश नहीं कर पाते।यहां पर यह बताना भी लाजिमी है कि किसी बसों का संचालन का जिम्मा सरकारी स्तर पर निजी कंपनी को नियम व शर्तोंं के तहत दिया गया है। ऐसे में नियम व शर्तों के उल्लंघन को संज्ञान में लेने की जिम्मेदारी सरकार के नुमाईंदों और जनप्रतिनिधियों की बनती है। लेकिन शाम ढलने के बाद सिटी बसों का परिचालन ड्राइवर और कंडक्टर की मनमर्जी पर निर्भर हो जाने से आम जनता को होने वाली परेशानी की परवाह कोई भी जिम्मेदार करता दिख नहीं रहा है। जनप्रतिनिधियों और अफसरों का कोई दबाव नहीं होने से सिटी बस परिचालन में मनमाने से फेरो में कटौती की जा रही है। हालांकि कुछ दिन पूर्व फ्लाई ओव्हर निर्माण शुरू होने पर चौक-चौराहों पर अव्यवस्था के चलते लगने वाली जाम के चलते देरी की वजह से सिटी बसों के फेरो में कटौती की मजबूरी बताई जा रही थी। लेकिन अब ट्रेफिक सामान्य हो जाने के बावजूद शाम ढलने के बाद दुर्ग से कुम्हारी के बीच फेरो में कटौती समझ से परे हैं।इस मनमानी की वजह से सबसे अधिक हलाकान उन यात्रियों को होना पड़ रहा है जो 7 बजे के बाद सुपेला, चंद्रा-मौर्या व पावर हाउस चौक में खड़े होकर सिटी बस का इंतजार करते हैं। ऐसे लोगों को जब लंबे इंतजार के बाद सिटी बस के नहीं आने पर निजी मिनी बस और आटो से जाना पड़ता है तो उनका समय तो खराब होता ही है साथ में दुगुनी किराये का भी भुगतान उन्हें करना पड़ता है।रायपुर की तरफ से आने वाले भी हलाकानशाम ढलते ही सिटी बसों के दुर्ग से कुम्हारी की ओर गुजरने का कोई ठिकाना नहीं रहने से रायपुर की तरफ से भिलाई-दुर्ग की ओर आने वालों की दिक्कतें बढ़ गई है। ऐसे कई दैनिक यात्री है जो रायपुर से सिटी बस पकड़कर कुम्हारी आते हैं और फिर वहां से दूसरी सिटी बस से भिलाई-दुर्ग पहुंचते हैं। इन यात्रियों में ज्यादातर नौकरी पेशा वर्ग के हैं और शाम को घर लौटते हैं। पहले जब दुर्ग से शाम 7.30 बजे छूटने वाली बस 8.30 बजे तक कुम्हारी पहुंचकर पुन: दुर्ग लौटती थी तो ऐसे यात्रियों की घर वपासी सुगम तरीके से होती थी। लेकिन अब कुम्हारी से दुर्ग की ओर आने वाली सभी सिटी बसें 8 बजे से पहले ही लौट जाती है जिससे रायपुर की तरफ से आने वाले दैनिक यात्री हलाकान है।